Covid-19 पॉजिटिव हैं तो घर पर कैसे करें रिकवर, मेडिकल एक्सपर्ट्स ने बताया
जमीनी हालात से वाकिफ मेडिकल एक्सपर्ट्स (Medical Expert) ने कुछ सुझाव दिए हैं कि अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो घर पर किन तरीकों से अपना इलाज (corona treatment at home) कर सकते हैं
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कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी है. लोगों के मन में डर बैठ गया है और इस कारण मरीज हॉस्पिटल की तरफ भाग रहे हैं. इस वजह से उन लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है, जिनकी कंडीशन सीरियस है. यह बात तो अब साफ हो चुकी है कि स्वास्थ्य ढांचा ढहने की कगार पर है, लेकिन घबराएं नहीं और एक्सपर्ट ने जो बातें बताई हैं उनका पालन करें.
कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर घबराएं नहीं
जमीनी हालात से वाकिफ मेडिकल एक्सपर्ट्स (Medical Expert) ने कुछ सुझाव दिए हैं कि अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो घर पर किन तरीकों से अपना इलाज (corona treatment at home) कर सकते हैं. संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ और प्रसिद्ध चिकित्सक एक डॉ. ज़ैन चागला (Dr Zain Chagla) ने ट्विटर पर कुछ सलाह भी शेयर किए हैं. जिसमें उन्होंने बताया है कि घर पर कोविड-19 से कैसे निपटा जाए (how to deal with Covid while you are at home), क्योंकि कई राज्यों के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी है.
सर गंगा राम अस्पताल के रुमेटोलॉजी विभाग के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. वेद चतुर्वेदी ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया, कि "पिछले एक हफ्ते से हमारे पास बहुत से मरीज बेड के लिए आ रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से बेड नहीं हैं. इसलिए मेरा सुझाव है कि अस्पतालों में कोविड बेड उपलब्ध न होने की स्थिति में होम हॉस्पिटलाइजेशन ही ऑप्शन है.
अगर किसी मरीज में हल्के लक्षण हैं तो उस व्यक्ति को घर पर रहना चाहिए. अगर आपकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है तो अपने ऑक्सीजन का हमेशा ध्यान रखें. ऑक्सीजन चेक करने के लिए आपके पास घर पर एक पल्स ऑक्सीमीटर होना चाहिए.
यदि ऑक्सीजन का लेवल 94 से नीचे जाता है तो अपने पेट के बल पर सोने का प्रयास शुरू करें, इससे फेफड़े का विस्तार होगा. रोज तीन बार दो घंटे( टोटल 6 घंटे) पेट के बल सोने की कोशिश करें. ऐसा करने से ऑक्सीजन का स्तर बेहतर हो जाएगा. अगर इससे आपको कोई फायदा नजर नहीं आता तो घर पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करें.
वहीं गंभीर रोगियों के लिए सीटी स्कैन करवाना जरूरी है. अगर रिपोर्ट मध्यम आता है तो घर पर रहें और दवा लेने के लिए अपने इलाके के डॉक्टर से सलाह (teleconsultation) लें. सैकड़ों डॉक्टर टेलीकॉन्सेलेशन कर रहे हैं. ध्यान रखिए अस्पताल से भी आपको वही दवाएं मिलेंगी जो फोन पर डॉक्टर बताएंगे.
मुझे लगता है कि लोगों को सच में घर के अस्पताल में भर्ती होने पर विचार करना चाहिए. इसके साथ ही डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि एक घर हल्के और मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए अस्पताल के बेड जितना ही अच्छा है".
डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, आकाश हेल्थकेयर के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विक्रमजीत सिंह ने इंडिया टुडे को बताया, "हमने मरीजों को तीन श्रेणी में रखा है- हल्के, मध्यम और गंभीर. हल्के लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में बिस्तर की जरूरत नहीं होती है. ऐसे व्यक्ति को घर पर ही आइसोलेटेड रहना चाहिए. यहां तक कि जिन लोगों में मध्यम लक्षण होते हैं, उन्हें भी घर पर रहना चाहिए और सही दवा लेने के लिए डॉक्टर से टेलीफोन पर बात करके सुझाव लेना चाहिए. अगर ऑक्सीजन का स्तर गिरता है तो हर समय ऑक्सीजन सिलेंडर या एक सांद्रक रखें."
केवल गंभीर लक्षणों वाले रोगियों को एक अस्पताल में होना चाहिए. बाकी रोगियों को घर पर ही बहुत अच्छी तरह से देखरेख किया जा सकता है. वायरस के संपर्क में आने के बाद लोगों को घबराना नहीं चाहिए. डॉ. सिंह ने कहा कि बहुत सारे मरीज इसलिए बेड ले रहे हैं क्योंकि वे होम आइसोलेशन से डरे हुए हैं.
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