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Updated: 11 अगस्त, 2019 02:52 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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कहावत है घोड़े को नहीं मिल रही घास. गधे खा रहे हैं च्यवनप्राश सवाल होगा कि इस कहावत पर बात क्यों? कारण है हरियाणा की एक अपने आप में अनोखी घटना. घटना कुछ ऐसी है, जो न सिर्फ व्यक्ति को हैरत में डालेगी. बल्कि ये भी बताएगी कि जब व्यक्ति के ऊपर मूर्खता सवार होती है तो वो तमाम तरह की बंदिशों से अपने को मुक्त कर लेता है. हरियाणा के यमुनानगर में एक युवक ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार नदी में धकेल दी और उसका वीडियो बनाया. कहा जा रहा है कि ऐसा करके लड़के ने अपने पिता से अपनी कथित बेइज्जती का बदला लिया है.

क्या था मामला

हरियाणा का आकाश नाम का युवक महंगी गाड़ियों का शौकीन है. जगुआर पर उसका दिल आ गया उसे किसी भी हाल में जगुआर लेनी थी. उसने इसके लिए अपने पिता से फरमाइश की. पिता ने लड़के की बात तो मानी मगर उसे वो गाड़ी नहीं दिलाई जो उसे चाहिए थी. जगुआर के बदले आकाश के पिता ने उसे बीएमडब्ल्यू गिफ्ट की. नई गाड़ी हासिल करने के बाद लड़का बजाए खुश होने के आहत हुआ और लगातार अपने पिता से यही मांग करता रहा कि वो उसे जगुआर जिसकी कीमत तकरीबन 1 करोड़ रुपए है, वो दिलाएं या फिर वो उसे फरारी दे जिसकी कीमत 80 लाख रुपए है.

कार, हरियाणा, जगुआर, बीएमडब्ल्यू, नदी     जगुआर न मिलने पर हरियाणा के लड़के का बीएमडब्ल्यू को नदी में धकेलना बताता है कि उसकी आदत उसके पिता ने ही बिगाड़ी है

लड़के के बार बार अपनी बात दोहराने के बावजूद पिता का दिल नहीं पसीजा और ये बात लड़के को बुरी लग गई. लड़के को लगा कि पिता ने उसकी भावना के साथ खिलवाड़ किया है. ये सोचकर कि उसकी बात खराब हुई है लड़के ने अपने पिता से बदला लेनी की सोची और 2 महीना पहली ली गई गाड़ी को न सिर्फ नदी में धकेला बल्कि घटना का वीडियो भी बनाया और उसे टिक टॉक पर भी डाला.

बताया जा रहा है कि कार नदी के बीच में जाकर बड़ी घासों के बीच में अटक गई. बाद में युवक को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने नदी में फंसी गाड़ी निकालने के लिए स्थानीय गोताखोरों की मदद ली. मामले के मद्देनजर दिलचस्प बात ये भी है कि पुलिस ने घटना को लेकर केस दर्ज किया है.

वहीं जब इस मामले पर पुलिस ने लड़के के पिता से बात की तो जो तर्क उन्होंने लड़के और घटना के ऊपर दिए वो किसी भी साधारण इंसान के लिए पचा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. लड़के के पियत का तर्क है कि लड़का मानसिक रूप से अस्वस्थ है और वो जगुआर कार इसलिए मांग रहा था क्योंकि बीएमडब्ल्यू उसे छोटी पड़ रही थी.

लड़के के पिता के इस अजीबो गरीब तर्क के बाद एक बड़ा सवाल ये भी रहता है कि जब लड़का मानसिक रूप से फिट नहीं है तो आखिर किस आधार पर उसे लाइसेंस दिया गया.

घटना के बाद से ही लड़के की तीखी आलोचना हो रही है. ट्विटर पर एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो लगातार यही मांग कर रहा है कि लड़के के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद उसका ड्राइविंग करना एक गंभीर अपराध है इसलिए उसका लाइसेंस हर हाल में रद्द होना चाहिए और ये उसे तभी मिलना चाहिए जब वो पूरी तरह ठीक हो जाए और उसने ये सलीका आ जाए कि वो चीजों के बीच अंतर कर ले.

बहरहाल अब चूंकि ये मामला हमारे सामने आ गया है तो हमें इस पूरी घटना का अवलोकन और खास तौर से लड़के के मनोविज्ञान को समझने की जरूरत है. पूरी घटना में जो रवैया लड़के का रहा है वो ये साफ बताता है कि लड़का जिद्दी है और उसे जिद्दी बनाने में उसके माता और पिता की भी एक बड़ी भूमिका है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यहां इस मामले में जो कुछ भी देखने को मिला है वो ईगो की लड़ाई है. साफ है कि लड़का जगुआर चाह रहा था जबकि उसे बीएमडब्ल्यू  दी गई जिसने उसके ईगो को असंतुष्ट किया और फिर जो कुछ भी उसके बाद हुआ वो हमारे सामने है.

कह सकते हैं कि जिस हिसाब से लड़के के माता पोइता ने उसकी आदत खराब की थी उसने उसे घमंडी  बना दिया. लड़के को लगा कि उसके ऐसा करने के बाद उसके पिता पर दबाव बन जाएगा और वो उसे नई चमचमाती हुई जगुआर कार दिला देंगे. साफ है कि जिस हिसाब से लड़के का स्वाभाव जिद्दी हुआ है सारा दोष पिता का है और जैसा लड़के का स्वाभाव है अच्छा हुआ मौके पर सिर्फ गाड़ी थी अगर  जो उसके पिता वहां उस समय होते तो वो उन्हें भी अपनी जिद के कारण नदी में धकेल देता.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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