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Updated: 06 अक्टूबर, 2018 04:04 PM
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अगर स्कूल जाने वाली बच्चियों से कोई ये कहे कि 'तुम्हारी स्कर्ट distracting है' यानी विचलित करने वाली है तो जाहिर है आपको गुस्सा आएगा. लेकिन अगर ये कहने वाला स्कूल ही हो तो, किसे दोष देंगे?

15 साल की लड़कियां ऐली और जैसमिन लंदन के हैम्पशायर शहर में रहती हैं. उनके स्कूल के डिप्टी हेड टीचर ने कहा कि- उनकी घुटनों तक की स्कर्ट बहुत विचलित करने वाली है, क्योंकि उनका शरीर curvy है.

दोनों लड़कियों को धमकाया भी गया कि उनके कपड़े बहुत चुस्त हैं इसलिए उन्हें लंबी स्कर्ट पहननी होगी. हेड टीचर का कहना है कि स्कर्ट उन लड़कियों के लिए बिल्कुल ठीक है जिनका शरीर दुबला-पतला है, लेकिन curvy figure के लिए सही नहीं है.

skirt ये रही वो स्कर्ट जिन्हें गलत बताया जा रहा है क्योंकि लड़कियां curvy हैं.

क्या कोई टीचर अपनी छात्राओं के लिए कपड़ों की शॉपिंग करवाता है?

नए टर्म में स्कूल को ये स्कर्ट अजीब लग रही है जबकि ये वही स्कर्ट हैं जिन्हें दोनों लड़कियां पिछले टर्म से पहनती आ रही हैं. स्कूल ने चेतावनी भी दी कि अगर वो ये स्कर्ट पहनकर आएंगी तो उन्हें स्कूल आने से रोक दिया जाएगा. या फिर आंतरिक बहिष्कार कर दिया जाएगा. ऐली की मां ने कई बार स्कूल से बात-चीत भी की और ये नतीजा निकाला गया कि टीचर खुद बच्चियों के लिए स्कर्ट पसंद करेंगे. इसलिए ऐली की मां को बच्चियों को लेकर हेड टीचर और उनकी पत्नी के साथ स्कर्ट खरीदने जाना पड़ा. अपने टीचर के सामने चेंजिंग रूम में कपड़े पहन पहन कर दिखाना बहुत शर्मिंदगी भरा था. लड़कियों ने 8 बार कपड़े ट्राई किए और आखिरकार टीचर ने ऐसे अजीब सिल्की कपड़े से बनी स्कर्ट पसंद की जिसको रौशनी में देखने पर आर-पार देखा जा सकता था. ये स्कर्ट ऐसी थी जिसे अगर इसे पहना जाता तो लड़कियों का मजाक उड़ाया जाता.

skirtउनके शरीर पर फिट न होने की वजह से कोई भी स्कर्ट स्कूल को अच्छी ही नहीं लग रही थी

स्कर्ट बाकी लड़कियों के लिए ठीक लेकिन curvy लड़कियों के लिए गलत क्यों

फिर दोनों बच्चियों की माओं ने एक वेबसाइट से curvy लड़कियों के पहनने लायक स्कर्ट खरीदीं. और जब वो उन्हें पहनकर स्कूल गईं तो भी स्कूल वालों ने कमी निकाल दी. 16 दिन तक बच्चियां स्कर्ट की वजह से स्कूल नहीं जा सकीं. और 16 स्कर्ट्स खरीदने के बाद जब बच्चियों को स्कूल भेजा गया, तो टीचर्स के 'स्कर्ट रूल' के हिसाब से स्कर्ट फिर भी सही नहीं पाई गई. लिहाजा दोनों बच्चियों को एक दूसरे से और क्लास से अलग कर दिया गया. बच्चे पूरा दिन अकेले रहे, स्कूल में उन्हें थोड़ा बहुत ही काम दिया गया. लड़कियों को ब्रेक में भी बाहर नहीं जाने दिया गया सिर्फ टॉयलेट जाने और खाना खाने दिया गया. उन्हें कैदियों की तरह रखा गया. और इस प्रक्रीया में लड़कियों का आत्मविश्वास पूरी तरह से हिल गया. इससे पहले लड़कियों को कभी शरीर को लेकर कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन अब है. वो बहुत रोईं, उन्हें अब लगता है कि वो मोटी हैं, और अब अपने लिए बहुत बुरा महसूस कर रही हैं.

स्कूल का शर्मनाक रवैया

और चोरी पर सीनाजोरी ये कि स्कूल कहता है कि छात्राओं का आत्मविश्वास टूट गया है तो वो उनकी काउंसलिंग करवाएंगे. यानी पहले आप जख्म दें फिर मरहम लगाएं.

जब ऐली की मासी ने ये पूरा मामला फेसबुक पर पोस्ट किया तब स्कूल की इस हरकत का पता लगा. इस पोस्ट पर बाकी पेरेंट्स की भी प्रतिक्रिया आईं. जिन्होंने स्कूल के इस रवैए को गलत कहा. ऐली की मां का कहना है कि उनकी बेटियों को सिर्फ curvy होने की सजा दी जा रही है जबकि curvy होने के लिए वो जिम्मेदार कैसे हो सकती हैं, वो उनके हाथ में है ही नहीं.

ये अपने आप में बेहद अजीब मामला है, जहां एक स्कूल खुद अपनी ही छात्राओं की बॉडी शेमिंग कर रहा है, खुद उनका आत्मविश्वास तोड़ रहा है. वो बच्चों को ये बताने की कोशिश कर रहा है कि वो अपनी शारीरिक बनावट या कद काठी की वजह से बाकी लड़कियों से अलग हैं, उनके लिए दुबली पतली लड़कियां परेशानी नहीं बल्कि curvy होना समस्या है. वो कपड़े जो बाकी लड़कियों के लिए ठीक हैं वो इन दोनों के लिए खराब कैसे हो सकते हैं. बच्चे जिस उम्र में पढ़ाई की चिंता करते हैं, स्कूल उन्हें उम्र में अपनी फिगर और कपड़ों की चिंता करने को मजबूर कर रहा है.

पर सोचने वाली बात ये है कि स्कूल के टीचर कैसे अपनी छात्राओं की curvy बॉडी की वजह से विचलित हो जाते हैं, क्या बच्चे जानबूझकर इस तरह के कपड़े पहनते हैं कि कोई शिक्षक विचलित हो? स्कूल की तरफ से छात्राओं के कपड़ों पर की जाने वाले ऐसे कमेंट्स बेहद शर्मनाक हैं. स्कूल के रवैए से तो यही लगता है कि प्रॉब्लम स्कर्ट नहीं बल्कि लड़कियों का curvy होना है. शिक्षक छात्राओं को देखने का नजरिया बदलें, स्कर्ट अपने आप सही लगने लगेगी.

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