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Updated: 17 मई, 2018 11:00 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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ब्रिटिश रॉयल वेडिंग यानी की पूरी दुनिया के सबसे शाही परिवार के शाही राजकुमार की शाही शादी 19 मई को होने वाली है. इस बात में तो कोई दो राय नहीं है कि पूरी दुनिया में ब्रिटिश राज परिवार ही सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला राजघराना है और प्रिंस हैरी और मेघन मार्कल की शादी यकीनन इंटरनेशनल इवेंट है. ये वो इवेंट है जो दुनिया भर की मीडिया को कुछ दिन की ब्रेकिंग न्यूज देगा.

अब शादी शाही है तो उसका खर्च भी शाही ही होगा. esquire.com के मुताबिक शादी का कुल खर्च 43 मिलियन डॉलर (291 करोड़ रुपए) के आस-पास होगा. इसमें (274 करोड़ खर्च सिर्फ और सिर्फ शाही परिवार और उस शादी में आए मेहमानों की सुरक्षा पर ही खर्च होंगे. इसमें स्नाइपर, सुरक्षा एजेंसियों का खर्च, अंडरकवर पुलिस, हाई-टेक प्रोटेक्शन आदि शामिल हैं.

कुल खर्च..

1. 2.5 करोड़ खाने-पीने पर2. 1.7 करोड़ ड्रिंक्स पर 3. 2.7 करोड़ सिर्फ मेघन मार्कल के वेडिंग ड्रेस पर4. 31 लाख सिर्फ शादी के स्थल पर टॉयलेट बनाने के लिए5. 2.7 करोड़ सिर्फ म्यूजिक पर6. 1 करोड़ से ऊपर शाही जोड़े के हनीमून पर

इसके अलावा, 274 करोड़ रुपए सिर्फ सुरक्षा पर और बाकी 6 करोड़ ऊपरी खर्च जैसे बग्घी, पार्किंग, व्यवस्थाएं और दुनिया भर के खर्च मिलाकर.

ब्रिटेन, राजघराना, क्वीन एलिजाबेथ, सोशल मीडिया, शाही परिवार, मेघन मार्कल, प्रिंस हैरी

ब्रिटेन में अब इस बात पर विरोध हो रहा है कि राजघराने की सुरक्षा के लिए जो 274 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं वो ब्रिटेन के टैक्स देने वाले लोगों के पैसे हैं और इतना खर्च उन्हें लोगों की भलाई के लिए करना चाहिए न कि सिर्फ राजघराने की सुरक्षा के लिए.

(नोट: यहां भारत वाली बात नहीं कि टैक्स पेयर्स का हजारों करोड़ रुपया किसी मूर्ती को बनाने, किसी स्टेशन का या शहर का नाम बदलने, या फिर किसी घोटाले में लगा दिया जाए.)

बात तो बिलकुल सही है. आखिर टैक्स देने वाले लोगों का पैसा क्यों इस तरह से खर्च किया जा रहा है कि लोगों को परेशानी हो. लेकिन एक बात जिससे अधिकतर विरोध करने वाले अंजान है वो ये है कि ब्रिटिश रॉयल फैमिली की ये शाही शादी ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के साथ क्या कर रही है. लोगों को लग रहा है कि ये फालतू खर्च है जिसे लोगों पर जबरन थोपा जा रहा है. पर असल में इस शाही शादी के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को तगड़ा फायदा होने वाला है.

कितना होगा फायदा?

प्रिंस हैरी और अमेरिकी एक्ट्रेस मेघन मार्कल की शाही शादी कम से कम 500 मिलियन पाउंड (4,565 करोड़ रुपए) का फायदा ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को पहुंचाएगी.

सबसे बड़ा फायदा तो टूरिज्म की तरफ से होगा जो शादी के दौरान बढ़ने वाला है. 2011 में जब केट मिडिलटन और प्रिंस विलियम की शादी हुई थी तो ब्रिटेन में 3.5 लाख सैलानी ज्यादा आए थे. ये आंकड़े ब्रिटेन के Office for National Statistics द्वारा दिए गए हैं.

इसी के साथ, बिजनेस में फायदा भी होगा. ब्रिटेन की फाइनेंस कंपनी बिजनेस वैलुएशन कंसल्टेंसी का दावा है कि सिर्फ टूरिज्म, ट्रैवल और होटल का खर्च ही 200 मिलियन पाउंड का होगा.

इसी के साथ, 150 मिलियन पाउंड का फायदा टूरिस्ट द्वारा की गई पार्टियों से होगा. इसके अलावा, 50 मिलियन पाउंड का फायदा उन लोगों के शॉपिंग करने से होगा जो टीशर्ट, हैट या कोई और आइटम खरीदेंगे.

