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Updated: 20 सितम्बर, 2018 06:40 PM
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इन दिनों सोशल मीडिया पर ह्यूमन पप्स के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है. एक ऐसी कम्युनिटी जहां लोग दोहरी जिंदगी जीते हैं. एक तरफ वो खुद को कुत्ता समझते हैं और पूरी तरह से कुत्तों की तरह व्यवहार करते हैं तो दूसरी तरफ वो एक आम इंसान होते हैं जिन्हें आप रोज़ ऑफिस जाता और काम करता देख सकते हैं. 

ये कम्युनिटी शुरू में छुपी हुई थी, लेकिन अब इससे हज़ारों लोग जुड़े हुए हैं. यूरोप के एंटवर्प शहर में 'मिस्टर पपी यूरोप' की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. इनके प्राइड क्लब हैं, ये खुद को सेलिब्रेट करते हैं और अपनी शर्तों पर जीनव जीने का दावा करते हैं. ब्रिटेन के एक चैनल channel4 पर 2016 में एक डॉक्युमेंट्री की गई थी और ह्यूमन पप्स की जिंदगी को लोगों के सामने लाया था. जहां उस समय भी कुछ लोगों को ये बहुत अजीब लगा था और कुछ ने इसका सपोर्ट किया था. The Secret Life Of The Human Pups इस डॉक्युमेंट्री में पहली बार ह्यूमन पप्स को ढंग से दिखाया गया था. जहां इसे पहले सिर्फ सेक्स एडिक्शन से जोड़कर देखा जाता था वहीं इस डॉक्युमेंट्री के बाद ये समझ आया कि इस तरह के लोगों को वाकई पूरी तरह से कुत्ता बनकर रहना पसंद है.

अधिकतर लोग इन्हें अजीब समझते हैं और कुछ इनसे साथ इनके हैंडलर बनकर रहते हैं. ये खुद कुत्तों वाले सूट्स में रहते हैं जिन्हें खास तौर पर ऐसे लोगों के लिए बनाया जाता है जिन्हें कुत्ता बनकर रहना पसंद हैं. ये कॉस्ट्यूम sex toys बनाने वाली कंपनियां बनाती हैं. 

धारा 377, समलैंगिकता, ह्यूमन पप्सटॉम जिसके बारे में ये पोस्ट लिखी गई है

अगर ह्यूमन पप्स की बात करें तो ये बड़ी आसानी से चर्चा का विषय बन जाते हैं. ऐसे शख्‍स जो खुद को ह्यूमन पप कहते हों. कुत्ते की तरह ही खाना खाते हों. गाड़ी में भी ऐसे ही घूमते हैं. कुत्तों की तरह ही वॉक पर जाते हैं. खिलौनों से खेलते हैं. यानी जब भी उन्हें कुत्ता बनकर रहना हो तब वो पूरी तरह से वैसे ही रहते हैं.

कैसे रहते हैं ह्यूमन पप्स?

सीक्रेट लाइफ ऑफ ह्यूमन पप्स डॉक्युमेंट्री कोशिश है, ऐसे लोगों के प्रति थोड़ी जागरुकता लाने की. इसे सिर्फ सेक्स का एक तरीका समझने वाले लोगों को ये जानना होगा कि ह्यूमन पप्स असल में हर वक्त एक पपी की तरह रहना पसंद करते हैं. वो हर काम ऐसे ही करना पसंद करते हैं. ऐसे लोग अक्सर गे होते हैं, और इन्हें अक्सर लोग सेक्स से जोड़कर ही देखते हैं. पर असल में अगर कोई ह्यूमन पप बन रहा है तो वो कुत्ते की तरह पूंछ हिलाने से लेकर कान खुजलाने और अपने हैंडलर से पेट में खुजली करवाने तक हर काम के लिए कुत्ता ही रहेगा. अपने हैंडलर या यूं कहें कि अपने ह्यूमन के साथ वो उसी तरह का रिश्ता रखते हैं जैसे कुत्ते अपने मालिक के साथ रखते हैं.

धारा 377, समलैंगिकता, ह्यूमन पप्सह्यूमन पप्स असल में वो लोग होते हैं जिन्हें कुत्ते की तरह जीना पसंद होता है

इस तरह के ह्यूमन पप्स की जिंदगी का सेक्स भी एक हिस्सा होता है, लेकिन पूरी जिंदगी नहीं.

