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Updated: 02 मार्च, 2017 07:28 PM
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15 से 29 साल उम्र वालों की आत्‍महत्‍या की भारतीय दर दुनिया में सबसे अधिक है.

फेसबुक पर इसी उम्र वाले 90 फीसदी यूजर हैं, जो सबसे ज्‍यादा एक्टिव भी हैं....

तो सुसाइड रोकने के लिए फेसबुक की पहल यदि कमाल करेगी, तो उसका बड़ा फायदा भारत में भी होगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि डिप्रेशन के शिकार युवा अपने मन की भड़ास फेसबुक पर निकालते हैं. अब उनकी इन्‍हीं बातों को फेसबुक का विशेष टूल स्‍टडी करेगा. और यदि हालात चिंताजनक हुए तो कुछ लोगों तक इसकी चेतावनी भी पहुंचेगी.

अब आइए, इसे विस्‍तार से समझते हैं -

आत्महत्या शब्द जहन में आते ही रूह कांप जाती है. आखिर कोई इंसान आत्महत्या क्यों और किन परिस्थितियों में करता है ? उसके सामने ऐसी क्या मजबूरी होती है कि वह प्रकृति के इस तोहफे को खत्म कर देता है ? ये एक ऐसा प्रश्न है जो जिंदगी खत्म होने के बाद इसके जवाब भी दफ्न हो जाते हैं. लेकिन, जब से फेसबुक लाइफ शुरू हुआ है तब से कई ऐसे मामले आए हैं जिससे लोग सीधा प्रसारण करके सुसाइड करते हैं और मन की बात भी शेयर करते हैं. इस खतरनाक कदम को रोकने के लिए फेसबुक ने ऐसा काम किया है जो काफी अच्छी है. जिसने ऐसा करने का भी सोचा तो फेसबुक उसे पकड़ लेगा और यही नहीं एक क्लिक से आप भी सुसाइड से रोक सकते हैं अपने जानने वाले को...

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सुसाइड प्रीवेंशन नाम का यह टूल फेसबुक लाइव वीडियो में होगा, ताकि लोगों को रियल टाइम में मदद मिल सके. यह टूल पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस होगा जो फेसबुक लाइव वीडियो से जुड़ा होगा. इस टूल की मदद से crisis support organisations के एक्सपर्ट लाइव वीडियो और मैसेंजर के जरिए हेल्प करेंगे.

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कैसे करेगा काम?

अगर आप किसी लाइव ब्रॉडकास्ट के माध्यम से कुछ विचाराधीन देखतें है तो आपको एक ऑप्शन शो होगा जिसकी मदद से आप किसी आर्गेनाइजेशन से सीधे सम्पर्क कर सकते हैं. इस से आपको उस संघटन या आर्गेनाइजेशन द्वारा मदद मिलेगी. जो ऑर्गनाइजेशन्स या संघटन इसमें हिस्सा ले रहें है वे है, Crisis Text Line (क्राइसिस टेक्स्ट लाइन), National Eating Disorders Association (नेशनल ईटिंग डिसऑर्डर एसोसिएशन) और National Suicide Prevention Lifeline (नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन लाइफलाइन).

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस भी रखेगी नजर

ऐसे कंटेंट जो काफी डिप्रेसिंग हैं और सुसाइड की ओर अंदेशा कर रहे हैं, उन पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस द्वारा भी नज़र रखी जायेगी जो कि एक पैटर्न रिकॉगनाइजेशन का इस्तेमाल करता है और आत्महत्या से सम्भावित लोगों पर नज़र रखता है भले ही किसी ने उन पर रिपोर्ट नहीं की हो.

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12 साल की बच्ची कर चुकी है ऐसे ही सुसाइड

इसी साल के पिछले दिनों में 12 साल की एक लड़की ने लाइवस्ट्रीम पर आत्महत्या कर ली थी उसकी म्रत्यु से पहले के कुछ वीडियोज फेसबुक पर मिले और कंपनी को अपने आपको सही और दोषरहित साबित करने में 2 हफ्ते लगे. जिसके बाद से ही फेसबुक ने इसकी रोकथाम के लिए ये कदम उठाया.

अगर आप और आपका जानकर कोई व्यक्ति आत्महत्या करने की कोशिश करता है या वो चिंता या ज्यादा डिप्रेस्ड है तो तुरंत ही National Suicide Prevention (नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन) की लाइफलाइन 1-800-273-8255 पर सम्पर्क कर सकतें है. अगर आप अपने देश की इसी तरह की हेल्पलाइन चाहते है तो आप International Association for Suicide Prevention(इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन) से सम्पर्क कर सकतें हैं.

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