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Updated: 10 अप्रिल, 2020 10:49 AM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में है. लोग बीमार पड़ रहे हैं एक के बाद लोगों के मरने की खबर सामने आ रही हैं. क्या भारत (India) क्या अमेरिका (America) और यूके (UK) दुनिया के तमाम मुल्कों की सरकारें बस इसी जुगत में हैं कि ऐसा क्या किया जाए जिससे बीमारी पर लगाम कसी जा सके. लॉकडाउन (Lockdown) इसी प्रक्रिया का हिस्सा है और नागरिक सुरक्षित रह सकें इसी लिए ये लॉक डाउन दुबई (Dubai) में भी लगाया गया है. दुबई जैसी व्यस्त जगह पर भी लोग बीमारी के खौफ़ के कारण अपने अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. सरकार अपना काम कर रही है और बखूबी कर रही है.इसी बीच दुबई में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने दुनिया के तमाम लोगों को हैरत में डाल दिया है. दुबई में एक व्यक्ति ने सरकार से लॉकडाउन में बाहर निकलने के लिये परमिट (Permit) मांगा है और ये सब उसने अपनी 2 बीवियों और उनके घर जाने के लिए किया है.

Coronavirus, Lockdown, Husband, Wife    लॉक डाउन के मद्देनजर एक व्यक्ति ने जो कुछ भी पुलिस से कहा है उसने सभी को हैरत में डाल दिया है

खबर Gulf News के हवाले से है. बताया जा रहा है कि दुबई पुलिस का एक अधिकारी स्थानीय रेडियो पर कॉल के ज़रिये लोगों के सवालों के जवाब दे रहे थे. इस दौरान उनके सामने एक सवाल आया. सवाल करने वाले व्यक्ति ने फोन के माध्यम से अधिकारी से पूछा कि, “मैंने दो औरतों के साथ शादी की है. क्या मुझे दोनों महिलाओं के घर जाने के लिए परमिट मिल जाएगा? व्यक्ति का सवाल करना भर था पुलिस अधिकारी के होश उड़ गए और वो हक्का बक्का रह गया. इसके बाद उसने जो जवाब दिया उसके बाद शायद ही कोई अपनी हंसी रोक पाए.

बताते चलें कि दुबई पुलिस में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के निदेशक ब्रिगेडियर सैफ मुहीर अल मजरौई ने हंसते हुए कहा कि परमिट नहीं होने से पत्नियों में से एक को न देखने का एक अच्छा बहाना होगा.

मामले में सबसे दिलचसपी बात ये है कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के निदेशक ब्रिगेडियर सैफ मुहीर अल मजरौई के पास इस तरह का सवाल आया हो. अल मजरौई के अनुसार , 'मुझे इस तरह के कई सवाल मिले हैं. उन्होंने ये भी बताया कि परमिट केवल एक समय के लिए होता है और लोगों को जब भी जरूरी काम के लिए अपने घरों से बाहर जाना होता है, तो उन्हें परमिट के लिए आवेदन करना होता है.

स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अनुसार पुलिस की तरफ से दिए जा रहे इस परमिट का उद्देश्य लोगों के आवागमन या ये कहें कि इधर से उधर जाने को सीमित करना और कोरोना वायरस को फ़ैलने से रोकना है.

अल मजरौई के हवाले से गल्फ न्यूज ने ये भी कहा है कि, 'किसी को जरूरी सामान खरीदने के लिए साप्ताहिक परमिट देना तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि हम सड़कों पर आवाजाही कम करने का लक्ष्य रखते हैं.

'दुबई पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात को पूर्ण रूप से स्पष्ट किया है कि आवश्यक उद्देश्यों को छोड़कर या यदि लोग महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं तभी वो बाहर निकल सकते हैं. साथ ही पुलिस ने ये भी बताया है कि इसके अलावा यदि कोई बाहर निकलता है तो उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बहरहाल, जब तक हालात सामान्य नहीं होते तब तक दो पत्नियों वाले इस शौहर को लॉकडाउन खुलने तक एक पत्नी के साथ ही रहना पड़ेगा. व्यक्ति कितनी सहजता के साथ अपनी पत्नी के साथ रहता है. दूसरी पत्नी अपने पति की गैर मौजूदगी में किस तरह रहती है और कैसे अपनी ज़रूरतों को पूरा करती है इसका फैसला वक़्त करेगा. मगर जिस तरह ये मामला हुआ है कोरोना वायरस और लॉक डाउन के इस खेल में एक नहीं तीन जिंदगियां प्रभावित हो रही हैं.

खैर समझदारी इसी में है कि तीनों ही इस बात को समझें कि फिलहाल समझदारी सावधानी बरतने में है और अगर ज़िंदा रहे तभी ये आना जाना हो पाएगा वरना जो हाल है कब कौन कोरोना की भेंट चढ़ जाए और अपनी जान से हाथ धो बैठे कुछ कहा नहीं जा सकता.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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