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Updated: 09 सितम्बर, 2018 08:13 PM
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घरों में कुत्ता पालने का बहुत से लोगों को शौक होता है तो बहुत से लोग घर की रखवाली के लिए कुत्ता पालते हैं. लेकिन वह समझ नहीं पाते कि उनके जीवन में कुत्ते का कितना महत्व है. हालांकि, एक नेपाली त्योहार है, जिसमें कुत्तों के महत्व को बहुत अच्छे से समझा जा सकता है. तिहार एक हिंदू त्योहार है, जो 5 दिन का होता है. इसमें जानवरों और भाई-बहनों का सम्मान किया जाता है. इस त्योहार के दूसरे दिन कुकुर तिहार मनाया जाता है, जिसमें इंसानों से दोस्ती निभाने के लिए कुत्तों का सम्मान किया जाता है.

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तिहार को अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है, जिसे रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है. इस त्योहार में धन की देवी मां लक्ष्मी, संपत्ति और समृद्धि की पूजा की जाती है. 5 दिनों तक मनाए जाने वाले इस त्योहार में लोग कौवे, गाय, बैल और यहां तक कि भाइयों की भी पूजा करते हैं. हालांकि, यह कुकुर तिहार है, जिसमें कुत्तों की पूजा की जाती है, जो पूरी दुनिया में वाहवाही बटोरता है.

कुकुर तिहार में लोग अपने प्यारे कुत्ते के सिर पर टीका लगाते हैं. उन पर फूलों की बारिश की जाती है और उन्हें खाने के लिए अच्छा-अच्छा खाना भी दिया जाता है. ऐसा नहीं है कि इस दिन सिर्फ घरों में पालतू कुत्ते ही पूजे जाते हैं, बल्कि पुलिस के साथ काम करने वाले खोजी कुत्तों को भी पुलिस के लोग उनकी ईमानदारी और बहादुरी के लिए सम्मान देते हैं.

हिंदू माइथोलोजी में कुत्तों को एक विशेष दर्जा दिया गया है. महाभारत में देवता भैरव के पास भी एक कुत्ता था, जो उनका वाहन था. ऋग्वेद में तो कुत्तों की माइथोलोजिकल मदर सरमा को इंद्र देव की सहायक के तौर पर भी दिखाया गया है. सरमा ने ही लोगों को यह भी सिखाया था कि गाय का दूध कैसै प्राप्त करें, ताकि इंसानियत को बचाया जा सके.

भले ही कुकुर तिहार एक शानदार त्योहार है, जिसमें जानवरों को प्यार करने वाले लोग कुत्तों की पूजा कर सकते हैं, लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि आपको अपने प्यारे कुत्ते को हर रोज प्यार करना चाहिए. कुकुर पूजा रंगों का वो त्योहार है, जो याद दिलाता है कि कुत्ते अपनी मर्जी से इंसानों के सबसे ईमानदार साथी बने हैं.

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