ISIS से जुड़ी भारतीय महिला, सतर्क रहे मोदी सरकार
हैदराबाद की अफ्शा दुबई में ब्रिटिश नगारिक जोसेफ निकेल के नाम से रहती थी और ISIS के लिए युवाओं की भर्ती करती थी. भारत में ISIS के फैलते नेटवर्क को देखते हुए मोदी सरकार को सचेत रहने की जरूरत.
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पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन बनकर उभरे ISIS की हिटलिस्ट में भारत सबसे ऊपर नजर आ रहा है. अब तक भारतीय युवाओं के इसकी तरफ आकर्षित होने की खबरें तो आती रही हैं लेकिन अब एक भारतीय महिला के ISIS के लिए भर्तियां करने की खबर ने सबके होश उड़ा दिए हैं.
ISIS कितनी तेजी से अपने पांव पसार रहा है इसका अंदाजा यूएई द्वारा भारत को प्रत्यर्पित की गई भारतीय महिला अफ्शा जबीन से हो जाता है. जुबीन ISIS के लिए युवाओं की ऑनलाइन भर्ती करती थी.
यह आंतकी संगठन भारत के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है और उसके मंसूबे अफ्शा जबीन की गिरफ्तारी से साफ नजर आते हैं. इसलिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ISIS के प्रति ज्यादा चौकन्ना हो जाने और इस पर शिकंजा कसने के प्रयास तेज कर देने चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में यह संगठन भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.
अफ्शा जबीन करती थी युवाओं की भर्तीः मूलतः हैदराबाद की रहने वाली अफ्शा दुबई में ब्रिटिश नगारिक जोसेफ निकेल के नाम से रहती थी. वह ISIS के लिए ऑनलाइन युवाओं की भर्ती का काम करती थी. उसके साथ इस काम में शामिल सलमान मोइउद्दीन को जनवरी में पुलिस ने अरेस्ट किया था. उससे मिली जानकारी के बाद ही पुलिस ने अफ्शा की तलाश शुरू की. जिसके बाद उसे यूएई अरेस्ट किया गया था और फिर उसे भारत को प्रत्यर्पित किया गया.
पहले भी भारत में पैर पसारने के मिल चुके हैं संकेतः पिछले कुछ महीनों के दौरान कश्मीर में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई मर्तबा ISIS के झंडे लहराने की खबरें आती रही हैं. इसके अलावा पिछले साल मुंबई के एक युवक आरिब माजिद को ISIS में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था. उसने दावा किया था कि उसके चार और साथी इस आतंक संगठन में शामिल होने इराक गए थे. पिछले साल ही मेहदी मशरूर विस्वास नाम के भारतीय युवक को ISIS के विचारों के प्रसार के लिए शामी विटनेस नाम से एक ट्विटर हैंडल चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
सरकार ने ISIS को गंभीरता से नहीं लियाः भारत ने शुरुआत में इस संगठन के खतरे को गंभीरता से नहीं लिया और सरकार को अंदाजा भी नहीं था कि इस संगठन का प्रभाव भारत पर इतनी तेजी से होगा. लेकिन कश्मीर से लेकर महेदी विस्वास और आरिब माजिद से लेकर अब अफ्शा की गिरफ्तारी ने बता दिया है कि अगर सरकार ने ISIS के खतरे को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले दिनों में भारत को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते थे. अमेरिका भी ओसामा और अलकायदा के खतरे को जब तक समझ पाता तब तक 9/11 जैसी बड़ी वारदात हो चुकी थी. इसलिए जरूरी है कि समय रहते इस संगठन के भारत में बढ़ते प्रभावों को खत्म किया जाए.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि सिमी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे संगठन ISIS के लिए देश में भर्तियां करने का काम कर रहे हैं. ये संगठन युवाओं को धर्म के नाम पर बरगलाकर इराक और सीरिया में ISIS के लिए लड़ने के लिए उनका ब्रेन-वॉश कर रहे हैं. इसलिए जरूरी है कि सरकार सिमी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे संगठनो पर नकेल कसे.
ISIS के लगातार बढ़ते प्रभाव निश्चित तौर पर देश के लिए चिंता की बात है. आए दिन इसके कनेक्शन के साथ होने वाली भारतीय की गिरफ्तारियां भविष्य के लिए शुभ संकेत कतई नहीं है. इस संगठन के खत्म होने का इंतजार करने के बजाय सरकार को भारत में इसे जड़ें फैलाने से पहले ही उखाड़ फेंकना जरूरी है.

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