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Updated: 20 मार्च, 2019 06:45 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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एशिया के 48 देशों में न जाने कितनी सभ्यताएं मौजूद हैं. भारत में रहते हुए हम अक्सर अपने पड़ोसी देशों की खबरों के बीच ही उलझे रहते हैं, लेकिन उसके आगे भी बहुत से ऐसे देश हैं जहां की सभ्यता, रिवाज और कानून के बारे में जानकर शायद आप चौंक जाएं. ऐसा ही एक देश है किर्गिस्तान हालांकि कुछ लोग इसे कर्गिस्तान भी कहते हैं लेकिन असल उच्चारण किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) है. अगर आप इस देश के किसी आम दिन के बारे में जानना चाहेंगे तो पाएंगे कि यहां लगभग हर दिन लगभग 36 शादियां होती हैं. ये शादियां खुशी नहीं बल्कि एक ऐसी प्रथा का प्रतीक हैं जो किसी भी इंसान को झकझोर देगा.

ये देश हर 40 मिनट में एक लड़की की उम्मीदें तोड़ता है. यहां हर 40 मिनट में एक लड़की अगवा की जाती है और उसकी शादी जबरदस्ती कर दी जाती है. इस प्रथा को लेकर पुलिस, सरकार यहां तक कि महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.

दुल्हन की किडनैपिंग के लिए न सिर्फ लड़का और उसके दोस्त बल्कि उस लड़के का पूरा परिवार ही दुल्हन का इंतजार कर रहा होता है.

 किर्गिस्तान की हर लड़की इसी डर में जीती है कि कहीं उसका अपहरण न हो जाए. किर्गिस्तान की हर लड़की इसी डर में जीती है कि कहीं उसका अपहरण न हो जाए.

'मेरे पति ने मेरा अपहरण किया था...'

किर्गिस्तान में हर तीन में से 1 लड़की की शादी इसी तरह होती है. ये कहानी गुलनिसा की है. गुलनिसा किसी गांव की रहने वाली नहीं बल्कि किर्गिस्तान की राजधानी बिशकिक (Bishkek) में रहती हैं. वो बिशकिक के लैंग्वेज स्कूल में पढ़ाती हैं. वो स्पैनिश, कर्गीज, इंग्लिश, रशियन और थोड़ी सी फ्रेंच जानती हैं. उनका सपना था कि वो एक लिंग्विस्ट बने और विदेशों में नौकरी करें. पिता पुलिस में थे और बेटी के सपनों की कद्र करते थे. पढ़ाई के साथ-साथ वो एक टूरिस्ट गाइड की तरह नौकरी भी करती थीं.

गुलनिसा की टूरिस्ट बस का ड्राइवर उन्हें पसंद करने लगा, जब उसने ये बात गुलनिसा को बताई तो उन्होंने मना कर दिया. कुछ दिन बाद गुलनिसा का अपहरण कर लिया गया और जबरन उसी ड्राइवर से उनकी शादी हुई. पिता के पुलिस में होने का भी कोई फायदा नहीं हो पाया. कारण? पिता ने खुद गुलनिसा की मां से अपहरण कर ही शादी की थी. गुलनिसा की पढ़ाई छूट गई और जितनी भी जानकारी उन्हें थी उसी के आधार पर उन्होंने नौकरी करनी शुरू की.

गुलनिसा का अपहरण जब हुआ था तब उन्हें ये अंदाज़ा हो गया था कि अब उनके पास और कोई चारा नहीं बचा है. वो खुशकिस्मत हैं जो उन्हें नौकरी करने को मिल रही है नहीं तो कई लड़कियों को शादी कर सिर्फ इसलिए लाया जाता है ताकि वो खेतों में काम कर सकें और घर के सारे काम कर सकें.

फिल्मकार पीटर लॉम (Petr Lom) ने किर्गिस्तान के इस रिवाज पर गहरा अध्ययन किया है. वो एक वाक्ये को याद कर बताते हैं कि, 'एक आम दिन था. वो एक घर के आंगन में खड़े थे और एक महिला वोदका की बॉटल हाथ में लिए खुशी मना रही थी. उसने कहा कि जल्दी ही उनका बेटा अपनी दुल्हन का अपहरण कर लाने वाला है. हमें उसकी खेतों में जरूरत है. इसी बीच एक कार आकर सामने से रुकती है.' इस पूरी प्रथा पर पीटर लोम ने एक फिल्म बनाई है.

अपहरण के बाद लड़की के पास नहीं बचता कोई रास्ता-

गुलनिसा की कहानी उन हज़ारों लड़कियों में से एक कहानी है जो किर्गिस्तान के इस रिवाज को लेकर परेशान हैं. इस प्रथा का एक नाम भी है. अला काच्चू (Ala kachuu). सोवियत यूनियन के समय ये प्रथा दबा दी गई थी, लेकिन उसके बाद से ही इसने फिर तेज़ी पकड़ी और आलम ये है कि हर साल 12000 से ज्यादा कर्गीज लड़कियां अगवा कर शादी के बंधन में बांध दी जाती हैं. लड़कियों को जब अगवा किया जाता है तो उनके पास और कोई रास्ता नहीं छोड़ा जाता. अपहरणकर्ता के घर वाले उसे समझाते हैं कि शादी कर ले. कई बार लड़की के घर वाले भी उसे समझाते हैं कि अब उसे शादी कर लेनी चाहिए.

