iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
Media Gallery
X
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
अल्पयू सिंह
alpyu.singh
Edit Profile
लेखक आज तक न्यूज चैनल में एसोसिएट सीनियर प्रोड्यूसर हैं.
प्रोफाइल बनाएं
*Required
लेखक आज तक न्यूज चैनल में एसोसिएट सीनियर प्रोड्यूसर हैं.
सोशल मीडिया हैंडल
Done
Cancel
स्टोरी
आपकी स्टोरी
पसंदीदा
हाल में पढ़ी
सियासत
|
4-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
बड़ी दक्षिणपंथी है डगर यूरोप की
राष्ट्रपति चुनाव के पहले राउंड से एक महीना प्रचार रैली में ऐसे उग्र राष्ट्रवादी नारों के जरिए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार 'मेरीन ली पेन' क्या दुनिया को भविष्य के यूरोप की झलक दिखा रही हैं?
सियासत
|
4-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
सच्चाई सामने है... सिर्फ देखना ही तो है
माना जा रहा है कि ट्रंप के ही कार्यकाल में 2.1 मिलियन असुरिक्षत अबॉर्शन हो सकते हैं, जिनमें जान गंवाने वाली महिलाओं का आंकड़ा 21,700 तक भी जा सकता है.
सियासत
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
जर्मनी में 'बुर्के पर बैन' तो शुरुआत भर है
यूरोप भर में इस्लाम विरोध की जो बयार बह रही है उसने जर्मनी की धरती पर भी उग्र दक्षिणपंथ की ऐसी आग दहका दी है जिसमें उदारवादी राजनीति का जल कर भस्म हो जाना स्वाभाविक ही है.
समाज
|
5-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
जानिए कैसे पल रहे हैं दुनिया के सबसे लहूलुहान बच्चे !
क्या सीरिया निओ कोल्ड वॉर डिप्लोमेसी के लिए खेल का मैदान बन गया है? जहां अमेरिका और रूस पावरप्ले के नए नए दांव चल रहे हैं. तैयार रहिए, इस क्रूर राजनीति के बीच हमें कई और एलन कुर्दी और उमरान दकनीश की कलेजा चीर देने वाली तस्वीरें देखनी होंगी..
समाज
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
खुदा के दरबार में मंटो की जिरह सही सी लगती है...
मंटो जब खुदा के दरबार में पहुंचा तो उसने खुदा से कहा 'तुमने मुझे क्या दिया, 42 साल, कुछ महीने, और कुछ दिन.' वाकई मंटो की ज़रुरत हर दौर को है और इसीलिए खुदा से उनकी ये जिरह सही ही लगती है.
सियासत
|
4-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
जरा संभल के चल ए तंगदिल यूरोप!
एलन कुर्दी की मौत के बाद नंगी हुई यूरोप की तंगदीली आज भी वहीं की वहीं है. बल्कि वो आज और खुलकर सबके सामने है. लेकिन सवाल तो ये है कि यूरोप अपने बीते कल से सबक लेगा?
समाज
|
4-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
जब सच ही अफवाह बन जाए, तो क्या कीजिएगा?
अतिभावुकता और अति प्रतिक्रियावादी हो गए विचारों में कौन कितना' लेफ्ट' की ओर झुक रहा है तो कौन 'राइट' होने का दावा करता है. समझना मुश्किल है.
सिनेमा
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
शतरंज का ये खेल ओवरप्ले होने से बाल-बाल बचा
कहानी भले ही दोस्ती और बदले की है, लेकिन अमिताभ बच्चन दर्द की उस कड़ी को जोड़ने में कामयाब हुए हैं जिसके एक सिरे से असल जिंदगी में वो लोग जुड़े हैं जिन्होंने अपनों को खोया है और इंसाफ के इंतजार में हैं.
सियासत
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
38 साल पुरानी घटना से प्रेरणा लेकर सोनिया ने दिया एक बयान
सोनिया गांधी कम बोलती हैं. लेकिन जब भी बोलती हैं तो उसके कई मायने निकाले जाते हैं. हेराल्ड मामले में पेशी से पहले उन्होंने सास इंदिरा का नाम लिया तो इतिहास के पन्ने पलटे जाने लगे, आखिर क्यों लिया था उन्होंने इंदिरा का नाम?
सिनेमा
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
विंडो सीट से तमाशा-ए-जिंदगी देखते इम्तियाज
इम्तियाज सूफी दर्शन की उस फिलॉस्फी को बहुत गहराई से मानते हैं जिसमें खुद को पाने का रास्ता खुद को खोने के दौरान ही मिलता है. ये जीवन दर्शन उनके फिल्मी व्याकरण में साफ दिखाई पड़ता है.
समाज
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
ये जबां खामोश है....जरा सुनिए ?
सालों से खामोशी की पैहरन ओढ़े गुलजार की बोली को समझने की कोशिश करनी ही होगी. ये समझने की कोशिश करनी होगी, समाज को भी और सियासत को भी.
समाज
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
अल्पयू सिंह
@alpyu.singh
ईश्वरप्पा जी के नाम खुली चिट्ठी
2 साल, 5 साल या 80 साल. महिलाओं को लेकर अपराध करने वाले न उम्र देखते हैं, न वर्ग! ऐसे में आपने महिला पत्रकार से सही ही कहा - अगर कोई उनका रेप कर दे तो आप क्या कर सकते हैं?