इसी के साथ, शादी अकेले 100 मिलियन पाउंड के विज्ञापन की तरह है जो ब्रिटेन को मिलेगा. दुनिया भर के लोग ब्रिटेन की शाही शादी को लाइव स्ट्रीम में देखेंगे और ये अपने आप में किसी मुनाफे की तरह ही है. ब्रिटेन के मीडिया चैनलों को भी इससे काफी फायदा होगा.

क्या वाकई ब्रिटेन के शाही परिवार पर टैक्स देने वालों का पैसा खर्च होता है?

Quora पर Ernest W. Adams नाम के एक यूजर ने बहुत बेहतरीन तरीके से अपना जवाब दिया है. उनका जवाब था उस सवाल को लेकर कि ब्रिटेन का शाही परिवार आखिर कितना खर्च टैक्स देने वालों का पैसा करता है और उन्हें कमाकर क्या देता है.

एडम्स का जवाब था.

राजघराने को एक ग्रान्ट के तहत पैसा मिलता है. क्राउन एस्टेट की कमाई का करीब 15% हिस्सा ही राजघराने को मिलता है. ये प्रॉपर्टी असल में राजघराने की ही है पर इसे सरकार द्वारा मैनेज किया जाता है. इसीलिए 85% हिस्सा सरकार रख लेती है.

ब्रिटेन, राजघराना, क्वीन एलिजाबेथ, सोशल मीडिया, शाही परिवार, मेघन मार्कल, प्रिंस हैरी

2014-15 में ये ग्रांट 37.9 मिलियन पाउंड थी. ये किसी भी तरह से टैक्स देने वालों का पैसा नहीं था. ये वो रेंट था जो लोग शाही प्रॉपर्टी को इस्तेमाल करने पर देते हैं. ये सिर्फ 15% हिस्सा ही था और बाकी 85% जो 214 मिलियन पाउंड था वो सरकार ने प्रॉफिट के तौर पर रख लिया.

हां, ये पैसा अधिकतर प्रॉपर्टी में ही खर्च की जाती है कंपनियों में नहीं. इसके अलावा, शाही परिवार Duchy of Cornwall और Duchy of Lancaster के बिजनेस से भी पैसा कमाता है. ये पूरी तरह से उनका पैसा है और टैक्स देने वालों का नहीं.

जो पैसा टैक्स देने वालों का होता है वो सुरक्षा और ट्रैवल पर खर्च होता है जो लगभग 100 मिलियन पाउंड प्रति साल का खर्च सुरक्षा और 21 मिलियन ट्रैवल पर होने वाला खर्च है और अगर इसकी गणना की जाए तो ये प्रत्येक ब्रिटिश व्यक्ति से साल में 2 पाउंड लेने के बराबर है.

बकहिंघम पैलेस राज्य की संपत्ती है. उसकी मेंटेनेंस इतनी आसान नहीं होती अगर उसमें रानी नहीं रहती. हां, उसे टूरिस्ट स्पॉट बनाना और किसी अन्य देश के शाही मेहमान को किराए पर देना एक ऑप्शन होता, लेकिन फिर भी उतना फायदा नहीं होता.

अगर ब्रिटेन की सबसे बड़ी एंटी-मोनार्की पार्टी रिपब्लिक की साइट पर लिखा है कि शाही परिवार का खर्च इससे कही ज्यादा होता है. पर असल में ये होता नहीं है. वो पार्टी Duchy of Cornwall और Lancaster के पैसे को भी सरकारी पैसा मानती है और उसे लगता है कि ये टैक्स देने वालों से छीना जा रहा है.

पर ये फालतू बात है. टैक्स इसलिए नहीं बढ़ रहे क्योंकि क्राउन प्रॉपर्टी के रेंट का 15% रानी को दिया जा रहा है. साथ ही, अगर ब्रिटेन के पास राष्ट्रपति होता तो सैलरी उसे दी जाती. साथ ही, सुरक्षा में भी खर्च होता, वही हाल रानी और पूरे राज परिवार का भी है. एक पीआर कंपनी का कहना है कि राजघराने की असल पीआर वैल्यू 44 बिलियन पाउंड के बराबर है अगर कभी भी इसे कैश में तोला गया तो. साथ ही, जब भी कोई शाही शादी होती है तो अर्थव्यवस्था को भारी फायदा पहुंचता है. ऐसे में शाही परिवार जितना लेता है उससे कही ज्यादा देता है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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