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Updated: 26 फरवरी, 2017 02:32 PM
धर्मेन्द्र कुमार
धर्मेन्द्र कुमार
  @dharmendra.k.singh.167
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पुणे टेस्ट में मेहमान ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 333 रन से करारी हार का मजा चखाया. यकीन मानिए ये कोई दुर्घटना नहीं है बल्कि बार बार मेहमान के लिए जो गड्ढा खोदा जा रहा था उसमें इस बार खुद गिरी है विराट की टीम. (पुणे मैच के नतीजे के बारे में मैंने 17 फरवरी को एक लेख में आशंका जता दी थी). पुणे की पिच ने पहले कुछ ओवरों में ही मैच के नतीजे के संकेत दे दिए थे. वो मेहमान की किस्मत अच्छी थी जो टॉस जीत गए. सिर्फ टॉस ही नहीं जीते बल्कि कप्तान स्टीव स्मिथ ने मैच से पहले विकेट को सही तरीके से भांप लिया था. इसलिए पहले बैटिंग करने का उनका फैसला सटीक साबित हुआ. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के 260 रन दरअसल मैच का ट्रनिंग प्वाइंट साबित हुआ.

जो काम अश्विन और जडेजा जैसे सधे हुए गेंदबाद ना कर सके वो ऑस्ट्रेलिया के अनजान स्पिनर ओ कीफ ने कर दिखाया. पूरे 6 विकेट लेकर ओ कीफ ने भारतीय बल्लेबाजी की कमर ही नहीं तोड़ी बल्कि सारा गरूर भी तोड़ दिया. भारतीय बल्लेबाज पहली पारी में महज 40.1 ओवर में 105 रन पर ढेर हो गए. फिर क्या था पहले ही ड्राईवर सीट पर बैठे ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 285 रन बनाकर रही सही कसर भी पूरी कर दी. भारत को 441 का लक्ष्य मिला  जिसे पुणे के इस विकेट पर हासिल करना नामुमकिन था. जिसका डर था वही हुआ दूसरी पारी में भारतीय टीम 107 रन पर सिमट गई. ओ कीफ ने दूसरी पारी में भी 6 विकेट चटकाए यानि पूरे मैच में 12 विकेट. इतने ही विकेट अश्विन और जडेजा ने मिलकर पूरे मैच में लिए.

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विराट पर भारी पड़े स्मिथ

ऑस्ट्रेलिया के लिए ये दौरा हर तरह से मुश्किल था. इससे पहले एशिया में लगातार 9 टेस्ट हार चुके थे कंगारू . भारतीय टर्निंग पिचों पर टिक पाना उनके लिए बड़ी चुनौती थी. मगर इस बार वो पूरी तैयारी के साथ आए थे. स्मिथ ने ना सिर्फ विकेट को भांपा बल्कि उसके हिसाब से अपनी टीम का बैलेंस पर बिठाया. वहीं दूसरी ओर विराट ने ऑस्ट्रेलिया को बाकी ही टीमों की तरह लेने की बात कही. इसके पीछे अपनी सरजमीं पर जीत के वो तमाम रिकॉर्ड थे जो पिछले कुछ महीनों से लगातार चल रहा था. अपनी धरती पर द. अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड को एकतरफा हराने का अति आत्मविश्वास ही आखिरकार ले डूबा वरना पुणे में इस तरह की टर्निंग विकेट देने का क्या मतलब था जहां तीन दिन का खेल भी होना दुभर था. दरअसल यहां टीम इंडिया को जल्दबाजी ने मारा.

रणनीति बड़ी साफ थी कि टर्निंग ट्रैक पर पहले ही मैच में कंगारूओं पर दबाव डालकर सीरीज पर कब्जा जमा लिया जाए मगर हुआ ठीक उल्टा. ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ जहां बेहतर दिखे वहीं भारतीय बल्लेबाजों के पास ओ कीफ की घूमती हुई गेंदों का कोई जवाब नहीं था. इस पिच पर स्टीव स्मिथ ने दूसरी पारी में शानदार शतक जमाया वहीं 4 सीरीज में लगातार 4 दोहरा शतक अपने नाम. कर चुके  भारतीय कप्तान विराट कोहली दोनों पारी में कुल 13 रन ही बना सके.

पहले ही मैच में अब तक दूसरी सबसे बड़ी हार नागपुर में ऑस्ट्रेलिया ने ही टीम इंडिया को 342 रन से हराया था और अपनी धरती पर टीम इंडिया को दूसरी सबसे बड़ी हार पुणे में मिली है प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट अक्सर दावा करते रहे हैं कि अच्छी विकेट पर मेहमान को खिलाएंगे मगर असल में होता है ठीक उल्टा. बाकी टीमों के खिलाफ विराट का हर दांव सीधा पड़ा मगर ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में ऐसा सबक सिखाया है कि अगर इससे सीख नहीं ली तो टीम इंडिया को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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लेखक

धर्मेन्द्र कुमार धर्मेन्द्र कुमार @dharmendra.k.singh.167

लेखक आजतक स्पोर्ट्स डेस्क में एसोसिएट एक्‍जीक्‍यूटिव प्रोड्यूसर हैं.

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