New

होम -> समाज

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 24 फरवरी, 2018 05:19 PM
ऑनलाइन एडिक्ट
ऑनलाइन एडिक्ट
 
  • Total Shares

दुनिया आज जैसी है उसके पीछे बहुत से ऐसे लोग शामिल हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत कर कोई न कोई खास चीज बनाई या यूं कहें कि उसका आविष्कार किया. चश्में से लेकर टेलिफोन तक, पानी की बोतल से लेकर कंप्यूटर तक हर चीज का आविष्कार हुआ है और इन्हें बनाने वालों को दुनिया जानती भी है, लेकिन क्या कभी आपने सोचने की कोशिश की कि आखिर जनसंख्या का विस्फोट न हो इसलिए जितने भी आविष्कार हुए हैं उनके पीछे कौन हैं?

1. कंडोम..

पहले कंडोम का विवरण रोम साम्राज्य जितना पुराना है जहां लिनन के कपड़े को हाथ से सिलकर कंडोम बनाया जाता था और उसका इस्तेमाल किया जाता था. सन 1400 से शुरू होकर कई तरह के आविष्कार होते रहे जहां भेड़ की आंत से लेकर कपड़े तक काफी कुछ इस्तेमाल किया गया. सन 1700 तक कंडोम शब्द तो सुनाई दिया था. कुछ लिट्रेचर ये दावा करते हैं कि कैसेनोवा ने कंडोम का सही इस्तेमाल किया था. लेकिन उस समय कंडोम का इस्तेमाल असल में गर्भनिरोधक के तौर पर नहीं बल्कि इन्फेक्शन से बचने के एक साधन के तौर पर किया जाता था. कंडोम असल में कई तरह की सेक्शुअल बीमारियों से बचाने का साधन था.

 Practically unheard of up until now, condoms first appeared in a published document in the 16th century.  An Italian inventor, Gabrielle Fallopius, produced the first documented work on the dangers of the STI syphilis.  He invented and recommended using a protective linen sheath soaked in chemicals in order to prevent the spread of syphilis.  After the linen soaked, the manufacturer would dry it and attach a ribbon on the bottom, which would later be used to tie it around the shaft.  Gabrielle Fallopius conducted an experiment consisting of 1,100 participants that determined the effectiveness of the condom in the protection against syphilis.  None of the participants became infected with the disease, which proved the success of the first condom that effectively protected against STIs.1400 में चीन में सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल किया जाता था. ये सिल्क या भेड़-बकरियों की आंत से बनता था. इसे न सिर्फ बर्थ कंट्रोल बल्कि दुनिया भर के इन्फेक्शन से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

 कंडोम का एक और विवरण 16वीं सदी के आस-पास मिलता है. इटैलियन इनवेंटर गैब्रियल फैलोपियस ने पहला डॉक्युमेंट बनाया था जो STI सिफिलिस (एक तरह की सेक्शुअल बीमारी) से बचाने और उसके खतरों के बारे में था. उन्होंने एक प्रोटेक्टिव लिनन कपड़े से बना कंडोम जिसमें कैमिकल भी हों उसे इस्तेमाल करने के बारे में कहा था. इसे एक रिबन के जरिए बांधा जाता था. गैब्रियल ने 1100 लोगों पर इसे टेस्ट किया और उनमें से कोई भी सिफिलिस से बीमार नहीं हुआ. ये कंडोम का पहला टेस्ट था. 

बर्थ कंट्रोल, गर्भनिरोधक, कंडोम, दवाइयां, कॉपर टीग्रैब्रियल के जमाने में जावरों की आंतों के बने कंडोम काफी लोकप्रिय थे. लेकिन वो काफी महंगे होते थे.

पहला रबर कंडोम 1844 में सामने आया था जहां रबर ट्यूब का इस्तेमाल किया गया, लेकिन वो कंडोम बहुत मोटा था और उसका इस्तेमाल करना लगभग नामुमकिन था. फिर 1839 में चार्ल्स गुडइयर आए जिन्होंने प्राकृतिक रबर का इस्तेमाल कर सॉफ्ट रबर बनाने की तकनीक खोज निकाली. उन्होंने ही कंडोम के फायदे बताए और ऐसा कंडोम बनाया जो फैल सके, इस डिजाइन को पेटेंट किया गया और फिर 1855 में पहला रबर कंडोम सामने आया.

2. गर्भनिरोधक गोलियां..

गर्भनिरोधक के तरीके प्राचीन मिस्र से आते हैं जहां महिलाएं कई तरह की चीजें खाकर गर्भनिरोध करती थीं, लेकिन अगर गोलियों की बात करें तो इसकी शुरुआत 1921 के आस-पास हो चुकी थी. अमेरिकी एक्टिविस्ट मार्ग्रेट सैंगर ने शब्द बर्थ कंट्रोल इजात किया और न्यूयॉर्क ब्रूकलिन में अपना क्लीनिक खोला. 1934 में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ग्रेगरी पिनकस ने टेस्ट ट्यूब रैबिट बनाया.

