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Updated: 08 मार्च, 2016 02:13 PM
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टेनिस की स्टार खिलाड़ी मारिया शारापोवा पर डोप टेस्ट में फेल होने के कारण अस्थाई तौर पर प्रतिबंध लग गया है. ये खबर शायद आपको चौंका सकती है लेकिन ये सच है. जनवरी में खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान हुए डोप टेस्ट में शारापोवा में फेल रही हैं.

2 मार्च को उन्हें इसकी जानकारी दी गई. शारापोवा पर वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (wada) द्वारा प्रतिबंघित मेलडोनियम लेने के कारण बैन लगा है. शारापोवा ने इसे एक बड़ी भूल बताते हुए अपनी निराशा जताई है. उन्हें उम्मीद है कि उनका करियर डोप टेस्ट में फेल होने की वजह से इस तरह नहीं खत्म होगा और उन्हें एक और मौका दिया जाएगा.

शारापोवा के डोप टेस्ट में फेल होने पर जो सबसे बड़ा सवाल उठता है, वह ये कि क्या शारापोवा ने जानबूझकर प्रतिबंधित या एथलीट्स की क्षमता बढ़ाने वाली दवा ली थी. या फिर ऐसा शारापोवा से अनजाने में हुआ था? आइए जानें.

आखिर शारापोवा ने क्यों ली प्रतिबंधित दवा मेलडोनियम?

शारापोवा पर जिस दवा के कारण बैन लगा है उसे मिलोड्रोनेट के नाम से भी जाना जाता है. शारापोवा का कहना है कि वह ये दवा पिछले 10 वर्षों से विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से ले रही हैं. इसे लेने की सलाह उनके डॉक्टर ने दी थी. शारापोवा का कहना है कि वह इस दवा को अनियमियत हार्टबीट्स और उनके परिवार के डायबिटीज के इतिहास को देखते हुए लेती थीं. उनका कहना है कि उन्हें वाडा द्वारा डोप टेस्ट में फेल होने की सूचना दिए जाने के बाद ही पता चला कि इस दवा को मेलडोनियम नाम से भी जाना जाता है. उन्हें इसके वाडा के प्रतिबंधित ड्रग्स की सूची में होने का भी पता नहीं था.

आखिर क्या है मेलडोनियमः

यह दवा लात्विया में बनाई जाती है. लेकिन यह दवा अमेरिकी में प्रतिबंधित है. इसका उपयोग इस्कीमिया (शरीर के कुछ हिस्सों में खून के सही प्रवाह ने होने) के इलाज के लिए किया जाता है. लेकिन माना जाता है कि इस दवा के उपयोग से खून का प्रवाह बढ़ जाता है जोकि एथलीट्स के एक्सरसाइज की क्षमता बढ़ा देता है. वाडा को एथलीट्स द्वारा इस दवा का उपयोग उनके परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए किए जाने के प्रमाण मिले हैं. मेलडोनियम को वाडा की प्रतिबंधित लिस्ट में डालने का निर्णय 16 सितंबर 2015 को लिया गया और यह 1 जनवरी 2016 से प्रभाव में आया है.

शारापोवा ने जानबूझकर या अनजाने में ली मेलडोनियम?

तो अब सवाल ये उठता है कि पांच बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन और एक बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी माने जाने वाली शारापोवा ने क्या ये गलती अनजाने में की? तो शारापोवा ने खुद ही कहा है कि मेलडोनियम वाडा की प्रतिबंधित दवाओँ की लिस्ट में 1 जनवरी 2016 से ही आई है जबकि वह इसे 2006 से ही ले रही थीं और इसलिए वह एक लीगल दवा ले रही थीं न कि कोई प्रतिबंधित दवा.

शारापोवा ने ये भी कहा है कि उन्हें इसके प्रतिबंधित दवाओं की लिस्ट में होने के बारे में भी कुछ नहीं पता था. शारापोवा की बातों पर गौर करें तो ये बात सही लगती है कि ये दवा उन्होंने जानबूझकर नहीं ली थी और उनका उद्देश्य इसका उपयोग शक्तिवर्द्धक दवाओं के तौर पर करना नहीं था.

हालांकि एक बात पर फिर भी सवाल उठाए जा सकते हैं कि जब वाडा ने रूस ड्रग एजेंसी को मेलडोनियम के प्रतिबंधित दवाओं के लिस्ट में शामिल किए जाने की जानकारी सितंबर 2015 में ही दे दी थी तो आखिर क्यों शारापोवा को ये बात नहीं बताई गई? रूसी ड्रग एजेंसी ने अपने खिलाड़ियों को इस महत्पवूर्ण जानकारी से महरूम क्यों रखा? अगर रूसी ड्रग एजेंसी इस बात की जानकारी अपने एथलीट्स को दे देती तो शायद शारापोवा बैन से बच जातीं.

ब्रैंड शारापोवा को पहुंचेगा धक्का!

हालांकि रशियन टेनिस फेडरेशन की प्रमुख शामिल टारपिशशेव ने पॉजिटिव टेस्ट को बेवकूफाना करार देते हुए रियो ओलिंपक में शारापोवा के खेलने की उम्मीद जताई है. लेकिन यह इतना आसान नहीं है और प्रतिबंधित दवा के सेवन के कारण शारापोवा पर चार साल तक का बैन लग सकता है. लेकिन पहली बार नियम के उल्लंघन का दोषी होने के कारण शायद शारापोवा पर इतना कड़ा प्रतिबंध न लगे. लेकिन फिर भी अगर उनके ऊपर एक से दो साल का भी बैन लगता है तो अपने पूरे करियर के दौरान चोटों से जूझती रही इस 28 वर्षीय टेनिस स्टार के लिए वापसी करना मुश्किल हो जाएगा.

इस विवाद का असर उनके 10 करोड़ डॉलर सलाना के ब्रैंड ऐंडोर्समेंटस पर भी पड़ेगा. डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने की खबर आते ही स्पोर्ट्स कंपनी नाइके ने शारापोवा से सभी करार खत्म कर लिए.

शारापोवा ने भले ही संन्यास की अटकलों को खारिज कर दिया हो लेकिन डोपिंग विवाद में फंसना निश्चित तौर पर ‘ब्रैंड शारापोवा’ को जबर्दस्त धक्का पहुंचाएगा.

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