सलमान का वफादार ड्राइवर: एक बुरा अभिनेता!
सलमान के वफादार ड्राइवर ने अपनी गर्दन तलवार पर रख दी और सितंबर 2002 में उस रात हुए हादसे का दोष अपने सिर ले लिया.
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तेरह साल तक चले हिट एंड रन मामले को सलमान खान के ड्राइवर अशोक सिंह ने अंतिम चरण में एक नाटकीय मोड़ दे दिया. सलमान के इस वफादार ने आसानी से अपनी गर्दन तलवार पर रख दी और सितंबर 2002 में उस रात हुए हादसे का दोष अपने सिर ले लिया. पिछले एक माह में अशोक का नाम हर किसी के होठों पर था. वह इस केस में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभर रहा था. बॉलीवुड की भाषा में कहें तो वह "वफादारी की मिसाल" के रूप में सामने आया.
पिछले कई दिनों से सलमान के परिवार वालों की तरह ही अशोक सिंह के लिए भी रातों की नींद हराम हो गई थी. यही वह आदमी था जो फैसले के दिन की सुबह सलमान को लेकर मुंबई अदालत गया था. हमारा अनुमान है कि अदालत की ओर जाते समय सुपरस्टार और उनके ड्राइवर को एक जैसी भावनाओं का ही अनुभव हुआ होगा. वे दोनों नर्वस थे और उन दोनों को पता था कि यह दिन और कोर्ट का फैसला उनका भविष्य तय करेगा.
अशोक सिंह कौन है? कैसे उसने वास्तविक जीवन में नाटकीय काम किया?
1. 48 साल का अशोक सिंह सलमान का वफादार ड्राइवर है. जब वे अभिनेता से स्टार बनने की दिशा में पहला कदम उठाने जा रहे थे उसी दौर में अशोक ने उनके लिए काम करना शुरू किया था. यह उस वक्त की बात है जब वे सूरज बड़जात्या की सुपरहिट फिल्म 'मैंने प्यार किया' के साथ अपनी पहली उपलब्धि हासिल करने जा रहे थे.
2. अशोक को "सलमान का ड्राइवर" उपाधि से आनंद मिलता है. वह अंधेरी में 4 बंगलो के पास वाले इलाके में अपनी पत्नी अनीता और दो बेटों के साथ एक छोटे से घर में रहता है. उसके बेटों को फिल्मों में काम करने की ख्वाहिश नहीं है. एक कॉलेज जाता है और दूसरा एक कॉल सेंटर में काम करता है.
3. अनीता भी "अपनी वफादारी दिखाने" के लिए अपने पति के साथ खड़ी है. वह इस इल्जाम को अपने सिर लेने के लिए अदालत में अपने पति के साथ गई थी. एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में अनीता ने अपने पति की कार्रवाई को उचित बताया. अनीता ने कहा कि "अगर आज चुप रहते तो 25 साल की वफादारी का कोई मोल नही रहता.''
4. अनीता ने उस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया कि अदालत में इस बयान के लिए उसके पति को रिश्वत दी गई थी. उसके पति को अदालत में इकबालिया बयान देने का साहस जुटाने में 12 साल का लंबा वक्त लगा. उसने कहा "टायर फट गया था" और "स्टेयरिंग उसी के हाथ में था."
5. वह कई बार जुर्म कबूल करने के इरादे से पुलिस स्टेशन गया. सिंह ने देखा कि पुलिस और मीडिया लगातार सलमान के पीछे पड़ा है. इसी बात ने उसे और ज्यादा परेशान कर दिया.
6. अशोक को अभियोजन पक्ष ने एक "झूठे" के रूप में खारिज कर दिया और अब वह झूठी गवाही के आरोपों का सामना कर रहा है.
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