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Updated: 09 नवम्बर, 2022 07:34 PM
कुमार विवेक
कुमार विवेक
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20-20 विश्वकप सेमीफाइनल से ठीक पहले भारत ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक को लेकर जद्दोजहद में फंसा हुआ है. पिछले चार मैचों में दिनेश कार्तिक के प्रदर्शन नें भारत को चिंता में डाल दिया है. भारत सेमीफाइनल जैसे बड़े मुकाबले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगा. पाकिस्तान से शुरुआती मैच भारत नें काफी जद्दोजहद के बाद ही जीता था. उस मुकाबले में भी अक्षर पटेल को सिर्फ इस नाते ऊपर प्रमोट किया गया था क्योंकि वह लेफ्ट हैंडेड थे. उस मैच से लेकर बांग्लादेश के मैच तक भारत कार्तिक पर ही भरोसा करता रहा लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. भारत को उन बीच के ओवरों में एक लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज की जो तेजी से रन भी बना सकता हो उसकी सख्त जरूरत महसूस होती है.ऋषभ पंत में ये क्षमता कूट कूटकर भरी हुई है. ऋषभ पंत अपनी क्षमता का अगर आधा भी खेल जाते हैं तो निश्चित ही ये भारत के लिए बड़े फायदे का सौदा होगा.

Rishabh Pant, Dinesh Kartik, Team India, T20, WOrld Cup, Rohit Sharma, India, Pakistanटी20 वर्ल्ड कप के सेमि फाइनल में टीम इंडिया की भिड़ंत इंग्लैंड से होनी है ऐसे में ऋषभ पंत ही वो खिलाड़ी हैं जो टीम इंडिया को मुकाबला जिता सकते हैं

मैं कभी भी ऋषभ की तुलना में कार्तिक को मौका देने के पक्षधर में नहीं रहा हूं. भारत निश्चित ही काफी वक्त से कार्तिक को मौके पर मौका देकर ऋषभ के आत्मविश्वास से खेल रहा है.हम पूर्व में भी नीतीश राना का शायद पूरा कैरियर और सूर्य कुमार यादव के कुछ साल बर्बाद कर चुके हैं. मेरा मानना है की जिस दौर में हम अंबाती रायडू और केदार जाधव को ढो रहे थे उस वक्त इनके प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें मौके मिलने चाहिए थे.

एक खिलाड़ी को बनाने में पूरे टीम मैनेजमेंट का बड़ा महत्वपूर्ण रोल होता है. मुझे पूरी तरह याद है की किस तरह युवराज और सहवाग को निखारने में तत्कालिन कप्तान गांगुली और टीम मैनेजमेंट का योगदान रहा था. कई इंटरव्यूज में इन खिलाड़ियों नें खुद इस बात को स्वीकार किया है. खुद आज के कप्तान रोहित शर्मा भी धोनी और टीम मैनेजमेंट की बदौलत ही ओपनर बनकर शिखर पर पहुंचे हैं. लेकिन ऋषभ को शायद वह समर्थन और मौका नहीं मिल पा रहा है जो उसे मिलना चाहिए.

उसे जो मौके मिल भी रहे हैं वह टुकड़ों में मिल रहा है.और इस दौरान वह कई बार दुर्भाग्य से आउट होता रहा है.पिछले मैच में ही उसके शाट की अपेक्षा कैच के स्तर का उसके आउट होने में बड़ा रोल रहा है. दिनेश कार्तिक निधास ट्राफी की एक पारी की वजह से फिर से चर्चा में आये. 2011 विश्वकप से ठीक पहले भी यही हालात थे जब विश्वकप से ठीक पहले यूसुफ पठान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक विस्फोटक पारी खेल गए थे.

इसका नतीजा यह हुआ की वह विश्वकप के कुछ शुरुआती मैच खेल गए.उन शुरुआती मैचों में उनका प्रदर्शन उम्मीद से काफी खराब रहा .एक वक्त पर लगने लगा की विश्वकप जीतने में वह बाधक बन रहे है और टीम में रैना को जगह दी जानी चाहिए. भारत के सबसे शानदार और निपुण कप्तान धोनी नें उस वक्त जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ठीक वक्त पर रैना को मौका दिया.

आगे की कहानी यह थी रैना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में एक शानदार पारी खेल गए. बिना उस पारी के भारत शायद ही चैम्पियन बन पाता. दिनेश कार्तिक निधास ट्राफी में एक अच्छी पारी खेलकर टीम में जम गए हैं.विश्वकप के इन शुरुआती मुकाबलों में वे जूझ रहे हैं.टीम पर वे भार बनते दिख रहे हैं.

रोहित शर्मा इस वक्त कप्तान हैं. कल सेमीफाइनल का बड़ा मुकाबला है. प्लेइंग इलेवन बदलने का सही वक्त है. ऋषभ को यहां मौका देना चाहिए. हो सकता है कल वह बड़ी पारी खेल जाएं.वैसे भी अबतक असफल ही रहे उम्रदराज दिनेश कार्तिक पर दांव लगाना किसी भी तरह भविष्य के लिहाज से भी सही नहीं है.

लेखक

कुमार विवेक कुमार विवेक @5348576095262528

Prsnt Asst Teacher at Basic Shiksha Parishad ,लेखक,WORKED at REVENUE DEPT UP GOV from 2016 to August2018 ,WORKED as EDI in IND POSTYEAR 2010

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