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Updated: 27 अगस्त, 2015 01:00 PM
कावेरी बामज़ई
कावेरी बामज़ई
  @KavereeBamzai
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एक वक्त था जब देश के पावर कैपिटल पर एक खूबसूरत महिला अचानक उभरी और उसने एक गोल्डन गर्ल के रूप में सबका मन मोह लिया. वो एक रौबदार जोड़ी का हिस्सा थीं, जिससे बड़े पत्रकार हो या राजनेता, हर कोई उसका दोस्त बनना चाहता था. और फिर एक दिन सब खत्म हो गया. तो क्या हम सुनंदा पुष्कर थरूर के बारे में बात कर रहे हैं? कभी श्रीनगर में रहने वाली, फिर दुबई और आखिरकार बदकिस्मती से दिल्ली की? नहीं, यहां बात हो रही है इंद्राणी मुखर्जी की, जो मीडिया टाइकून रह चुकी हैं, स्टार क्रॉस्ड मीडिया हाउस की संस्थापक, जिसने शादी की 'कौन बनेगा करोड़पति' से भारतीय टेलीविजन को नया आयाम देने वाले मीडिया शहंशाह से, और जैसा कि समृद्ध जोड़े करते हैं, दोनों अपना अपना समय बांटकर, बढ़िया पैसा लिए कभी मुंबई तो कभी लंदन दिखाई देते हैं.

कहीं न कहीं हम इंद्राणी की बेटी शीना बोरा को भूल जाएंगे, जिसे उसकी बहन बताय गया था, हैरानी की बात है कि इंद्राणी के पति को भी यही बताया गया. इससे उनकी शादी में ईमानदारी के स्तर का पता चलता है, पीटर अब मान रहे हैं कि उन्हें नहीं पता था कि शीना उनकी पत्नी की बेटी थी न कि उनकी बहन.

वहीं, इसे ये भी पता चलता है कि हम उन लोगों को कितना कम जानते हैं जिनकी हम खुशामद करते हैं. जैसा कि होना चाहिए. फोर्ब्स के शक्तिशाली लोगों की लिस्ट में कुछ देर के लिए जगह बनाने का मतलब ये नहीं कि पूरी दुनिया को उनकी निजी ज़िन्दगी के बारे में जानने का लाइसेंस मिल गया हो. और न ही दिल्ली/मुंबई वापस आने से पहले असम में वो किसके साथ थीं ये जानने का.

इस कहानी के बारे में जो हम बता रहे हैं वो काफी हैरान करने वाला है. शीना जिसे बहन बताया गया था, वो बेटी थी. उसके सौतेले पिता के बेटे से उसके संबंध थे (जिसे पीटर ने खुद माना), जिसे ये पता ही नहीं था कि वो उसका सौतेला पिता है, क्योंकि वो दोनों आपस में असमी भाषा में बात करती थीं. और जब हम ऐसा करते हैं, उस उलझन में पड़ी शीना के बारे में सोचो जो एक झूठ को जीने के लिए मजबूर थी.

हमारे बच्‍चों के लिए ये कितना बुरा होता है, जब हम खुद को बार-बार बदलने लगते हैं?

और हम इस बारे में बात न करें कि यह केस हमें क्‍या बताने वाला है. शायद सबसे खौफनाक हकीकत- कि एक मां अपने बच्चे की जान ले सकती है.

यह इस बात का सबूत है कि हम आरुषी की मौत के मामले में उसके मामले में उसके माता-पिता के अपराध को स्वीकार नहीं कर पा रहे और उसकी हत्‍या के रहस्य से अब भी जूझ रहे हैं. इस अजीब परिवार के बारे में पीटर मुखर्जी से बेहतर और किसी ने नहीं कहा 'ये अजीब है, लेकिन ये वही है जो है'.

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लेखक

कावेरी बामज़ई कावेरी बामज़ई @kavereebamzai

लेखिका इंडिया टुडे ग्रुप में एडिटर-एट-लार्ज हैं.

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