लड़कियों के घर वाले कभी लड़की को वापस स्वीकार नहीं करते. किर्गिस्तान में एक प्रथा है जो कहती है कि अगर लड़की एक बार अगवा कर ली गई या उसकी शादी कर दी गई तो चाहें उसका पति कितना भी गलत इंसान क्यों न हो, लेकिन उस लड़की को वापस नहीं लिया जा सकता. कई लड़कियां इस कारण खुद को मार लेती हैं और आत्महत्या या हत्या किर्गिस्तानी युवाओं के लिए आम बात है.

गरीब देश जो जुर्म को ही अपनी संस्कृति मानता है-

किर्गिस्तान के पास भले ही अपना छोटा सा तेल भंडार और उपजाऊ जमीनें हों, लेकिन सोवियत यूनियन के खत्म होने के बाद से ही किर्गिस्तान विकसित होने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ये देश अपनी ही समस्याओं से झूझ रहा है. कमजोर अर्थव्यवस्था वाली किर्गिस्तानी आवाम के लिए शादियां एक बड़ा खर्च साबित हो सकती हैं और ये भी कारण है कि लड़कियां अगवा कर ली जाती हैं. किर्गिस्तान में लड़कियों के घरवालों को लड़के के घर वाले पैसे देते हैं तब शादी सहमती से हो पाती है और ये पैसे न देने पड़ें इसके लिए भी कई लड़कियां अगवा कर ली जाती हैं.

किर्गिस्तान में अगर किसी राह चलते आदमी से भी पूछेंगे कि क्या उसे दुल्हनों की किडनैपिंग के बारे में पता है तो उसे इसके बारे में जानकारी होगी ही. ये कानूनी तौर पर एक जुर्म है, लेकिन किर्गिस्तान में कोई भी परिवार इसकी शिकायत नहीं करता. आलम ये है कि 2017 में 600 से ज्यादा चोरी के मामले रिकॉर्ड किए गए और सिर्फ 1 मामला दुल्हन की किडनैपिंग का पुलिस तक पहुंच पाया.

किर्गिस्तान जैसे देश में कोई #MeToo मूवमेंट नहीं होता. इस देश की तस्वीरें देखेंगे तो लगेगा कि ये देश काफी मॉर्डन है. बू़ढ़ी महिलाएं भी सिर्फ सिर पर एक स्कार्फ बंधती हैं और बाकी जीन्स भी पहने रहती हैं. पर ये तस्वीरें झूठ बोलती हैं. सिर पर बांधा हुआ स्कार्फ उनकी शादी का प्रतीक होता है. यहां हर खुले विचारों वाली लड़की और उसका परिवार इस डर में जीते हैं कि कहीं उसे अगवा न कर लिया जाए.

कई बार लड़की के विरोध करने पर उसे अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है. Burulai Turdaaly Kyzy एक ऐसी ही 20 साल की मेडिकल स्टूडेंट थी जिसे अपने सपने तोड़कर शादी नहीं करनी थी और इसी कारण उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. जब उसे अगवा किया गया तो वो लोगों की बात नहीं मानी और अपने घर वापस चली आई. उसे दोबारा उसी लड़के ने अगवा किया और उस वक्त पुलिस ने लड़के को पकड़ लिया. लेकिन हड़बड़ाहट में लड़के ने पहले लड़की को चाकू मारे और बाद में खुद को. लड़की की वहीं मौके पर मौत हो गई.

 Burulai Turdaaly Kyzy के माता-पिता ने उसकी किडनैपिंग का विरोध किया था. Burulai Turdaaly Kyzy के माता-पिता ने उसकी किडनैपिंग का विरोध किया था.

किर्गिस्तानी समाज में लड़की के अगवा होने के बाद उसकी कोई पहचान नहीं रह जाती. अगर लड़की ने पढ़ाई पूरी नहीं की है तो भी उसकी पढ़ाई छुड़वा दी जाती है. दूर से खूबसूरत वादियों और बेहद मनमोहक झीलों वाला ये देश असल में महिलाओं के अधिकारों के लिए बदनाम है. बस दूर से दिखने में ही यहां सब कुछ ठीक है, लेकिन असल में यहां भी महिलाओं के लिए अपनी मर्जी की कोई कद्र नहीं है.

ये उन कई देशों में से एक की कहानी है जो शायद अंतरराष्ट्रीय मीडिया में प्रसिद्ध नहीं है और हमें लगता है कि इन जैसे छोटे देशों में सब कुछ ठीक ठाक ही चल रहा होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. असलियत हमारे खयालों से काफी दूर है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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