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Updated: 09 नवम्बर, 2015 06:07 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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बिहार चुनाव के शोर में दुनिया के दूसरे कोने में हुआ एक अहम मुकाबला बड़ी खबर नहीं बन पाया. न्यू यॉर्क का सिटी फील्ड ग्राउंड वैसे तो बेसबॉल के बड़े बड़े मुकाबाले के दौरान शोर से डूबता है. लेकिन 7 नवंबर को वह सचिन-सचिन की आवाजों से गूंज रहा था.

35 हजार लोगों का भाव-विभोर कर देने वाला अंदाज, मानो अमेरिका कह रहा हो, वेलकम टू अमेरिका, गॉड ऑफ क्रिकेट सचिन. क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों से बनी क्रिकेट ऑल स्टार्स सीरीज के तीन टी20 मैचों को लेकर अमेरिका पहुंचे सचिन के जोरदार स्वागत ने ये भरोसा तो जगा दिया कि यह खेल ग्लोबल बन सकता है. इस टीम में इतने दिग्गज मौजूद हैं कि उनके आकर्षण से बच पाना मुश्किल है. क्रिकेट को ग्लोबल बनाने के सचिन के सपने का पहला पड़ाव सफल साबित हुआ है.

सचिन-वॉर्न की भिड़ंत देखने को बेताब हुआ अमेरिकाः

रिटायर हो चुके क्रिकेट के महान खिलाड़ियों को मिलाकर बनाई गई क्रिकेट लीग, क्रिकेट ऑल स्टार्स की सफलता के प्रति पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल जैसे दिग्गज संदेह जता चुके थे. सचिन और वॉर्न ने इस लीग को शुरू किया और क्रिकेट को ग्लोबल बनाने की कोशिशों में सबसे पहले अमेरिका पहुंचे. संभावनाओं के उलट इन दो दिग्गजों की भिड़ंत देखने के लिए अमेरिका उमड़ पड़ा और पहले मैच में सचिन ब्लास्टर्स और वॉर्न वॉरियर्स की जंग को देखने के लिए लगभग 35 हजार लोग सिटी फील्ड पहुंच गए. सचिन-सहवाग की तूफानी बैटिंग, वॉर्न का सचिन को आउट करना, अख्तर की रफ्तार, अकरम की स्विंग, विटोरी की कसी हुई गेंदबाजी पोंटिंग का वही पुराना अंदाज, वॉल्श-एम्ब्रोस की गेंदबाजी, इस पहले मैच में मौजूद इतने सारे सितारों की मौजूदगी ने न सिर्फ अमेरिका को बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस को हतप्रभ कर दिया. लोग रात भर जागकर टीवी पर इन मैचों का लुत्फ उठाते हुए 90 के दशक की यादों में खो गए. पहले मैच में हालांकि वॉर्न की टीम ने सचिन की टीम को हरा दिया लेकिन सही मायनों में जीत क्रिकेट की हुई.

क्रिकेट के विकास की कोशिशः

सचिन-वॉर्न की इस क्रिकेट ऑल स्टार लीग का उद्देश्य क्रिकेट को वैश्विक बनाना है और इसकी शुरुआत उन्होंने अमेरिका से की है. अच्छी बात ये है कि उन्हें पहले ही प्रयास में शानदार सफलता मिली है. इस सीरीज से मिलने वाला पैसा क्रिकेट के विकास पर खर्च करने के लिए आईसीसी को दिया जाएगा. आने वाले वर्षों में इस सीरीज का आयोजन दुनिया के उन देशों में किया जाएगा जहां क्रिकेट नहीं पहुंचा है. क्रिकेट के विकास की इस सोच को बेहतरीन कहा जा सकता है.

शायद ही कभी इतने सितारें एक साथ दिखें हों! वैसे तो आईसीसी भी कई बार दुनिया भर के कई दिग्गज खिलाड़ियों के साथ चैरिटी मैचों का आयोजन कर चुका है लेकिन एक साथ इतने सारे महान खिलाड़ियों के खेलने का यह पहला वाकया है. आखिर इससे पहले किस लीग में दुनिया में सबसे ज्यादा शतक और रन बनाने वाला बल्लेबाज, दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज, सबसे बेहतरीन फील्डर, स्विंग का बादशाह, स्पिन का जादूगर और सबसे आक्रामक बल्लेबाज खेले हैं. जी हां, इस टीम में सचिन, वॉर्न, मुरलीधरन, जोंटी रोड्स, वसीम अकरम, सहवाग जैसे सितारे खेल रहे हैं. इतने सितारे दुनिया की किसी भी टीम की तरफ से कहीं भी खेलें लोगों का दीवाना होना स्वाभाविक है. तो भला अमेरिका उनके जादू अछूता कैसे रह सकता था.

बाकी सितारे एक तरफ, सचिन एक तरफः

न्यू यॉर्क में खचाखच भरे स्टेडियम में अगर किसी शख्स का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला तो वह था सचिन का. वह मैदान में जहां भी जाते लोगों का शोर उठ खड़ आता. स्क्रीन पर उन्हें देखकर लोग दीवाने उठते थे. मैदान में कई ऐसे दर्शक आए थे जिनका कहना था कि उन्हें जिंदगी में पहली बार क्रिकेट देखने का मौका मिला है और पहले ही मैच में खुद सचिन तेंडुलकर को खेलते देखने का अवसर ताउम्र न भूलने वाला अनुभव बन गया. इस क्रिकेट लीग में वैसे तो कई दिग्गज मौजूद हैं लेकिन ज्यादातर लोगों की रुचि सचिन को देखने में ही थी. लेकिन अगर उन्हें एकसाथ इतने सारे स्टार्स को खेलते देखने का अवसर मिल गया तो एक क्रिकेट फैंस को और क्या चाहिए. अमेरिकियों ने जिस अंदाज में इस लीग का स्वागत किया उससे इतना तो यह हो गया कि महान खिलाड़ियों का जादू कभी खत्म नहीं होता.

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लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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