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Updated: 08 अगस्त, 2017 07:15 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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गूगल... एक कंपनी, एक सर्च इंजन, इंटरनेट का एक अहम हिस्सा. यहां काम करने और काम पाने के लिए लोग तरसते हैं. वो कंपनी जहां हर तरह की छूट है, वो ऑफिस जहां आप अपने कुत्तों को भी साथ लेकर ऑफिस जा सकते हैं. वो ऑफिस जहां आपके सोने से लेकर खाने-पीने, स्विमिंग करने, खेलने-कूदने सबकी व्यवस्था है. उस ऑफिस में लाखो कर्मचारी हैं महिलाएं और पुरुष. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि गूगल की दुनिया जो इतनी हसीन दिखती है वो उतनी होगी नहीं?

गूगल, सुंदर पिचाई, महिलाएं

अगर आपने हाल ही में गूगल के सेक्सिस्ट होने की बात सुनी है तो मुझे उम्मीद है कि आपको इस मामले के बारे में कुछ तो पता होगा. अगर नहीं पता तो बता दूं कि गूगल के एक कर्मचारी (जो अब एक्स कर्मचारी हो गया है) ने 3000 शब्दों का एक मेमो भेजा इंटरनली जो सभी कर्मचारियों ने पढ़ा. इस मेमो ने इतना बवाल मचाया कि गूगल (अल्फाबेट) के सीईओ सुंदर पिचाई को अपनी छुट्टी कैंसिल करनी पड़ी.

इस मेमो का टाइटल था “Google’s Ideological Echo Chamber” इस मेमो में लिखा हुआ था कि क्यों महिलाएं अच्छी तरह से कोडिंग नहीं कर सकती हैं और टेक इंडस्ट्री के लिए सही नहीं हैं. इसके अलावा, उस मेमो में ये भी बताया गया कि क्यों बायोलॉजिकली लड़कियां टेक फील्ड के लिए सही नहीं हैं. ये इतना बड़ा बवाल हुआ कि सभी कर्मचारी आपस में ही झगड़ने लगे. गूगल की नई डाइवर्सिटी, इंटिग्रिटी और गवर्नेंस वाइस प्रेसिडेंट को सफाई देनी पड़ी.

गूगल के कर्मचारियों ने भले ही बहस की हो, लेकिन क्या आपको लगता है कि ऐसा वाकई है? हर तरफ फेमिनिस्ट और सेक्सिस्ट लोग दिखते हैं. इंटरनेट पर बहस छिड़ती है, लेकिन सबसे अच्छे ऑफिस, सबसे फ्री ऑफिस और सबसे बड़ी टेक कंपनी में भी इस तरह लोग महिलाओं के प्रति बात कर सकते हैं. क्या वाकई आपको लगता है कि ऐसा है कि महिलाएं टेक फील्ड में कम हैं, चलिए कुछ आंकड़ों की बात करते हैं?

- भारत में सबसे ज्यादा महिलाओं का रिक्रूटमेंट टेक फील्ड में होता है. - गूगल में भी लगभग आधी महिलाएं हैं जो अपना काम बेहतर कर रही हैं.

चलिए अब बात करते हैं कुछ महिलाओं की जिन्होंने टेक वर्ल्ड में कुछ नया किया है...

1. बनाया वियरेबल सेंसर

ये हाल ही की बात है. एक इंडियन इंजीनियर मनीशा मोहन जो मासाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में रिसर्च साइंटिस्ट हैं एक ऐसा सेंसर बना चुकी हैं जो सेक्शुअल असॉल्ट के खिलाफ एक्टिव रहेगा. यानी इस सेंसर को ये पता रहेगा कि कौन अपनी मर्जी से कपड़े उतार रहा है और किसके साथ जबरदस्ती हो रही है. ये तब भी काम करेगा जब लड़की बेहोश होगी और इस सेंसर की मदद से उसके परिजनों तक खबर पहुंचाई जा सकेगी.

गूगल, सुंदर पिचाई, महिलाएं

2. सुसन कारे

ये एपल डिजाइनर स्टीव जॉब्स के साथ काम करती थीं और इनके कारण ही मैक कम्प्यूटर को उसका मौजूदा आकार मिल पाया है. इसमें कमांड इंटरफेस, हैप्पी मैक आइकन आदि बहुत कुछ शामिल हैं. यूं कहा जा सकता है कि अगर ये ना होती तो एपल कम्प्यूटर को जिंदगी नहीं मिलती.

3. ग्रेस हॉपर

अगर आपने कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई की है (स्कूल में ही सही) तो आपने COBOL यानी कॉमन बिजनेस ओरिएंटेड लैंगुएज का नाम जरूर सुना होगा. ये भाषा इन्होंने ही बनाई थी जिसे शुरुआती दौर में काफी इस्तेमाल किया जाता था.

4. रॉबर्टा विलियम्स

वो समय जब वीडियो गेम और एडवेंचर गेम सिर्फ कम्प्यूटर प्रोग्रामर ही खेला करते थे, उस समय इन्होंने पहला एडवेंचर गेम किंग्स क्वेस्ट बनाया था. ये गेम इतना लोकप्रिय हुआ कि इसके 8 सीक्वेल बने.

गूगल, सुंदर पिचाई, महिलाएं

5. रेडिया पर्लमैन

नेटवर्किंग और ईथरनेट जिसके कारण ऑफिस में आज काम हो पाता है और इंटरकनेक्टिविटी हो पाती है ये सब रेडिया के कारण ही मुमकिन हुआ. रेडिया का स्पैनिंग ट्री प्रोटोकॉल ही इस सिस्टम को बनाने के लिए सीढ़ी साबित हुआ.

ये तो सिर्फ कुछ नाम हैं. मेरिसा मेयर, शेरिल सैंडबर्ग जैसे कई नाम हैं जो अभी भी टेक वर्ल्ड को काफी कुछ दे रही हैं. तो ये कहना बिलकुल गलत होगा कि महिलाएं टेक वर्ल्ड के लिए सही नहीं हैं.

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#गूगल, #महिलाएं, #तकनीक, Google, Google News, Sundar Pichai

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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