इसे सिर्फ आउटफिट या फिर पावर गेम से कुछ ज्यादा समझना चाहिए. जिस टॉम की सोशल मीडिया पोस्ट में बात हो रही है वो असल में इस डॉक्युमेंट्री का अहम हिस्सा था. वो Mr Puppy Europe कॉम्पटीशन में हिस्सा लेने जा रहा था.

इस शो का अहम मकसद ऐसे लोगों की जिंदगी को लेकर बाकी लोगों में जागरुकता फैलाना है. चैनल 4 वाली डॉक्युमेंट्री में टॉम (या उनका दूसरा नाम स्पॉट जिसे ह्यूमन पप नेम कहा जाता है) ने बताया है कि ये उनके लिए ऐसा है जैसे प्राकृतिक तौर पर जीने की किसी को इजाजत मिल गई हो. ये ऐसा है जैसे इंसान ने जानवर के रूप को अपना लिया हो. किसी को इस बात की चिंता नहीं कि पैसे कैसे कमाने हैं, खाना कहां से आएगा, ऑफिस में क्या करना है आदि. जब वो अपने इंसानी रूप में आते हैं तो वो एक थिएटर में इंजीनियर होते हैं और जब वो स्पॉट के रूप में होते हैं तो बस अपने साथ जो भी है उसकी कंपनी का मज़ा लेते हैं.

धारा 377, समलैंगिकता, ह्यूमन पप्सदुनिया भर में हज़ारों ह्यूमन पप्स हैं

स्पॉट के साथ ऐसे कई लोग थे जो कुत्तों की तरह डॉग ट्रीट्स के लिए उछल रहे थे, चार पैरों पर चल रहे थे और अपनी कृत्रिम पूछ हिला रहे थे.

हालांकि, टॉम का कहना है कि ये सब शुरू सेक्स की इच्छा से ही हुआ, उन्हें स्किन टाइट कपड़ों में सोना पसंद था फिर उन्हें डैल्मेशन सूट मिले जिसे उन्होंने ईबे से खरीदा था. एक दिन क्लब में एक इंसान ने उन्हें इस बात का अहसास करवाया कि वो एक पपी हैं और इसके कारण उन्होंने अपनी मंगेतर से रिश्ता तोड़ा और अपने हैंडलर कोलिन के साथ जुड़े.

सीक्रेट लाइफ ऑफ ह्यूमन पप्स में बताया गया कि कैसे अभी तक ये लोग छुपे हुए रहते थे, लेकिन अब ये अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए ऐसा करते हैं. कुछ के हिसाब से हर कोई एक कुत्ते को प्यार करता है और उन्हें भी ऐसा प्यार चाहिए इसलिए वो ऐसा करते हैं पर सब में एक बात कॉमन है कि उन्हें अपने कुत्ते वाले रूप में ज्यादा सहजता लगती है. कई लोग छुपे हुए हैं और दुनिया के सामने अपना ये रूप नहीं दिखाते, लेकिन धीरे-धीरे इस तरह की मानसिकता वाले लोग बढ़ रहे हैं और उन्हें अपने इस रूप में कोई दिक्कत नहीं होती.

LGBTQ कम्युनिटी के बाद ह्यूमन पप्स कम्युनिटी को लेकर कई सावल खड़े होते हैं. ये बहस का हिस्सा हैं और लोग इन्हें अपनाने के बारे में अभी दूर-दूर तक नहीं सोच रहे हैं. दुनिया भर में इन्हें अपवाद माना जाता है और ये लोग भी LGBTQ कम्युनिटी की तरह ही अपनी पहचान के लिए जूझ रहे हैं. अगर कोई खुद को किसी कॉस्ट्यूम में देखकर खुश होता है तो क्या इससे वाकई फर्क पड़ता है कि वो क्या कर रहा है जब तक वो कोई कानूनी रूप में गलत काम न करे? ऐसे लोगों की कमी नहीं जो खुद को अलग-अलग तरह की सेक्स कुठाओं से घिरा हुआ पाते हैं और खुद को बाहर निकालने के लिए अगर वो ऐसा कोई तरीका अपना रहा है जिससे किसी दूसरे को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा तो मेरे हिसाब से ये गलत नहीं है.

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