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Updated: 28 नवम्बर, 2017 05:22 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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रिलायंस जियो सितंबर 2016 में लॉन्च हुआ और इसके बाद तो जैसे हिंदुस्तानी डेटा और टेलिकॉम पैक्स की काया ही पलट गई. रिलायंस जियो ने भारत में क्या-क्या बदला और कैसे किसी हिंदुस्तानी की जिंदगी बदली इसपर क्वोरा (Quora) पर एक सवाल पूछा गया था. इस सवाल का जवाब कई लोगों ने दिया है और ये काफी दिलचस्प भी है...

1. जियो के कारण बचाए 20 हजार रुपए...

इस पोस्ट पर एक यूजर के अनुसार जियो का इस्तेमाल करते - करते उसने 20 हजार रुपए बचा लिए. ऋषिकेश दास का कहना है कि वो जियो जुलाई 2016 से इस्तेमाल कर रहे हैं (ये तभी हो सकता है अगर वो रिलायंस के कर्मचारी हों क्योंकि जियो सितंबर 2016 में लॉन्च हुआ है) इस स्टूडेंट का दावा है कि उनका मंथली बिल 2000 रुपए तक आता था.. सारे हाई स्पीड इंटरनेट कैफे, डेटा पैक और कॉल बिल को मिला लिया जाए तो... इसके बाद उन्होंने Lyf हैंडसेट लिया और ये 3000 रुपए का था. एक साल जियो इस्तेमाल करने के बाद वो कहते हैं कि जियो ने उनके 20 हजार बचाए.

जियो, मुकेश अंबानी, 4G

24000-3000 (Lyf हैंडसेट) -99 (प्रइम मेंबरशिप) - 303 (जियो प्लान) = 20598)

अब अप्रैल 2017 तक उन्होंने 1 साल कैसे पूरा कर लिया ये तो वही जाने, लेकिन फिर भी जहां तक बचत की बात है वहां तक ये माना जा सकता है कि जियो के आने के बाद लोगों ने काफी बचत की है.

2. अब लगता है हम हैं मालिक...

संचित चुघ एक और यूजर हैं जिनका कहना है कि वो एयरटेल जो 1 जीबी डेटा 255 रुपए में 28 दिन के लिए देती थी अब वो मिन्नत कर रही है कि उनका 2GB डेटा 51 रुपए में 30 दिनों के लिए फ्री कॉल्स सर्विस के साथ ले लिया जाए. अब अगर किसी बस स्टॉप या मार्केट पर वाईफाई ऑन करते हैं तो कम से कम 6 हॉटस्पॉट मौजूद रहते हैं.

3. सीनियर सिटिजन भी कर रहे हैं 4G का इस्तेमाल...

इसी तरह एक यूजर ने कुछ और तर्क दिए...

जियो के आने के बाद उनके पिता जो शायद 2G फोन भी नहीं इस्तेमाल करते थे अब 4G फोन इस्तेमाल कर रहे हैं. अब उनके पास वॉट्सएप, फेसबुक, नेटबैंकिंग सब है.

अब लोग ये नहीं सर्च करते कि वाईफाई का पासवर्ड कैसे हैक किया जाए या इंटरनेट की स्पीड तेज करने की ट्रिक क्या है. अब किसी के पास भी बैलेंस खत्म होने का बहाना नहीं है.

भारत 100 करोड़ Gb से भी ज्यादा डेटा इस्तेमाल करता है. अब फोन में फिल्म देखी जा रही है बिना वाई-फाई कनेक्शन के भी.

4. लोकल से सीधे इंटरनेशनल..

एक यूजर आकाश रंजन ने बहुत बेहतर जवाब दिया. उन्होंने 2014 में आईडिया सीईओ हिमांशू कपानिया का स्टेटमेंट बताया जिसमें सीईओ साहब ने कहा था कि भारत 4G के लिए अभी तैयार नहीं है.

दूसरा स्टेटमेंट टिम कुक का है जो 2017 में दिया गया है जिसमें उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत में 4G का रोलआउट सबसे तेज हुआ है.

कुछ और भी बदलाव आए हैं जियो के आने के बाद...

जियो के आने के बाद इंटरनेट स्पीड पर काम हुआ. अब हम ये कह सकते हैं कि हमारे देश में 4G है. जो यूजर्स 2G से कभी आगे नहीं बढ़े थे एक साल में वो 4G पर पहुंच गए. अब क्रिकेट मैच भी लाइव देखे जाते हैं और लाइव स्ट्रीमिंग एप्स बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं.

लोग शायद अब मिस कॉल का मतलब ही भूल गए हैं. फ्री कॉलिंग सुविधा जियो ने शुरू की और बाकी कई नेटवर्क्स ने फिर फ्री कॉलिंग, फ्री हॉटस्पॉट सब कुछ मिलने लगा है. ऐसे में अगर देखा जाए तो जियो के आने के बाद से काफी कुछ बदल गया है. ऐसा कहना कि जियो ने क्रांति ला दी है गलत नहीं होगा.

भले ही बुराई करने के लिए बहुत से कारण हैं, लेकिन अगर देखा जाए तो जियो के आने से सिर्फ टेलिकॉम कंपनियों का ही नुकसान हुआ है और ग्राहकों को कुछ न कुछ बेहतर ही मिला है. जियो का बिजनेस मॉडल काफी अलग है और फाइबर ऑप्टिक लाइन पर इनवेस्ट करने के बाद अब कंपनी का अहम काम है अपना यूजर बेस बढ़ाना. एक बार अपना नेटवर्क खड़ा कर लेने और यूजर बेस बना लेने पर अपने आप इनकम होने लगती है. जो यूजर बेस जियो ने खड़ा किया है वो किसी भी टेलिकॉम कंपनी से ज्यादा है और इसके कारण धीरे-धीरे लागत निकालना और मुनाफा कमाना आसान है. यही बिजनेस मॉडल रिलायंस का रिम फोन के साथ भी था.

तो एक तरह से इससे यूजर्स को फायदा ही हुआ है. वैसे भी जहां कहीं किसी भी कारण से बचत हो रही हो तो फिर इसमें बुराई है ही क्या. बहरहाल, इतना तो कहा जा ही सकता है कि जियो ने वाकई भारतीयों की जिंदगी काफी हद तक बदल दी.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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