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Updated: 03 जुलाई, 2015 06:36 PM
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विंबलडन का हरा मैदान. गुरुवार को एक ओर थे 14 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन स्पेन के रफेल नडाल, तो दूसरी ओर थे एक अनजान खिलाड़ी. नडाल अपने चिरपरिचित जुझारू अंदाज में कोर्ट पर उतरे थे, लेकिन उनका विरोधी तो जैसे उत्सव मनाने ही आया था.

कमर तक लटकते लंबे बाल और कानों में पियर्सिंग... जर्मनी का डस्ट‍िन ब्राउन एक टेनिस खि‍लाड़ी कम, फैशन आइकन ज्यादा लग रहा था. 30 वर्षीय इस खि‍लाड़ी ने जब अपना जौहर दिखाया तो लगा कि जैसे वह विंबलडन पर राज करने ही आया है. पूरे कोर्ट पर कब्जा. नडाल को नौसिखि‍या साबित करता हुआ.

दुनिया भर के लगभग सभी खेलों के खिलाड़ियों के स्टाइल और लुक में पिछले दो दशकों में बड़ा बदलाव आया है. फुटबाल से लेकर क्रिकेट और बॉक्सिंग से लेकर बैडमिंटन के खिलाड़ी समय-समय पर युवाओं के बीच अपने फैशन के कारण चर्चा में बने रहते हैं. लेकिन क्या आप किसी पुरुष टेनिस खिलाड़ी का नाम याद कर पाते हैं जो इस मामले में आगे हो. शायद नहीं.

वैसे तो विंबलडन 2015 का यह सबसे बड़ा उलटफेर था.  नडाल दूसरे दौर में ही ब्राउन से 5-7, 6-3, 4-6, 4-6 से हार कर टूर्नामेंट से बाहर हो गए. लेकिन नडाल की हार से ज्यादा चर्चा जर्मनी के उस खिलाड़ी की हो रही है जिसने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया. जर्मनी के इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने खेल से नडाल को तो मात दी ही साथ ही विंबलडन के रूढ़ीवादी टेनिस प्रशासकों को भी चित किया.
 
ब्राउन यूं तो पिछले करीब चार वर्षों से विंबलडन में हिस्सा लेने आ रहे हैं लेकिन हालिया जीत के कारण वह सभी की चर्चा का विषय बन गए हैं और वह भी अपनी खास लुक के लिए. 1984 में जन्मे ब्राउन के पिता जमैका के मूल निवासी हैं, जबकि मां जर्मनी की. ब्राउन का जन्म जर्मनी में ही हुआ और वह वहां 1996 तक रहे. बाद में उन्होंने जमैका के लिए टेनिस खेलना शुरू किया लेकिन जमैका टेनिस एसोसिएशन से ज्यादा मदद नहीं मिलने से नाराज ब्राउन जर्मनी वापस चले आए.
 
ब्राउन के बारे में और रोचक तथ्य :
 
ब्राउन ने आखिरी बार अपने बाल 1996 में कटाए थे. अपने लाल रंग के हेडफोन के जरिए हिप-हॉप म्यूजिक सुनने और डांस के शौकिन ब्राउन ने अपनी जीभ पर भी पियर्सिंग करा रखी है. बेहद फैशनेबल ब्राउन ने अपना एक दांत हरे रंग का भी करा रखा है.
 
बताते चलें कि क्रिकेट की तरह टेनिस को भी जेंटलमैन गेम के तौर पर जाना जाता है. खासकर विंबलडन में इसकी झलक साफ दिखती है. ड्रेस कोड को लेकर विंबलडन काफी सख्त माना जाता है. यहां केवल उजले कपड़े पहन कर ही कोर्ट पर उतरने की इजाजत है. अभी कुछ दिनों पहले ही कनाडा की महिला खिलाड़ी यूजिनी बूशार्ड को केवल इसलिए चेतावनी दी गई कि उन्होंने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी. कई खिलाड़ी समय-समय पर ऐसे कड़े नियमों की आलोचना करते रहे हैं. बूशार्ड के मामले के बाद रोजर फेडरर ने भी इस बेहद कड़े नियम की आलोचना की थी.

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