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Updated: 27 दिसम्बर, 2015 05:55 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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क्रिकेट के दीवाने देश को इस वर्ष कई बार टीम इंडिया ने अपने शानदार प्रदर्शन से खुश होने का मौका दिया तो कई पल ऐसे भी आए जो क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर गए. वर्ष की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरीज की हार की निराशा से हुई तो कुछ ही महीनों के बाद टीम का वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हारना सबको दुखी कर गया, बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली हार बहुत चोट पहुंचाने वाली रही. साउथ अफ्रीका ने वर्ष के अंत में वनडे और टी20 सीरीज में भी जीत से महरूम कर दिया. साल के जाते-जाते साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली टेस्ट सीरीज में जीत भी स्पिन ट्रैक के विवाद में उलझकर ठंडी हो गई. आइए जानें इस पूरे वर्ष में टीम इंडिया को सबसे ज्यादा निराश करने वाले पल कौन से रहे.

1. ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरीज में मिली हारः

टेस्ट सीरीज पहले ही गंवा चुकी टीम इंडिया से वर्ल्ड कप से पहले ट्राई सीरीज में जीत हासिल करने की उम्मीद थी लेकिन टीम ने हार के साथ वर्ष की निराशाजनक शुरुआत की. इस ट्राई सीरीज में टीम इंडिया एक भी मैच नहीं जीत सकी और फाइनल में भी नहीं पहुंच पाई. इस सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ कुल 4 मैच खेले और 3 में उसे हार का मुंह देखना पड़ा जबकि एक मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका.

इसे सीरीज को टीम इंडिया की वर्ल्ड कप तैयारियों के लिए सबसे अच्छा मौका माना गया था लेकिन यह मनोबल तोड़ने वाला साबित हुई. शायद टेस्ट और वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार का मनोवैज्ञानिक असर ही था कि कुछ ही दिनों बाद जब वर्ल्ड के सेमीफाइनल मुकाबले में कंगारुओं से हुई भिड़ंत में शानदार फॉर्म में होने के बावजूद टीम इंडिया बिखर गई.

2. वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में मिली हारः

गत चैंपियन टीम इंडिया जब खिताब बचाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई धरती पर उतरी तो उसने उम्मीदों से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया. टीम इंडिया ने लगातार सात मैच जीतते हुए सेमीफाइनल में धमाकेदार अंदाज में जगह बनाई. इस वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में उसने विराट कोहली के शानदार शतक की बदौलत अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर 76 रनों की जोरदार जीत दर्ज की. इसके अगले मैच में शिखर धवन ने सेंचुरी बनाई और टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम को 130 रनों से रौंद दिया.

इसके बाद यूएई को 9 विकेट, वेस्ट इंडीज को 4 विकेट से और आयरलैंड को 8 विकेट से हराने में टीम इंडिया को खास मेहनत नहीं करनी पड़ी. क्वॉर्टर फाइनल में रोहित शर्मा ने सेंचुरी जड़ी और भारत ने बांग्लादेश को आसानी से 109 रन से हरा दिया. लेकिन सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया के मंसूबों पर पानी फेर दिया और स्टीवन स्मिथ के शतक की बदौलत 328 रन का विशाल स्कोर खड़ा करते हुए भारत को 233 रन पर समेटा और धोनी की टीम का फिर से वर्ल्ड कप जीतने का सपना बिखर गया.

3. बांग्लादेश के हाथों मिली शर्मनाक हारः

यह इस वर्ष की ही नहीं बल्कि टीम इंडिया की सबसे निराशाजनक हार में से एक है. धोनी की कप्तानी में बांग्लादेश की धरती पर वनडे सीरीज खेलने के लिए पहुंचा. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इस सीरीज में बांग्लादेश ताकतवर टीम इंडिया को धूल चटा देगा. लेकिन बांग्लादेश के 19 वर्षीय तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान ने धमाकेदार डेब्यू करते हुए पहले दोनों मैचों में वर्ल्ड फेमस इंडियन बैटिंग ऑर्डर को तहस-नहस करके रख दिया. टीम इंडिया को पहले दोनों मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा. आखिरी मैच में टीम ने बांग्लादेश को बड़े अंतर से हराया लेकिन तब तक बांग्लादेश पहली बार टीम इंडिया के खिलाफ कोई सीरीज जीतने का कारनाम कर चुका था. इसे धोनी के शानदार कप्तानी करियर के सबसे बड़े उलटफेर में से एक माना जा सकता है.

4. साउथ अफ्रीका के हाथों वनडे, टी20 सीरीज में मिली हारः

इस वर्ष ज्यादातर समय धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया निराश ही करती रही. भारत के दौरे पर आई साउथ अफ्रीकी टीम ने दो टी20 मैचों की सीरीज में टीम इंडिया का सुपड़ा साफ करने के बाद वनडे सीरीज भी 3-2 से अपने नाम कर ली. डिविलियर्स, डु प्लेसिस और डि कॉक जैसे धाकड़ बल्लेबाजों का धोनी के गेंदबाजों के पास कोई जवाब नहीं था. साथ ही इक्का-दुक्का मौकों को छोड़कर ज्यादातर समय टीम इंडिया के बल्लेबाज भी फ्लॉप ही रहे. उससे भी ज्यादा निराशाजनक ये कि टीम के कोहली और धोनी गुट में बंटने की खबरें भी सुर्खियां बनती रहीं. टीम में एकजुटता की कमी नजर आई और साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को उसके ही घर में आसानी से धूल चटा दी.

5. टर्निंग ट्रैक का विवादः

टीम इंडिया ने वर्ष का अंत दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम साउथ अफ्रीका को 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से रौंदते हुए किया. विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की घूमती गेंदों के आगे साउथ अफ्रीकी टीम पूरी सीरीज में संघर्ष करती नजर आई. इन दोनों की फिरकी के जादू का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो टेस्ट मैच तो टीम इंडिया ने महज तीन दिनों के अंदर ही जीत लिए. लेकिन टीम इंडिया की जीत से ज्यादा चर्चा इस सीरीज के लिए इस्तेमाल की गई पिचों की हुई और जानबूझकर स्पिनरों की मददगार पिचें बनाने का आरोप लगा.

नागपुर टेस्ट में साउथ अफ्रीकी टीम के तीन दिनों के अंदर हारने ने तो तूफान खड़ा कर दिया. मैच रेफरी मार्टिन क्रो द्वारा ने अपनी रिपोर्ट में इसे खराब पिच बताया तो आईसीसी ने नागपुर की इस विदर्भ क्रिकेट असोसिएशन की पिच के खिलाफ बीसीसीआई को आधिकारिक चेतावनी दे डाली. पिच के विवाद ने निश्चित तौर पर टीम इंडिया की 3-0 से धमाकेदार जीत को पीछे ढकेल दिया और कोहली की टीम को इस शानदार जीत के लिए वह तारीफ नहीं मिल पाई जिसकी वह हकदार थी.

लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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