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Updated: 14 सितम्बर, 2015 12:04 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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जिस उम्र में आकर खिलाड़ी अक्सर कोच बन जाते हैं, उस उम्र में एक खिलाड़ी न सिर्फ मैदान पर डटा हुआ है बल्कि अपने से कहीं युवा खिलाड़ियों के बीच धड़ाधड़ खिताब भी जीत रहा है. हम बात कर रहे हैं 42 साल की उम्र में भी सफलता की नई दास्तां लिखते चले जा रहे भारत के महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस की.

पेस ने मार्टिना हिंगिस के साथ अमेरिकन ओपन के मिक्स्ड डबल्स का खिताब अपने नाम करते हुए एक झटके में ही नया इतिहास रच दिया है. यह जोड़ी इस साल तीन ग्रैंड स्लैम खिताब पर कब्जा जमा चुकी है और ऐसा करने वाले 46 वर्षों में ये दोनों पहले खिलाड़ी हैं. पेस ने अपने शानदार प्रदर्शन से साबित किया है कि अगर जोश, जज्बा और कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो उम्र कोई बाधा नहीं है.

उम्र बेअसर, पेस का जादू बरकरारः बढ़ती उम्र का असर दूर-दूर तक पेस पर कहीं दिखाई नहीं देता है. 2013 में ही वह टेनिस के इतिहास में सबसे ज्यादा उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं. तब उन्होंने 40 साल की उम्र में राडेक स्टेपनेक साथ मिलकर अमेरिकन ओपन के डबल्स का खिताब जीतते हुए यह कारनामा किया था. उन्होंने 1996 में 23 साल की उम्र में ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और अब उसके 19 साल बाद 42 की उम्र में अपने करियर का 17वां ग्रैंड स्लैम अपने नाम किया है. मतलब उम्र का असर उनके ऊपर बिल्कुल भी बेअसर रहा है और वह आज भी उतने ही फिट नजर आते हैं जितने कि 19 साल पहले थे.

नवारातिलोवा से ली प्रेरणाः टेनिस इतिहास की सबसे महानतनम खिलाड़ियों में शुमार मार्टिना नवरातिलोवा इस मामले में पेस की आदर्श हैं. पेस नवरातिलोवा के साथ 2003 में ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स का खिताब भी जीत चुके हैं. जब मार्टिना ने यह खिताब जीता था तो उनकी उम्र थी 46 साल, और वह टेनिस इतिहास में ग्रैंड स्लैम जीतने वाली सबसे उम्रदराज खिलाड़ी है. पेस कहते भी हैं कि उन्होंने नवरातिलोवा से काफी कुछ सीखा है. पेस की हालिया सफलता इस बात को सच भी साबित करती है. 2003 में पेस ने नवरातिलोवा के साथ विंबलडन और ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीता था.

ओल्ड इज गोल्डः पेस 42 की उम्र में जीत ही नहीं रहे हैं बल्कि ऐसे जीत रहे हैं कि युवा खिलाड़ियों को भी जलन हो जाए. इस साल उन्होंने चार में से तीन ग्रैंड स्लैम के मिक्स्ड डबल्स खिताब जीते हैं. जो दिखाता है कि पुरानी शराब की तरह पेस का खेल भी उम्र बढ़ने के साथ निखरता जा रहा है. खास बात यह है कि उन्होंने इस साल तीनों मिकस्ड डबल्स खिताब मार्टिना हिंगिस के साथ ही जीते हैं.

रचे कुछ नए इतिहासः लिएंडर पेस ने इस जीत के साथ नए इतिहास भी रच दिए हैं. पेस और हिंगिस की जोड़ी एक साल में तीन ग्रैंड स्लैम मिक्स्ड डबल्स खिताब जीतने वाली पिछले 50 सालों में पहली जोड़ी बन गई है. यह पेस के करियर का 17वां ग्रैंड स्लैम खिताब है, जिनमें नौ मिक्स्ड डबल्स और 8 डबल्स खिताब शामिल हैं. नौं ग्रैंड स्लैम जीतकर पेस ने ओपन युग में नया रेकॉर्ड बनाया, उन्होंने महेश भूपति का रेकॉर्ड तोड़ा. अब टेनिस के इतिहास में उनसे ज्यादा मिक्स्ड डबल्स (10) सिर्फ नवरातिलोवा ने जीते हैं. पेस ने इसके अलावा 8 डबल्स खिताब भी जीते हैं. वहीं हिंगिस के करियर का यह 19वां ग्रैंड स्लैम (5 सिंगल्स, 10 डबल्स, 4 मिक्स्ड डबल्स) है.

लिएंडर पेस न सिर्फ टेनिस के बल्कि खेल जगत के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं. टेनिस के अच्छे खिलाड़ियों की कमी से जूझते रहने वाले देश से निकलकर दुनिया के स्टार खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाकर पेस ने देश का नाम रोशन किया है. पेस ने साबित किया है कि खिलाड़ी के लिए उम्र महज एक नंबर भर है और उसका सफलता से कुछ लेनादेना नहीं है और बढ़ती हुई उम्र कभी भी आपको महान बनने से नहीं रोक सकती है. वेलडन पेस!

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लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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