New

होम -> समाज

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 15 सितम्बर, 2015 12:27 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
  • Total Shares

शीना बोरा मर्डर केस अचानक ही सुर्खियों से गायब हो गया है. खासतौर पर इस मामले का खुलासा करने वाले पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के ट्रांसफर के बाद. ऐसा लगता है कि मारिया के जाते ही इस केस को रफा-दफा करने और फाइलों को बंद करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं! ऐसे में क्या कभी शीना की मौत का सच सामने आ पाएगा. या यूं कहे कि ये केस भी कुछ साल पहले अपने ही माता-पिता द्वारा मार दी गई आरुषि तलवार का केस बनकर रह जाएगा?

आरुषि-शीना, उलझे हुए मर्डर केस: इन दो मर्डर केसों के बीच सबसे बड़ी समानता यह है कि दोनों में ही मां-बाप ने ही अपनी ही बच्चियों को मौत के घाट उतारा और दोनों में ही हत्या की वजह पता नहीं चल पाई. नोएडा की 14 वर्षीय आरुषि तलवार को उसके डॉक्टर माता-पिता राजेश और नूपुर तलवार ने अपने नौकर हेमराज के साथ मारा. हत्या का कारण आज भी स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन कहा जाता है कि तलवार दंपति को आरुषि और हेमराज के बीच कथित ‘संबंध’ की बात पता चल गई थी और इसलिए इन दोनों ने अपनी बेटी और नौकर को मौत के घाट उतार दिया. वहीं शीना मर्डर केस में हत्या का आरोप शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी पर है. इस मामले की जांच जारी है. लेकिन शुरुआती जांच के मुताबिक शीना की हत्या उसके सौतेले भाई राहुल के साथ कथित अफेयर के कारण की गई है. हालांकि इस हत्या के पीछे बड़ी संपत्ति को भी वजह माना जा रहा है. लेकिन क्या कभी शीना के मर्डर की असली वजह सामने आ पाएगी? या आरुषि तलवार की तरह ही यह राज हमेशा राज ही बना रह जाएगा?

आरुषि-शीना, दोनों हाई प्रोफाइल केसः आरुषि तलवार और शीना बोरा दोनों ही हाई प्रोफाइल सोसाइटी के केस हैं और दोनों ही इस सोसाइटी का एक बेहद भयावह चेहरा सामने लाते हैं. जिसमें माता-पिता पैसे, अपने स्वार्थ और ऐय्याशियों के लिए अपने बच्चों का ही कत्ल करने से नहीं चूकते. आरुषि तलवार का केस दिल्ली-एनसीआर का है तो शीना का मुंबई का. ये दोनों शहर भारत के दो सबसे बड़े महानगर हैं जहां देश के सबसे ज्यादा रईस लोग रहते हैं. शीना और आरुषि मर्डर केस दिखाते हैं कि सफलता, बेशुमार दौलत की होड़ और झूठी शान में इन शहरों की हाईप्रोफाइल सोसाइटियां इस कदर अमानवीय हो चली हैं कि उनके सामने रिश्ते-नाते और अपनेपन की भावनाएं बेमानी हो चली हैं.

मंजिल से भटकती शीना मर्डर केस की जांचः राकेश मारिया के मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटते ही शीना मर्डर केस के जांच की दिशा भटकने लगी है. शीना की हत्या के बाद उसकी लाश जहां दफन की गई थी, उस पेन गांव में पिछले एक महीने से मुंबई पुलिस सबूत जुटाने के लिए जीजान से लगी हुई है. लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक शीना बोरा मर्डर केस के फॉरेंसिक सैंपल फिर से गायब हो गए हैं. कलीना स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को जेजे हॉस्पिटल से यह सैंपल मिलना था लेकिन अब इस मामले में शामिल चारों पक्ष मुंबई पुलिस, पेन पुलिस, जेजे हॉस्पिटल और एफएसएल स्टैंड इस महत्वपूर्ण लिंक के गायब होने के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं.

जांच को बाधित करने की कोशिशें: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर मारिया पर शीना मर्डर केस की जांच को लेकर चौतरफा दबाव था. एक दिन मारिया तब चौंक गए जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान जज ने फोन करके शीना मर्डर केस में आराम से जांच करने को कहा. इतना ही नहीं मारिया को ममता बनर्जी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का भी फोन आया था. इस मंत्री को पीटर मुखर्जी का करीबी माना जाता है. सवाल ये है कि आखिर किन लोगों ने इस जांच को बाधित करने की कोशिशें की और इसमें उनके क्या हित जुड़े थे? हैरानी की बात तो ये है कि महाराष्ट्र सरकार ने भी शीन मर्डर केस की जांच में मारिया की अतिसक्रियता को देखते हुए समय से पहले ही उन्हें कमिश्नर पद से विदा कर दिया.

ये सैंपल्स जांच के लिए काफी अहम हैं क्योंकि इन्हें शीना के मर्डर के महीने भर के बाद लिया गया. खास बात यह है कि सैंपल्स के गायब होने की बात मारिया के पद से हटने के बाद ही सामने आई है.

जिस तरह से शीना मर्डर केस अचानक ही सुर्खियों से गायब हुआ है और मारिया की विदाई हुई है उसे देखकर तो यही लगता है कि अगर कुछ समय बाद इस केस की फाइलें बंद होने की खबरें आएं तो चौंकिएगा मत. तमाम जांच के बाद भी आज तक आरुषि के मर्डर का सच सामने नहीं आ पाया. तो क्या शीना मर्डर केस भी अनसुलझा रहस्य ही बनकर रह जाएगा?

#शीना मर्डर केस, #इंद्राणी मुखर्जी, #राकेश मारिया, शीना मर्डर केस, इंद्राणी मुखर्जी, राकेश मारिया

लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय