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Updated: 05 अक्टूबर, 2017 10:11 PM
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ऋतिक रोशन और कंगना रनौट के बीच चली आ रही खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले जुबानी जंग. फिर ईमेल का लीक होना. फिर पुलिस थाना, कचहरी. फिर अलग-अलग इंटरव्‍यू में कीचड़ उछालने का दौर. बॉलीवुड के दो सबसे कामयाब सितारों के बीच यह लड़ाई नए दौर में पहुंच रही है. ऋतिक ने अपने फेसबुक पेज अपने दिल का हाल बयान कर दिया है. पढ़िए उन्होंने क्या लिखा-

"मैं क्रिएटिविटी, प्रोडक्टिविटी और रचनात्मक काम करने में भरोसा करता हूं. मेरे इस मापदंड पर जो काम खरा नहीं उतरता मैं उसे या तो इग्नोर करता हूं या किनारा कर लेता हूं.

मेरा मानना है कि किसी भी तरह के अनुचित हस्तक्षेप से बचने का सबसे अच्छा तरीका है उसे इग्नोर करना, उस पर कोई प्रतिक्रिया न देना और अपने आत्म सम्मान को बचाकर रखना. लेकिन जैसे की हम पूरी सतर्कता के बावजूद बीमारियों से नहीं बच पाते हैं. और कुछ बीमारियों को इग्नोर करने से वो घातक हो जाता है. ये स्थिति मेरी लिए ठीक वैसा ही घातक रूप ले चुकी है.

इस मामले को छोड़ने का मीडिया कोई इरादा भी नहीं दिखता.

मैं इस सर्कस में बिल्कुल कूदना नहीं चाहता. और जिस चीज में मैं शामिल ही नहीं हूं उस बात के लिए अपने आप को डिफेंड करके मैं इसको इज्जत भी नहीं देना चाहता. मुझे एक घटिया मुद्दे में घसीटा गया है. मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है.

सच्चाई ये है कि जिस महिला की यहां बात हो रही है अपने पूरे जीवन में मैं कभी उससे अकेले में नहीं मिला. हां हमने साथ में काम जरूर किया है. लेकिन कभी अकेले हम नहीं मिले. यही सच है.

आप लोग प्लीज ये समझिए. मैं किसी अफेयर के आरोप के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं. और न ही मैं अपनी एक 'अच्छे आदमी' की छवि बनाने के चक्कर में बचकाना काम कर रहा हूं. मैं अपनी गलतियों के बारे में बहुत जानता हूं. मैं इंसान हूं.

बल्कि मैं तो खुद को इससे कहीं ज्यादा गंभीर, संवेदनशील और घातक चीज से खुद को बचा रहा हूं.

लेकिन दुर्भाग्य ये है कि मीडिया या जनता में से बहुत कम लोग हैं जो सच जानना चाहते हैं. यह एक ऐसा कड़वा पाठ है जो मैनें अपने जीवन में इस घटना के बाद सीखा.

Hritik roshanकंगना के आरोपों का खुला जवाब

अगर लोग झूठ से संतुष्ट हैं. उन्हें झूठ को सच मानने में कोई दिक्कत नहीं है. क्योंकि इस झूठ को सच मानकर वो दुनिया के इस नियम का पालन करते हैं कि कोई महिला ही पीड़ित होती है और पुरूष शोषक. तो फिर मुझे भी कोई फर्क नहीं पड़ता.

महिलाओं पर अत्याचार कोई आज की बात नहीं है. पुरूषों ने सदियों से महिलाओं पर अत्याचार किया है. इससे मेरा भी खून खौल जाता है कि कैसे कोई पुरूष इतना निर्दयी, क्रूर हो सकता है. ऐसे लोगों को तो कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. लेकिन अगर इस लॉजिक के द्वारा ये नियम बना दिया जाए कि पुरुष पीड़ित हो ही नहीं सकता और लड़कियां झूठी नहीं हो सकती. तो बना दें. मुझे भी कोई फर्क नहीं पड़ता.

दो हाई प्रोफाइल से सेलिब्रिटी के बीच तथाकथित 7 साल लंबा अफेयर चला. लेकिन जानते हैं हैरानी की बात क्या है इसमें? ये कि इस सात साल के रिश्ते का कोई सबूत नहीं है.

