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Updated: 01 दिसम्बर, 2020 01:44 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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हिमालय और उत्तराखंड की वादियों से आती सर्द हवाएं, दिल्ली में किसानों का धरना (Delhi Farmer Protest) और उस धरने पर हुई पुलिसिया कार्रवाई. दिसंबर की ठीक से शुरुआत भी नहीं हुई और जैसे हालात हैं कोरोना के इस दौर में इवेंट्स की भरमार है. चूंकि देश एक महामारी की चपेट में है और वैक्सीन नदारद है इसलिए ये भी साफ है कि साल 2020 एक मनहूस साल है. भविष्य में जब कभी भी 2020 का जिक्र होगा तो इसे केवल कोरोना के लिए याद नहीं किया जाएगा. एक वजह और है और वो है 'लव जिहाद.' (Love Jihad) बिहार का चुनाव हो चुका है भविष्य में बंगाल (Bengal) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh Assembly Election 2022) के रूप में दो बड़े राज्यों में चुनाव होने हैं और तय माना जा रहा है जैसे जैसे दिन आगे बीतेंगे लव जिहाद की चिंगारी दहकती आग का रूप लेगी. सवाल होगा कि 'लव जिहाद' की ये बातें क्यों तो कारण हैं अभी बीते दिनों ही कोरोना के चलते ज़िंदगी की जंग हार चुके म्यूजिक डायरेक्टर वाजिद खान (Wajid Khan) की पत्नी कमालरुख (Kamalrukh). जिन्होंने सोशल मीडिया को हथियार बनाया है और धर्मांतरण को लेकर अपने ससुराल वालों के बारे में कई अहम खुलासे किए हैं. वाजिद खान की पत्नी कमालरुख ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट (Wajid Khan Wife Kamalrukh Post on religious conversion) लिखा है जिसमें उन्होंने वाजिद खान के परिवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि परिवार द्वारा जबरदस्ती उन्हें इस्लाम (Islam) धर्म कबूलने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

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कमालरुख का कहना है कि अभी वो अपने पति की मौत से उभर नहीं पाई हैं ऐसे में वाजिद खान के परिवार द्वारा उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए परेशान किया जा रहा है. बता दें कि कमालरुख की ये पोस्ट इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोर रही है और इस पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

बात इंटरनेट पर चर्चा बटोर रहे कमालरुख के इस पोस्ट की हो तो उन्होंने लिखा है कि मेरा नाम कमालरुख खान है और मैं दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी हूं. शादी से पहले मैं उनके साथ 10 साल के रिश्ते में थी. मैं पारसी हूं और वो मुस्लिम थे. हमें कॉलेज स्वीटहार्ट्स कहा जाता थे. यहां तक क‍ि जब हमने शादी की तो स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत की. मैं इस पर अपना अनुभव साझा करना चाहती हूं कि किस तरह से मुझे इंटरकास्ट शादी करने के बाद धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, जो बेहद शर्मनाक है."

गौरतलब है कि अभी बीते 1 जून को ही लंबी बीमारी से लड़ने के बाद मशहूर संगीतकार वाजिद खान का निधन हुआ था ऐसे में ये खुलासा इसलिए भी अहम है क्यों कि वाजिद और कमालरुख की शादी कोई दो चार साल की नहीं बल्कि ये लोग करीब 17 सालों से एक 'हैप्पिली मैरिड कपल' की तरह रह रहे थे.

जैसा कि हम बता चुके हैं मामला लगातार सुर्खियों में है और इसपर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं तो बता दें कि एक वर्ग तो खुलकर कमालरुख के साथ आया है और इसे लव जिहाद की संज्ञा दी रहा तो वहीं एक वर्ग वो भी है जिसका मानना है कि शादी के 17 सालों के बाद इस तरह के खुलासे से धर्म के आधार पर पारसी कमालरुख ये सब मीडिया की सुर्खियां पाने और चर्चा में बने रहने के लिए कर रही हैं.

मामले की सच्चाई जो भी हो लेकिन ये सब एक ऐसे समय में हो रहा है जब आईएएस टीना डाबी और अतहर आमिर खान का तलाक सुर्खियां बटोर रहा है जिसे लव जिहाद की संज्ञा दी जा रही है. बात लव जिहाद की हुई है तो ये बताना भी बेहद जरूरी है कि भले ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लव जिहाद के लिए अध्यादेश लाई हो जिसमें धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान हो.

लेकिन जब हम इसे कानून की नजर से देखते हैं तो लोग उस वक़्त हैरत में पड़ गए थे जब 2019 के कुशीनगर के सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि एक व्यक्तिगत संबंध में हस्तक्षेप करना दो लोगों की पसंद की स्वतंत्रता के अधिकार पर गंभीर अतिक्रमण है.

चूंकि इस मामले में अपनी पर्सनल बातें कमालरुख खुद पब्लिक डोमेन में लाई गई हैं तो देखना दिलचस्प रहेगा कि अभी आगे ये मामला आगे कहां तक खिंचता है. खिंचता है भी या फिर इसे बस ट्रेंड का हिस्सा समझते हए देश की जनता द्वारा खारिज या ये कहें कि नजरअंदाज कर दिया जाता है. सवाल तमाम हैं जिन्हें जानने के लिए हम केवल इंतजार कर सकते हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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