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Updated: 24 सितम्बर, 2015 08:08 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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अगर जैन पर्व और गणेश चतुर्थी पर मीट बैन हो सकता है तो बकरीद पर सब्जियां बैन क्यों नहीं हो सकतीं? आए दिन बैन से परेशान हो चुके लोगों के मन में शायद ये सवाल जरूर आता होगा. धर्म के नाम पर अगर चीजें बैन की जा रही हैं तो फिर मुसलमानों का ये सोचना क्या बुरा है. बैंगलोर के कॉमेडियन और फिल्म निर्माता फलाह फैज़ल ने ऑनलाइन पिटीशन लगाकर 25 सितंबर बकरीद के दिन सब्ज़िओं पर बैन लगाने की मांग की है.

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                                                             ये है पिटीशन

फैज़ल का कहना है कि - 'जब धार्मिक कारणों की वजह से मीट बैन हम पर थोपा गया था, तो अब अल्पसंख्यकों को भी बोलने का पूरा हक है. एक मुसलमान होने के नाते, मैं चाहता हूं कि 25 सितम्बर बकरीद पर पूरे देश में सब्जिओं पर बैन लगना चाहिए. क्योंकि पौधों में भी भावनाएं होती हैं'.

फैज़ल एक कॉमेडियन हैं और हर रोज बैन-बैन सुनकर तंग आ गए थे तो उन्होंने अपनी बात इस अनोखे अंदाज़ में रखनी चाही. उनका कहना है कि 'हम सब कम से कम एक दिन तो सब्जियों को त्याग ही सकते हैं. वैसे भी हालिया रिपोर्ट में पाया गया है कि सब्जियों में कीटनाशक की मात्रा बहुत पाई गई है, इसका मतलब ये है कि वो असल में हमारे लिए हानिकारक हैं.'

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                                                                    फलाह फैज़ल

फैज़ल का कहना है कि 'अगर आप शाकाहारी हैं तो एक दिन तो भूखे रह ही सकते हैं, व्रत करना अच्छा होता है. हम हर साल रमजान में एक महीने तक रोजा रखते हैं

इस पिटीशन को जायज ठहराते हुए फैज़ल का कहना है कि 'हमारे मेहनतकश किसानों को भी एक दिन का आराम मिलना चाहिए जिसके वो हकदार हैं'.

अपने मिजाज के हिसाब से ही फलाह ने समाज के सामने अपनी बात बड़ी बेबाकी से रख दी, हांलाकि इस बात पर बहुत से लोगों का कहना है कि ये एक बेवकूफी भरा काम है. पर वहीं ऐसे भी लोग हैं जो फलाह के इस पिटीशन को बिलकुल सही ठहरा रहे हैं. भले ही ये पिटीशन मजाक में लिखा गया हो पर हैरान करने वाली बात है कि अब तक 1334 लोग इसे साइन कर चुके हैं और ये संख्या बढ़ती ही जा रही है.  

 

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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