न कोई सबूत. न तो किसी फिल्म पत्रकार के पास कोई फोटो है. न कोई गवाह. यहां तक की 2014 में पेरिस में हुए तथाकथित सगाई की भी एक भी फोटो नहीं है. और तो और दोनो लव बर्ड ने भी अपनी एक भी सेल्फी तक नहीं खिंची. मतलब सीधी सी बात ये उस रोमांटिक रिलेशनशिप का कोई प्रूफ नहीं है.

लेकिन फिर भी सामने वाले का ही भरोसा करेंगे. क्यों? क्योंकि एक लड़की झूठ क्यों बोलेगी भला!

मेरे पासपोर्ट में जनवरी 2014 में देश के बाहर जाने की कोई डिटेल नहीं है. उस तथाकथित सगाई का समय जनवरी ही बताया गया है न? पेरिस में.

मीडिया के पास इस कथित "रिश्ते" का एकमात्र तथाकथित प्रूफ एक फोटोशॉप की गई तस्वीर थी. जिसका खुलासा अगले ही दिन मेरे दोस्तों और मेरी पूर्व पत्नी द्वारा कर दिया गया था.

लेकिन फिर भी सवाल नहीं पूछे गए. क्योंकि हमें स्त्रियों की रक्षा करना सिखाया जाता है. और जो हमें करना भी चाहिए. मेरे माता-पिता ने भी मुझे इन्हीं संस्कारों के साथ बड़ा किया है. मैं उनका बहुत आभारी हू्ं. मैं कोशिश करूंगा कि यही संस्कार अपने बच्चों को भी दूं. और साथ ही मैं उन्हें हमेशा महिलाओं का साथ देना भी सीखाउंगा. हमेशा.

मेरे पास उस तरफ से भेजे 3000 मेल पड़े हैं. अब या तो वो मेले मैंने खुद ही खुद को भेजा है या फिर उस महिला ने मुझे भेजा है. साइबर-क्राइम विभाग के लिए इसका पता लगाना बाएं हाथ का खेल है. वो तुरंत बता सकता है कि सच्चाई क्या है. और इस काम के लिए मैंने अपना लैपटॉप/ फोन हर चीज उनके पास जमा करा दी है और वो अभी भी उनके ही पास पड़े हैं. लेकिन उस महिला ने अपनी चीजें जमा करने से मना कर दिया है. जांच अभी बंद नहीं हुई है.

मैं फिर से कह रहा हूं कि ये दो प्रेमियों के बीच की लड़ाई नहीं है. मैं लोगों से प्रार्थना करता हूं कि इस लड़ाई को लव एंगल से देखना बंद करें. और दूसरी बात की लोग ये जानने की भी कोशिश करें की सच्चाई आखिर है क्या. पिछले चार सालों से मैं इसकी वजह से प्रताड़ित हो रहा हूं. महिलाओं के प्रति समाज का पक्षपातपूर्ण रवैया जिसमें भुक्तभोगी हमेशा महिलाएं होंगी ये माना जाता है के कारण मैं अपना बचाव कर पाने में भी असमर्थ था.

मैं गुस्सा नहीं हूं. मैं नहीं होता. जीवन में आजतक मैंने कभी किसी भी लड़ाई नहीं की है. फिर चाहे महिला हो या पुरूष. यहां तक की मेरे तलाक के समय भी किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं हुई थी. मैं और मेरे आसपास के लोगों ने हमेशा ही शांति को अपनाया है.

मैं यहां पर किसी के ऊपर आरोप लगाने या किसी को जज करने के लिए नहीं हूं. बल्कि मैं यहां सच्चाई की रक्षा करने आया हूं. क्योंकि अगर सच परेशान होता है तो समाज परेशान होता है. पूरी मानव सभ्यता परेशान होती है. घर में परिवार परेशान होते हैं. बच्चे परेशान होते हैं."

ऋतिक रोशन ने अपनी इस फेसबुक पोस्‍ट में कहीं भी कंगना के नाम का उल्‍लेख नहीं किया है. लेकिन क्‍या कंगना भी ऐसा करेंगी? उम्‍मीद कम ही है. लेकिन यह पक्‍का है कि ऋतिक रोशन की इस फेसबुक पोस्‍ट का जवाब जल्‍द ही आएगा. और वह जवाब कमजोर नहीं होगा.

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