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Updated: 27 मार्च, 2018 05:21 PM
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हमारे देश में प्लेन में सफर करना एक अलग अनुभव माना जाता है. ट्रेन में तो कितना भी सामान लेकर कैसे भी सफर कर लो, लेकिन प्लेन के लिए बहुत सोच समझ कर सामान रखना होता है, काफी सिक्योरिटी चेक से गुजरना पड़ता है. वहां तो ये केस भी नहीं होता कि भाग कर प्लेन पकड़ लो. खैर, मजाक की बात और है, लेकिन अगर देखा जाए तो प्लेन की सुरक्षा और सुविधा से जुड़ी कई बातें होती हैं जिनसे यात्री अंजान रहते हैं. चलिए आज ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताते हैं...

1. क्या गंदी होती है हवाई जहाज की हवा?

क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज में हवा कहां से आती है और क्यों ये अफवाह चर्चित है कि इसमें बैक्टीरिया होता है. ये असल में प्लेन के दोनों इंजन से अंदर आने वाली हवा होती है. इसे कम्प्रेसर और फिल्टर की मदद से पहले साफ किया जाता है और फिर उसे केबिन प्रेशर के हिसाब से मैनेज किया जाता है फिर साफ किया जाता है और इसके बाद ही इसे अंदर एयरकंडीशन के जरिए भेजा जाता है.

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2. Turbulence (खराब मौसम में प्लेन के हिलने डगमगाने से) कभी प्लेन क्रैश नहीं हो सकता...

खराब मौसम के कारण प्लेन क्रैश होने की संभावना बहुत कम होती है. चाहें प्लेन पर बिजली ही क्यों न गिर जाए, ऐसा होना लगभग नामुमकिन होता है तब तक जब तक प्लेन के सभी पुर्जे सही सलामत हैं. प्लेन का हिलना पैसेंजर्स के लिए इसलिए खतरनाक होता है क्योंकि कई बार मौसम बहुत ज्यादा खराब होने पर सामान गिरने लगता है, या फिर सीट बेल्ट न पहने हुए लोग आपस में टकरा सकते हैं या किसी कारण से गिर सकते हैं.

3. लैंडिंग के समय क्यों धीमी होती है लाइट..

प्लेन की लैंडिंग या टेकऑफ के समय अक्सर लाइट को कम कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए होता है ताकि अगर लैंडिंग या टेकऑफ के समय (जब सबसे ज्यादा क्रैश का खतरा होता है) अगर प्लेन से इमर्जेंसी एग्जिट करनी हो तो उसके पहले ही पैसेंजर्स की आंखें रौशनी से एडजस्ट हो जाए और आसानी से इमर्जेंसी एग्जिट पहचान लें.

4. प्लेन के विंग्स पर लगे हुक..

प्लेन के विंग्स पर हुक लगे होते हैं जिनका इस्तेमाल इमर्जेंसी एग्जिट के समय किया जाता है. प्लेन के विंग्स काफी फिसलन भरे रहते हैं और इनमें से उतरना आसान नहीं. ऐसे में इन्हीं हुक्स से रस्सी को लटकाया जाता है ताकि इमर्जेंसी एग्जिट आसानी से हो सके.

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5. काला त्रिभुज..

ब्लैक ट्रायंगल कई प्लेन्स में होता है. कुछ पैसेंजर सीटों के ऊपर होता है. Airbus A30 के पायलट का कहना है कि ये इससे पायलट को ऑटोमैटिक फ्लैप और इंडिकेटर काम न करने की स्थिती में पता होता है कि प्लेन की स्थिती कहां है. ये उस जगह होते हैं जहां से प्लेन के पंख सबसे ज्यादा आसानी से सही एंगल में दिखते हों.

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6. पायलट के पास होती है कुल्हाड़ी...

कई देशों को कानून के मुताबिक पायलट को उड़ान भरने से पहले ये सुनिश्चित कर लेना होता है कि कॉकपिट में एक कुल्हाड़ी रखी हो. ये आम तौर पर लकड़ी काटने वाली कुल्हाड़ी नहीं बल्कि छोटा पोर्टेबल औजार होता है. इसे कॉकपिट में रखा जाता है ताकि आग लगने पर या दरवाज़ा अटक जाने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके. इमर्जेंसी एक्जिट बनाने के लिए भी इन दरवाज़ों का इस्तेमाल किया जाता है.

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