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Updated: 10 अप्रिल, 2021 01:48 PM
प्रभाष कुमार दत्ता
प्रभाष कुमार दत्ता
  @PrabhashKDutta
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कब होगा कोविड-19 महामारी का अंत? यह वह सवाल था जो पूरे 2020 में हम सब पर हावी था, विशेषज्ञों से हमने यह जाना कि कोविड-19 को नियंत्रित तो किया जा सकता है लेकिन अभी यह बीमारी काफी लंबे समय तक हमारे बीच रहने वाली है. इसके बाद देश और देशवासियों का सारा फ़ोकस कोविड -19 महामारी की 'वेव' में स्थानांतरित हो गया. वर्तमान में भारत कोविड -19 महामारी की दूसरी राष्ट्रव्यापी लहर का सामना कर रहा है. कुछ स्थानों पर अधिक वेव देखी गईं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कहा था कि शहर कोविड -19 महामारी की चौथी लहर के साथ दूसरी राष्ट्रव्यापी लहर देख रहा है.

Coronavirus, Disease, Death, Lockdown, Prime Minister, Narendra Modi, Heathकोरोना वायरस ने एक बार फिर पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है

कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर ने कोरोनोवायरस संक्रमण के दैनिक मामलों को 1.26 लाख से अधिक कर दिया है. जोकि इस समय का उच्चतम है. अब जबकि एक बार फिर से स्थिति बद से बदतर हो गयी है सवाल ये है कि भारत में दूसरी कोविड -19 की दूसरी लहर कब समाप्त हो सकती है?

एक असफल पूर्वानुमान

जब पिछले साल कोरोनोवायरस महामारी पूरे भारत में फैल रही थी, तब सरकार ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IIS) से तैयार विशेषज्ञों की एक समिति नियुक्त की थी. समिति ने भारतीय परिस्थितियों की ख़ासियत के आधार पर एक 'सुपर मॉडल' विकसित किया. सुपर मॉडल ने भविष्यवाणी की कि कोविड-19 महामारी फरवरी 2021 में भारत में हर्ड इम्युनिटी के कारणवश खत्म हो जाएगी. मॉडल ने अनुमान लगाया कि कोविड -19 के प्रत्येक लैब से कंफर्म हुए मामले के लिए 60-65 स्पर्शोन्मुख अवांछित संक्रमण थे. यह अनुमान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सीरो-सर्वे के 26-32 अनिर्धारित कोविड -19 मामलों के प्रत्येक प्रयोगशाला पुष्टिकरण मामले के आकलन से काफी अलग थे.

समिति ने अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जब भारत का कोविड -19 कैसेलोड 75 लाख के आसपास था. उस संख्या को आधार के रूप में लेते हुए, सुपर मॉडल ने अनुमान लगाया कि देश का वास्तविक कोविड -19 केसलोड भारत की आबादी का लगभग 50 करोड़ या 40 प्रतिशत के आसपास रहा होगा. फरवरी तक, कोविड -19 वेव को समाप्त होना था.

लेकिन, फरवरी के मध्य तक भारत में फिर कोविड -19 की शुरुआत हुई जिसे कोरोना की दूसरी वेव की संज्ञा दी गयी. तब से कोरोना की इस दूसरी लहर ने कहीं ज्यादा मजबूत रूप लिया. जिससे कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 9 लाख से अधिक और कुल कोविड -19 केसलोड करीब 1.3 करोड़ के पार पहुंच गए.

कुछ और बात करने से पहले इस बात की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए कि सुपर मॉडल, जिसका नाम SUTRA है, फरवरी में कोविड -19 महामारी की वेव के मद्देनजर जो भविष्यवाणी की थी वो सही साबित हुई. देश ने मामलों को 9000 से कम होते हुए देखा जोकि सितंबर में 97,000 से अधिक रोजाना थे.

सेकंड वेव के लिए पूर्वानुमान

आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों ने कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के लिए नई भविष्यवाणी करने के लिए पूर्व के इसी मॉडल को लागू किया है. उन्होंने भविष्यवाणी की है कि दूसरी लहर 15 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच चरम पर आएगी जो धीरे-धीरे कम होगी. इसका मतलब है कि आईआईटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुमान के मुताबिक, कोविड -19 सर्ज अगले दो हफ्तों में फिर से शुरू हो सकता है.

'इस बात की उचित संभावना है कि भारत में मामले 15-20 अप्रैल के बीच कभी भी चरम पर हो सकते हैं. यह एक शार्प स्लोप है, ये जिस तेजी से ऊपर जाएगा उतनी ही तेजी के साथ ये नीचे भी उतरेगा. माना जा रहा है कि मई के अंत तक हम भारत में कोरोना के मामलों में कमी देखेंगे. हालांकि, कोविड -19 महामारी की पहली लहर के साथ, ताजा संक्रमण का प्रक्षेपवक्र सरकार द्वारा किए गए उपायों और जनता द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन सहित कई अन्य कारकों पर निर्भर करेगा.

उनके सुपर मॉडल में विशेषज्ञ समिति द्वारा भविष्यवाणी में चेतावनी अभी भी लागू हो सकती है अगर अप्रैल के चौथे सप्ताह में कोविड -19 मामलों की संख्या में गिरावट शुरू हो जाती है. चेतावनी यह थी, 'भारत में मामले फिर बढ़ेंगे यदि मास्किंग, कीटाणुशोधन, ट्रेसिंग, और क्वारंटाइन का पालन ढंग से नहीं किया गया. भारत में कोरोना की दूसरी लहर तभी नीचे आएगी जब उपरोक्त बताई गई बातों का ख्याल रखा जाएगा. यदि लापरवाही हुई तो इस ग्राफ का नीचे आना या सीधे कहें तो मामलों का कम होना असंभव है.

लोग बताई गई बातों को कितना मानते हैं यही वो टेस्ट है जो इस बात का फैसला करेगा कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होगी या नहीं.

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लेखक

प्रभाष कुमार दत्ता प्रभाष कुमार दत्ता @prabhashkdutta

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्टेंट एडीटर हैं.

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