ये दोनों डॉक्टर अपने-अपने विषय में रिसर्च करते रहे और 1951 में मिले जब एक डिनर के दौरान मार्ग्रेट ने ग्रेगरी को गर्भनिरोधक गोलियां बनाने को कहीं. इसी साल मेक्सिको सिटी में एक कैमिस्ट कार्ल जेरास्सी (Carl Djerassi) ने मेक्सिकन यैम्स (रतालू) की मदद से एक गर्भनिरोधक गोली बनाई, लेकिन कैश और एडवर्टाइजिंग की कमी के चलते ये लोकप्रिय न हो पाई.

1952 में ग्रेगरी ने चूहों पर टेस्ट करना शुरू किया और एक गायनेकॉलजिस्ट जॉन रॉक से मिलकर कैमिकल टेस्टिंग भी शुरू की. इसमें फ्रैंक कोल्टन जो एक फार्मा कंपनी में चीफ कैमिस्ट थे उन्हें भी जोड़ा गया. इन सभी ने मिलकर बायोलॉजिस्ट और करोड़पति महिला एक्टिविस्ट कैथरीन मैक्कोर्मिक से पैसे लिए रिसर्च किया और 1954 में पहला प्रोटोटाइप तैयार किया जिसे 50 महिलाओं पर टेस्ट किया गया. ये थी गर्भनिरोधक गोलियों की पहली शुरुआत.

इसी रिसर्च के बाद आईपिल जैसी आफ्टर मॉर्निंग पिल भी बनाई गई.

3. महिला कंडोम..

महिला कंडोम पुरुष कंडोम की तरह आसानी से नहीं पहना जाता. ये इंटरनल कंडोम होता है और इसे महिला की वजाइना में डाला जाता है. महिला कंडोम भी दुनिया भर की सेक्शुअल बीमारियों से बचाने के साथ-साथ गर्भनिरोधक का काम भी करता है.

बर्थ कंट्रोल, गर्भनिरोधक, कंडोम, दवाइयां, कॉपर टी

इस कंडोम को डेनमार्क के एक डॉक्टर ने बनाया था. इसे फेमीडोम नाम दिया गया था. फीमेल कंडोम कई शेप और साइज में आते हैं और पुरुष कंडोम के विपरीत इनमें दोनों तरफ एक सर्किल होता है और सही तरह से इस्तेमाल करने पर ही काम करता है.

4. डायफाग्राम (diaphragm)

डायफाग्राम एक सिलिकॉन का बना हुआ कप जैसा गर्भनिरोधक होता है जो महिलाओं को गर्भ न धारण करने में मदद करता है. हालांकि, डायफाग्राम का इस्तेमाल काफी अजीब हो सकता है साथ ही इसका सक्सेस रेट भी काफी कम है. इसे भी फीमेल कंडोम की तरह ही वजाइना में डाला जाता है और सर्विक्स को कवर किया जाता है.

बर्थ कंट्रोल, गर्भनिरोधक, कंडोम, दवाइयां, कॉपर टी

अगर इसके आविष्कारक की बात करें तो इसे भी कंडोम के आविष्कारक चार्ल्स गुडइयन ने ही पेटेंट करवाया था. हालांकि, असल तौर पर इसका आविष्कार 1880 के दशक में जर्मन गायनीक विलहेल्म पी.जे मेनिंगा द्वारा किया गया था, जिसने पहली बार ऐसा मॉडल बनाया जो रबर के साथ-साथ स्प्रिंग का भी इस्तेमाल करता हो.

5. कॉपर टी-

ये एक ऐसा डिवाइस है जो भारत में काफी लोकप्रिय है इंट्रायूटेराइन डिवाइस (IUD) जिसे कॉपर टी भी कहते हैं एक छोटा टी शेप का बर्थ कंट्रोल डिवाइस है जिसे महिला के यूट्रेस में डाला जाता है. इसे ऑपरेशन से डाला जाता है और जब मां बनना चाहें तब इसे हटाया भी जा सकता है.

इसे बनाने वालों में उस वैज्ञानिक का भी नाम है जिसके नाम पर G स्पॉट का नाम रखा गया है. अर्न्स ग्राफेनबर्ग ने पहली बार IUD बनाया था. इसे ग्राफेनबर्ग रिंग का नाम दिया गया था. इसे चांदी से बनाया गया था. नाज़ी दौर में उनके काम को दबा दिया गया और अमेरिका के एच.हॉल और एम.स्टोन ने उनके काम को आगे बढ़ाया. एक जापानी डॉक्टर टेनराई ओटा ने भी चांदी या सोने का एक IUD बनाया था जिसे प्रेसिया या प्रेशर रिंग नाम दिया गया था.

कॉपर IUD जिसका शेप T जैसा हो उसका आविष्कार 1960 के दशक में हुआ था. इसे अमेरिकी फिजीशियन हॉवर्ड टैटम ने बनाया था. उनका कहना था कि ये शेप यूट्रेस के शेप के अनुसार होगा.

ये भी पढ़ें-

ऐसे होता है एक बच्चे का जन्म...

जब पिता ने महसूस की गर्भ में पल रहे बच्चे की हरकत

#कंडोम, #तकनीक, #सेक्स, Condom, Sexual Devices, Technology

लेखक

ऑनलाइन एडिक्ट ऑनलाइन एडिक्ट

इंटरनेट पर होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय