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Updated: 02 मार्च, 2016 02:38 PM
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ब्रिटेन की एक कंपनी ने महिलाओँ के सबसे मुश्किल दिनों में होने वाली परेशानियों से उन्हें निजात दिलाने के लिए एक ऐसी पॉलिसी बनाई है जिसे न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि भारत सहित दुनिया भर के सभी देशों में लागू किया जाना चाहिए.

खासकर भारत को तो इस कंपनी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, जहां आज भी महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी कई वर्जनाएं जस की तस जारी हैं और इस दौरान उन्हें अपवित्र तक मानने का चलन बरकरार है.

आइए जानें ब्रिटेन की इस कंपनी द्वारा शुरू की गई इस नई पॉलिसी के बारे में.

महिलाओं की सुविधा के लिए एक कंपनी ने बनाई ‘पीरियड पॉलिसी’

ब्रिटेन की कोएग्जिस्ट नामक एक कंपनी ने पीरियड के दिनों में महिला कर्मचारियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने का एक बढ़िया फॉर्मूला अपनाया है. इस कंपनी के 24 कर्मचारियों में 17 महिला कर्मचारी हैं, इसलिए कंपनी ने महिलाओं की सुविधाओं पर जोर देते हुए उनके लिए 'पीरियड पॉलिसी' बनाई है. इस पॉलिसी के तहत कंपनी अपनी महिला कर्मचारियों को उनके पीरियड के दिनों में छुट्टी देने की योजना शुरू की है. कंपनी ने इसे 'पीरियड लीव' का नाम दिया है.

महिला कर्मचारियों को लिए 'पीरियड पॉलिसी' लाने वाली यह ब्रिटेन की पहली कंपनी है. कंपनी का कहना है कि पीरियड्स के दौरान छुट्टी देने से कंपनी की उत्पादकता घटेगी नहीं बल्कि बढ़ेगी और कंपनी पीरियड्स से जुड़ी नकारात्मकता को खत्म करना चाहती है.

कोएग्जिस्ट की एक डायरेक्टर बेक्स बाक्सटर कहती हैं कि एक स्टाफ मैनेजर के तौर पर मैंने महिलाओं को उनके पीरियड्स के दौरान परेशानियां झेलते देखा है. बेक्सटर कहती हैं, 'वे ज्यादा समय लेने के लिए खुद को दोषी समझती हैं और शर्मिंदा होती हैं. वे इसे जाहिर नहीं होने देना चाहती और खामोशी से अपने डेस्क पर बैठी रहती हैं. इसकी शुरुआत वहां से हुई और हमने सोचा कि हम इस आखिरी वर्जना को खत्म करने के लिए क्या कर सकते हैं.'  

बेक्सटर ने भरोसा जताया कि उनकी कंपनी द्वारा उठाया गया यह कदम महिला कर्मचारियों की प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ दूसरी कंपनियों को भी ऐसी ही पॉलिसी लागू करने के लिए प्रेरिता करेगा. बाक्सटर ने कहा, 'कई कंपनियां में पुरुष कर्मचारियों का वर्चस्व रहता है और वे ज्यादा घंटे तक काम करने को बढ़ावा देते हैं लेकिन लेकिन यह अवधारणा गलत है कि ब्रेक लेने से बिजनेस की उत्पादकता घटती है.'  'यह कर्मचारियों द्वारा ज्यादा समय लेने की बात नहीं है बल्कि पीरियड के दौरान ज्यादा लचीलेपन और कुशलता के साथ काम करने का मामला है.'

ब्रिटेन की एक कंपनी द्वारा महिलाओं के सबसे मुश्किल दिनों को आसान बनाने की इस कोशिश से भारत जैसे देशों को सबसे ज्यादा सबक लेने की जरूरत है. जहां वर्कप्लेस तो छोड़िए मंदिर और दरगाह जैसे सार्वजनिक पूजास्थलों पर भी महिलाओं के साथ पीरियड के कारण भेदभाव होता है.

काश भारत भी ब्रिटेन की इस कंपनी से इस मामले में कुछ सीख पाता!

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