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Updated: 25 नवम्बर, 2015 03:51 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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'उस दिन मैच से पहले उसकी तबीयत ठीक नहीं थी लेकिन ऑस्ट्रेलियन टीम में जगह बनाने के लिए वह दृढ़ था.' यह लाइनें पिछले साल बाउंसर लगने के कारण महज 26 वर्ष की उम्र में अपनी जान गंवाने वाले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज की जीवनी की हैं. 'फिलिप ह्यूपः द ऑफिशियल बायोग्राफी' नाम से हाल ही में आई इस जीवनी में ह्यूज के पिता ग्रेग ने उस दिन की जानकारी दी है.

ठीक एक साल पहले 25 नवंबर 2014 को फिल ह्यूज सिडनी में शेफील्ड शील्ड के एक मैच के दौरान खेलते हुए शॉन एबॉट की एक बाउंसर लगने से बुरी तरह घायल हो गए थे और इस घटना के दो दिन बाद 27 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी. इसे क्रिकेट इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक माना जाता है. एबॉट की बाउंसर ह्यूज के हेलमेट के नीचे और कान के ऊपर गर्दन के पास लगी थी जिसकी वजह से ह्यूज को ब्रेन हेमरेज हो गया और फिर तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. 

इस घटना से पूरा क्रिकेट जगत शोक में डूब गया. ह्यूज की असमय मौत ने इस महान खेल और इसके खिलाड़ियों पर भी जबर्दस्त प्रभाव डाला, या यूं कहें कि कहीं न कहीं इसने क्रिकेट को ही बदलकर रख दिया. कैसे? आइए जानें-

1. गेंदबाजों की आक्रामकता घटी है?
हाल ही में संन्यास लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन का कहना है कि ह्यूज की मौत ने उनकी गेंदबाजी स्टाइल को बदल दिया और वह पहले जैसे आक्रामक नहीं रहे. जॉनसन ने कहा इसके बाद मैंने जब भी बाउंसर फेंकी तो सोचा 'क्या मैं सही कर रहा हूं, क्या मैं सही खेल भावना से खेल रहा हूं.' 

2. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के संन्यास की वजहः
भले ही इस बारे में किसी ने आधिकारीक तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन इस वर्ष एशेज सीरीज के बाद 6 ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों, माइकल क्लार्क, क्रिस रोजर्स, ब्रैड हैडिन, शेन वॉटसन, रेयान हैरिस और मिशेल जॉनसन टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं. इनमें से ज्यादातर क्रिकेटर ह्यूज की दुखद मौत से उन पर पड़े गहरे मनोवैज्ञानिक असर की बात करते आए हैं. 

3. क्लार्क के मन में क्रिकेट के प्रति प्यार घट गयाः 
ह्यूज के सबसे अच्छे दोस्तों में रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को ह्यूज की मौत से काफी गहरा धक्का लगा. हाल ही में आई अपनी किताब में क्लार्क ने कहा है कि ह्यूज की मौत से उनका क्रिकेट के प्रति पहले जैसा लगाव नहीं रहा. क्लार्क के प्रदर्शन से यह बात साबित भी होती है. ह्यूज की मौत के बाद अपने संन्यास तक क्लार्क ने एक भी सेंचुरी नहीं लगाई. 

4. क्रिकेट में सुरक्षा के उपाय बढ़ाने पर जोर दिया गयाः 
ह्यूज की मौत के बाद क्रिकेट में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसीलिए हेलमेट निर्माताओं ने हेलमेट डिजाइन में बदलाव किया और हेलमेट के बैक रिम के नीचे एक गार्ड जोड़ा. इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने अपन मैदान में मौजूद आपातकालीन मेडिकल केयर यूनिट की समीक्षा की और उसे और बेहतर बनाया गया. 

5. टेस्ट क्रिकेट में बदलाव ह्यूज को श्रद्धांजलि सेः 
डे नाइट टेस्ट क्रिकेट के आयोजन से टेस्ट क्रिकेट में क्रांतिकारी बदलाव लाने के अपने कदम के लिए ऑस्ट्रलियाई क्रिकेट बोर्ड ने ह्यूज की बरसी का दिन चुना. आखिर इस युवा क्रिकेटर की मौत ने ही यह दिखाया कि जेंटलमैन गेम कभी-कभी कितना क्रूर भी हो सकता है इसलिए उसे सच्ची खेल भावना के साथ ही खेलना जरूरी है. 
फिल ह्यूज को श्रद्धांजलि!

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लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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