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Updated: 15 मई, 2019 12:04 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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रमज़ान का महीना हो और पूरे दिन रोजा रखने के बाद शाम को इफ्तारी के समय दस्तरखान पर रूहअफ्जा (RoohAfza) ना हो, तो यूं लगता है मानो कुछ अधूरा सा रह गया. कुछ दिन पहले ही रमज़ान (Ramzan Mubarak) का महीना शुरू होने पर रूहअफ्जा चर्चा में आया था. अब एक बार फिर वह सुर्खियों में छाने लगा है. तब चर्चा इस बात पर हो रही थी कि रूहअफ्जा नहीं मिल रहा है और अब यह 3 गुना से भी अधिक की कीमत पर बिकने को लेकर सुर्खियों में छाया है.

आम आदमी को रूहअफ्जा के खत्म होने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोग, जो रमज़ान के पाक महीने में रमज़ान को सेलिब्रेट करते हैं, उनके लिए इसकी काफी अहमियत है. अपनी कीमत से कई गुना ऊंचे दामों पर बिक रहा रूहअफ्जा इसी का नतीजा है. हां, वो बात अलग है कि इससे कंपनियां अवैध रूप से पैसा कमा रही हैं, लेकिन अपने इफ्तार को हर बार की तरह खास बनाने के लिए लोग 3 गुना तक कीमत देने को तैयार हैं. इस बार रमज़ान के महीने में रूहअफ्जा कई रंग दिखा रहा है.

रमज़ान, रमज़ान मुबारक, अमेजन, ऑनलाइन शॉपिंगरमज़ान के महीने में इस बार रूहअफ्जा खूब सुर्खियां बटोर रहा है, भले ही वह भारत का हो या पाकिस्तान का.

25% डिस्काउंट के बाद भी 3 गुना कीमत

जो शर्बत आम तौर पर बाजार में महज 130-150 रुपए प्रति बोतल (750ml) की कीमत में मिलता है. अब वह अमेजन पर ऑनलाइन 1055 रुपए में 2 बोतलें मिल रही हैं. ये कीमत भी 25% डिस्काउंट के बाद है. बिना डिस्काउंट के तो इसकी कीमत 1398 रुपए है.

रमज़ान, रमज़ान मुबारक, अमेजन, ऑनलाइन शॉपिंगकरीब 130 रुपए की रूहअफ्जा की बोतल अब ऑनलाइन करीब 5 गुना कीमत तक बिक रही है.

जैसे ही बाजार में रूहअफ्जा खत्म हुआ, कालाबाजारी करने वाले खुलेआम अपना काम कर रहे हैं. रमज़ान जैसे पाक मौके पर इस्तेमाल होने वाली चीज रूहअफ्जा को भी अवैध रूप से ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है. एक सेलर तो दो बोतलों को 999 रुपए में बेच रहा है. इस पर वह 100 रुपए का डिस्काउंट भी दे रहा है, हालांकि होम डिलीवरी के 100 रुपए अतिरिक्त ले रहा है.

सोशल मीडिया पर विरोध शुरू

जिस रूहअफ्जा का अब तक सिर्फ एक रंग (गुलाबी) था, अब वही रूहअफ्जा अपने कई रंग दिखा रहा है. पहले तो ये मिल नहीं रहा था, बड़ी मुश्किल से मिला तो इसकी कीमतें आसमान छूने वाली हैं. अब सोशल मीडिया पर इस कालाबाजारी की आलोचना शुरू हो गई है.

जब अमेजन को पता चला कि उनके प्लेटफॉर्म का ऐसा इस्तेमाल हो रहा है, तो उन्होंने हेल्प करने का वादा तो किया, लेकिन इस पर क्या मदद मिलेगा ये देखना दिलचस्प होगा. खैर, सबसे बड़ी बात ये है कि रूहअफ्जा बनाने वाली हमदर्द ने प्रोडक्शन हाल ही में शुरू किया है, क्योंकि अब तक वह किसी लीगल मैटर में फंसी थी. बताया जा रहा है कि अभी तक तो वो रूहअफ्जा बाजार में आया भी नहीं है. तो फिर ऑनलाइन बिक रही ये बोतलें कहां से आई हैं?

कहां से आ रही हैं ये बोतले?

इन बोतलों के पीछे का राज भी रूहअफ्जा का एक अलग ही रंग है. दरअसल, ये रूहअफ्जा भारत में बना हुआ नहीं है, बल्कि पाकिस्तान का है. हो सकता है कि रूहअफ्जा की इन बोतलों के लिए पाकिस्तान को ही ऊंचे दाम देने पड़ रहे हों, लेकिन दिक्कत आम आदमी को हो रही है. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि पाकिस्तान रूहअफ्जा कैसे बनाने लगा? इसकी भी एक कहानी है.

रूहअफ्जा की दो कंपनियां, एक भारत में दूसरी पाकिस्तान में

हमदर्द लेबोरेट्रीज कंपनी की शुरुआत यूनानी दवाओं के प्रैक्टिशनर हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने 1907 में पुरानी दिल्ली में की थी. कंपनी के अन्य कई दवाओं के ब्रांड भी हैं, जिनमें साफी, चिंकारा और जोशीना भी शामिल है. जब देश का बंटवारा हुआ तो हकीम हाफिज के छोटे बेटे हकीम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए और वहां पर हमदर्द लेबोरेट्रीज वक्फ पाकिस्तान बनाया. पाकिस्तान की कंपनी में तो रूहअफ्जा खूब बन रहा है, लेकिन कुछ लीगल मामलों की वजह से भारत की रूहअफ्जा बनाने वाली कंपनी में काम रुका हुआ है.

भारत में काम रुका होने का फायदा इस समय पाकिस्तान की कंपनी उठा रही है. हालांकि, रमज़ान जैसे मौके में किसी को रूहअफ्जा मिल जा रहा है, वह इसी बात से खुश है. इस समय कीमत की परवाह बहुत ही कम लोग कर रहे हैं. हालांकि, ऐसे भी लोग बहुत से हैं जो विरोध कर रहे हैं. खैर, विरोध कितना भी हो और अमेजन कुछ भी कहे, लेकिन उनकी वेबसाइट पर अभी भी रूहअफ्जा की बोतलें अपनी एमआरपी से कई गुना अधिक दाम पर बिक रही हैं और लोग उन्हें खरीद भी रहे हैं.

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