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Updated: 30 जून, 2020 04:47 PM
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सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी (Sushant Singh Rajput Suicide Death) ने फिल्म इंडस्ट्री से लेकर देशभर में बहस छेड़ दी है. आए दिन कुछ न कुछ नई बातें सामने आ रही हैं. बॉलीवुड में नेपोटिज्म, आउटसाइडर्स के साथ भेदभाव और पेशेवर प्रतिद्वंदिता जैसी बातों को लेकर आए दिन तरह-तरह के दावे दिए जा रहे हैं, जो कि सुशांत की मौत के पीछे की वजहों के रूप में गिने जा रहे हैं. मुंबई पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है और दावा कर रही है कि वह केस की तह तक जाएगी. इस मामले में सुशांत के करीबियों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े 27 लोगों से पूछताछ भी हो चुकी है. लेकिन इस बीच महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक लेख में सुशांत सिंह राजपूत को लेकर ऐसी-ऐसी बातें कही गई हैं, जो कि सभी के लिए चौंकाने वाली है. सुशांत सिंह राजपूत के बारे में सामना ने साफ-साफ लिखा है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या नहीं हुई है. ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि मुंबई पुलिस जहां सुशांत की खुदकुशी मामले की तह तक जाने की बात कर रही है, वहीं सामना मामले को एक खुदकुशी से ज्यादा नहीं समझ रहा है. ऐसे में क्या महाराष्ट्र सरकार पुलिस को इशारा कर रही है कि सुशांत की मौत मामले की तह तक जाने की जरूरत नहीं है?

सामना में शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा लिखे लेख में कहा गया है कि सुशांत मेंटली अनस्टेबल (मानसिक रूप से अस्थिर) थे और शूटिंग के दौरान सेट पर उनका व्यवहार काफी अजीब रहता था, जिससे बाकी लोगों को काफी परेशानी होती थी. सामना में सुशांत सिंह के बारे में साफ तौर पर कहा गया है कि वह डिप्रेशन में थे और उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी. असफलता ने सुशांत को इतना परेशान कर दिया था कि उन्होंने खुदकुशी कर ली. सामना ने दावा किया कि सुशांत ने अपना करियर खुद बर्बाद किया. सामना अखबार में तो यहां तक लिखा गया है कि शिवसेना बिहार के कद्दावर नेता जॉर्ज फर्नांडिस की जिंदगी पर फिल्म बनाना चाहती थी और इसके लिए सुशांत को अप्रोच किया जाना था, लेकिन चूंकि इंडस्ट्री में सुशांत के खराब व्यवहार और दिमागी हालत ठीक न होने की खबर फैल गई थी, इसलिए सुशांत को जॉर्ज फर्नांडिस पर बनने वाली फिल्म के लिए कास्ट नहीं किया गया.

‘खुदकुशी के पीछे सुशांत खुद जिम्मेदार’

शिवसेना के मुखपत्र सामना में ये बातें भी लिखी गई हैं कि कंगना रनौत ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म को एक्सपोज किया, सोनू निगम ने म्यूजिक इंडस्ट्री के माफियाओं की पोल खोली, लेकिन इन सबके बीच यह बात अहम है कि हर दिन सैकड़ों लोग इस इंडस्ट्री में अपनी किस्मत बनाने आते हैं और कठिन मेहनत के बल पर अपना नाम रोशन करते हैं. संघर्ष इस इंडस्ट्री का हिस्सा है और जो लोग संघर्ष करते रहते हैं, वही सफल होते हैं. लेकिन जो संघर्षों और असफलताओं से हार जाते हैं, वो सुशांत सिंह राजपूत की तरह जिंदगी खत्म कर लेते हैं. शिवसेना मुखपत्र ने साफ तौर पर अपनी राय जाहिर करते हुए लिखा कि सुशांत सिंह राजपूत ने असफलताओं के आगे घुटने टेक दिए और जिंदगी खत्म कर ली. ऐसे में इस खुदकुशी के पीछे सुशांत खुद जिम्मेदार थे.

क्या मुंबई पुलिस को इशारा कर रही है महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार?

अब सवाल उठता है कि दो दिन पहले मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने जब मीडिया ब्रीफिंग के दौरान साफ तौर पर कहा कि वे सुशांत के सुसाइड मामले की हर एंगल से जांच कर रहे हैं और मामले की तह तक जाएंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सुशांत सिंह की खुदकुशी के मामले में 27 लोगों से पूछताछ हुई है और जरूरत पड़ी तो और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. ऐसे में क्या शिवसेना मुखपत्र द्वारा इस मामले को सामान्य खुदकुशी बताना कहीं न कहीं पुलिस को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इशारा तो नहीं है कि इस सीधे-साधे मामले की ज्यादा तह तक जाने की जरूरत नहीं है. सामना ने तो जैसे सीधे तौर पर सुशांत की खुदकुशी को हताशा-निराशा में उठाया गया कदम बता दिया है. क्या सामना के जरिये महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार जल्दी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश कर रही है?

क्या है सुशांत की खुदकुशी का सच?

दरअसल, सामना अखबार ने अपने लेख में जिस तरह की बातें कही हैं, वो सारे चौंकाने वाले हैं. जब पूरी दुनिया सुशांत सिंह के लिए आंसू बहा रही है, वहां सामना का सुशांत सिंह को मानसिक रूप से अस्थिर और अपनी दिमागी हालत से दूसरे के लिए परेशानी खड़ी करने वाला बताना लोगों को चौंका रहा है. अब तक कहीं से ये बात नहीं आई कि सुशांत की दिमागी हालत ठीक नहीं है. कई कारणों से डिप्रेशन में होने की वजह से लोग परेशान जरूर हो जाते हैं, लेकिन इसे दिमागी हालत ठीक न होना और दूसरों को परेशान करने वाला बताना वाकई नई बात है, जिसकी जांच होनी चाहिए. क्या सुशांत वाकई अफसलताओं से इतने परेशान हो गए थे और अकेलेपन का शिकार थे? क्या वाकई सुशांत की दिमागी हालत ठीक नहीं थी और वो दूसरों के परेशान करने लगे थे. शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपी बातें अगर सच हैं तो वाकई इसकी जांच होनी चाहिए कि आखिर सुशांत के साथ ऐसा क्या हुआ था, जिसकी वजह से उनका नेचर और बिहेव ही बदल गया.

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