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Updated: 08 जुलाई, 2016 08:04 PM
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सास-बहू की कहानियां सबने खूब सुनी हैं. अच्छी वाली भी और वैसी भी जिसके सामने अच्छे से अच्छा रियेलिटी शो फीका पड़ जाए. कई कहानियां तो ऐसी भी सामने आईं जिसने बेरहमी की सारी हदें लांघ दी. लेकिन मां-बेटी के बीच ऐसा-वैसा कुछ हुआ हो, ऐसे किस्से भी कम नहीं हैं. सियासत हो, बिजनेस या फिर कोई और क्षेत्र. कई किस्से मिल जाएंगे जो साबित करते हैं कि कुछ लोगों के लिए रिश्तों से बड़ी अहमियत पावर और मनी की है.

राजनीति में मां बनाम बेटी

अभी हाल में राबड़ी देवी ने एक इंटरव्यू में बड़ा दिलचस्प बयान दिया. उन्होंने कहा कि राजद की राजनीतिक उत्तराधिकारी की कुर्सी उनके दोनों बेटों के बीच ही बटेगी. बकौल राबड़ी, मीसा भारती के लिए ससुराल उनका पहला घर है. ये घर बेटों के लिए है. इसलिए उत्तराधिकारी बेटे ही होंगे. आमतौर पर नेता ऐसे बयान देने से बचते हैं. खैर, ये तो रही एक बात. लेकिन अब जरा रूख उत्तर प्रदेश का कीजिए.

अगले साल की शुरुआत में होने वाले यूपी चुनाव के लिए प्रियंका गांधी कांग्रेस की बागडोर संभालेंगी या नहीं, ये वक्त बताएगा. लेकिन अपना दल पार्टी की मां Vs बेटी की कहानी में अब नया ट्विस्ट आने लगा है. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अपने कैबिनेट का विस्तार किया तो उसमें जगह मिली अनुप्रिया पटेल को. एक छोटी सी पार्टी के लिए तो ये खुशी की बात होनी चाहिए थी लेकिन हुआ उल्टा.

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 शपथ लेती अनुप्रिया पटेल

अपना दल पहले से ही दो धड़ो में बंटा है. एक धड़ा अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल का तो दूसरा बेटी का. अनुप्रिया को मोदी कैबिनेट में जगह मिली तो ये दरार और चौड़ी हो गई. पार्टी पर कब्जा किसका होगा, इसे लेकर लड़ाई अगले पायदान पर जा पहुंची है. कृष्णा पटेल अपना दल पार्टी की अध्यक्ष हैं और अनुप्रिया का कद बढ़ता देख उन्होंने एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी.

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दरअसल, कृष्णा पटेल अपनी दूसरी बेटी पल्लवी को भी राजनीति में सक्रिय करने की कोशिश कर रही हैं. पल्लवी के पार्टी में कदम रखने के बाद से ये पूरा फैमिली ड्रामा शुरू हुआ. अपना दल को शुरू करने वाले कृष्णा पटेल के पति और अनुप्रिया तथा पल्लवी के पिता सोने लाल पटेल के 2009 में निधन के बाद से ये रस्साकाशी जारी है. अनुप्रिया पर आरोप लगते रहे हैं वे पार्टी को हाईजैक करने की कोशिश कर रही हैं.

शीना बोरा मर्डर केस

पिछले साल एक ऐसी वारदात सामने आई जिसने सबको हिला कर रख दिया. रिश्तों का पेंच, उसमें फरेब, धोखा और झूठ. इन सबके कॉकटेल से पैदा हुआ नाजायज रिश्ता और फिर उस रिश्ते को छुपाने के लिए कत्ल. ये कहानी इतनी उलझी कि अब भी उसकी कई गांठे खुलनी बाकी हैं. आरोप लगा कि इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पहले पति से पैदा हुए बेटी शीना बोरा को मौत के घाट उतार दिया. कारण बहुत स्पष्ट नहीं हो सका लेकिन पैसा और लव अफेयर जैसी कई कहानियां सामने आईं.

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प्रॉपर्टी के लिए झगड़ा

समाजसेवी शीतल मफतलाल और उनकी मां रजनी भगत के बीच प्रॉपर्टी का झगड़ा भी मीडिया की सुर्खियों में है. प्रोपर्टी के झगड़ों से शीतल का नाता पुराना है. अपने ससुराल यानी मफतलाल परिवार में भी अपने पति अतुल्य मफतलाल के साथ मिलकर अपनी सास माधुरी और अतुल्य के बड़े भाई अजय मफतलाल के साथ प्रोपर्टी का झगड़ा खूब चर्चित रहा था. अजय मफललाल अब इस दुनिया में नहीं है. गौरतलब है कि वे पहले एक लड़की थे. 2003 में उन्होंने सेक्स चेंज कराया और फिर अपर्णा से अजय मफतलाल बने. इसके बाद पिता की प्रोपर्टी पर उनके दावे से पूरा विवाद गहराया था.

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