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Updated: 07 मई, 2021 05:53 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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देश में कोरोना के कहर के बीच मौत 'तांडव' कर रही है. हर रोज कोरोना केस नए-नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. बीते 24 घंटे में 4.14 लाख कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई, जो नए केस का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इस दौरान करीब चार हजार मरीजों की मौत हो गई. एक्टिव केस की संख्या भी चिंता का सबब बनी हुई है. इसमें महज 24 घंटे के अंदर 81,663 केस की बढ़ोतरी हुई है. अभी 36.44 लाख संक्रमितों का इलाज हो रहा है. बीते 7 दिन के अंदर ही इसमें 3.80 लाख की बढ़ोतरी हुई है. हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है. किस पल किसकी जान चली जाए, किसी को नहीं पता. इस भयावहता के बीच यह जानकर कि कोरोना की अभी तीसरी लहर भी आनी है, लोगों के प्राण सूख गए हैं. अभी दूसरी लहर में देश का ऐसा हाल है, तो तीसरी लहर में क्या होगा? यह सोचकर लोगों के हाथ-पांव फूले हुए हैं.

कोरोना की इस सुनामी के बीच भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने तीसरी लहर की संभावना जताकर सनसनी पैदा कर दी है. उन्होंने कहा, 'पूरे देश में जिस तरह से संक्रमण फैला हुआ है, उसे देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है. हमें ये नहीं पता है कि तीसरी लहर कब आएगी लेकिन हमें कोविड-19 के प्रोटोकॉल को जारी रखते हुए इसके लिए तैयार रहना चाहिए. हमें कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैक्सीन लगवाना चाहिए. हम वायरस को मैप करने के लिए काम कर रहे हैं ताकि इसमें होने वाले बदलाव का अंदाज़ा रहे. हम इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें.' वह कहते हैं कि नए म्यूटेंट से निपटने के लिए वैक्सीन को अपडेट करना भी जरूरी था. वायरस ने जब म्यूटेट करना शुरू किया उसके बावजूद सावधानियों में कोई बदलाव नहीं किया गया.

65p_050721045226.jpgदेश में हर रोज लाखों की संख्या में कोरोना केस आ रहे हैं. हजारों की संख्या में लोग असमय काल के गाल में समाए जा रहे हैं.

कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर?

कर्नाटक नेशनल कोविड टास्क फोर्स के एडवाइजर डॉ. गिरिधर बाबू का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर नवंबर के आखिरी में या दिसंबर की शुरुआत में आ सकती है. इस साल ठंड के समय तीसरी लहर अपने चरम पर हो सकती है. इसलिए संक्रमण से जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने की जरूरत है. दूसरी लहर की प्रकृति को देखते हुए यह अनुमान है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा युवा और बच्चे प्रभावित हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्‍चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. कोरोना की पहली लहर बुजुर्गों के लिए खतरा बनी थी, दूसरी लहर युवा आबादी के लिए खतरनाक साबित हुई, अब तीसरी लहर बच्‍चों के लिए जानलेवा हो सकती है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि 18 साल से कम उम्र के लिए अभी तक वैक्सीन बनी ही नहीं है.

तीसरी लहर के प्रमुख कारक क्या होंगे?

भारत में तीसरी लहर आने के पीछ कौन-कौन से कारण महत्वपूर्ण होंगे? इस सवाल के जवाब में एक्सपर्ट प्रो. एम. विद्यासागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं. ऐसे में जो संक्रमित हो रहे हैं, उनके शरीर के अंदर कम से कम 3 से 6 महीने तक वायरस के खिलाफ इम्युनिटी रहेगी. लेकिन धीरे-धीरे यह इम्युनिटी कमजोर पड़ती जाती है. ऐसे में 6 महीने बाद ये सभी लोग आसानी से संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. उदाहरण के लिए यदि कोई मई में कोरोना से संक्रमित होता है, तो रिकवरी के बाद नवंबर तक उसका इम्युन सिस्टम कोरोना के खिलाफ मजबूत रहेगा. लेकिन नवंबर के बाद वो संक्रमण के दायरे में आ जाएगा. ऐसे में वैक्सीनेशन में तेजी लानी होगी. नवंबर से पहले हाई रिस्क पॉपुलेशन को वैक्सीनेट करना होगा, ताकि तीसरी लहर दूसरी जैसी भयावह ना हो.

कितनी खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर?

कोरोना की तीसरी लहर कितनी खतरनाक होगी या हो सकती है, ये तीन तत्वों पर निर्भर करता है. पहला ये कि नवंबर-दिसंबर तक हम कितने लोगों को वैक्सीन लगा पाते हैं. दूसरा सुपर स्प्रेडर इवेंट जैसे कि चुनावी रैली, शादी-विवाह या कोई धार्मिक समारोह, कितना रोक पाते हैं. तीसरा ये कि कितनी जल्दी वायरस के नए वैरिएंट्स की पहचान कर पाते हैं और उसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठा पाते हैं. इन सबके बीच एक बात सबसे जरूरी है, वो ये कि आप और हम कितने जागरूक हैं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. कोरोना के प्रति आमलोगों की जागरूकता ही जान बचा सकती है. क्योंकि दूसरी लहर में हमने ये देख लिया है कि सरकार और सिस्टम का हाल क्या है, अस्पतालों की स्थिति क्या है? घर से लेकर अस्पताल तक और सड़क से श्मशान तक लोगों की लाइन लगी है. सांसों पर संकट है.

तीसरी लहर के कहर से कैसे बचा जा सकता है?

देश में हर रोज लाखों की संख्या में कोरोना केस आ रहे हैं. हजारों की संख्या में लोग असमय काल के गाल में समाए जा रहे हैं. ऐसे संवेदनशील समय में हम सभी ने सरकार और सिस्टम को देख लिया है. उसकी तैयारियों को देख लिया है. उसकी व्यवस्था को परख लिया है. अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हो जाए. खासकर के पहली लहर के बाद लापरवाह हो चुके लोगों से विशेष अनुरोध है, जो यहां तक कहते थे कि कोरोना नामक कोई बीमारी है ही नहीं. सभी लोगों को अब डबल मास्क पहनना शुरू कर देना चाहिए. लगातार अपने हाथ सैनिटाइज करने चाहिए. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, जब बहुत इमरजेंसी हो तभी घरों से बाहर निकलना चाहिए. 18 साल के उपर लोगों को वैक्सीन लगवा लेना चाहिए. ऐसा करके ही माहामारी को मात दी जा सकती है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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