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Updated: 09 अक्टूबर, 2018 05:46 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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Metoo कैंपेन अब सिर्फ एक हैशटैग से ज्यादा कुछ हो गया है. पीडि़त महिलाओं ने इसे क्रांति की शक्‍ल दे दी है. जिनके साथ सालों पहले शोषण हुआ है और वो अब अपनी कहानी पूरे दम के साथ बयां कर रही हैं. नाना पाटेकर पर जब तनुश्री दत्ता ने शोषण का आरोप लगया तो शुरुआती दौर में तनुश्री को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा क्योंकि नाना पाटेकर एक इज्जतदार व्यक्ति हैं, लेकिन उसके बाद से ही एक के बाद कथित 'इज्जतदार' व्यक्तियों के किस्से उजागर हो रहे हैं. इसी कड़ी में अब एक ऐसा नाम सामने आया है जिसे बॉलीवुड का सबसे 'संस्कारी' व्यक्ति माना जाता है. बाबूजी यानी आलोक नाथ पर न सिर्फ शोषण का, बल्कि रेप का आरोप भी लगा है.

ये बात मेरे लिए हजम करना इसलिए मुश्किल नहीं क्योंकि ऐसा हो नहीं सकता. ये बिलकुल हो सकता है, लेकिन जिस इंसान पर आरोप लगा है उसे हमेशा से एक जैसे रोल में टाइपकास्ट किया गया है और मेरे बड़े होते-होते उसे 'हम आपके हैं कौन', 'हम साथ-साथ हैं' जैसी फिल्मों में बाबूजी के रूप में ही देखा गया. ये वो इंसान है जिसे लेकर बताया जाता था कि ये अपने बच्चों को गलत सीख दे ही नहीं सकता.

आलोक नाथ, बाबूजी, metoo, सोशल मीडिया, विनता नंदाआलोक नाथ पर रेप का इल्जाम लगानी वाली प्रोड्यूसर अपने समय के नंबर वन शो तारा से जुड़ी हुई थीं.

आलोक नाथ पर आरोप लगाने वाली और कोई नहीं बल्कि विनता नंदा हैं. अगर याद न हो इनका नाम तो मैं बता दूं कि ये अपने समय के नंबर वन सीरियल 'तारा' की राइटर और प्रोड्यूसर थीं. विनता ने 19 साल पहले अपने साथ हुए किस्से की याद दिलाई और एक फेसबुक पोस्ट पर सब कुछ लिख दिया.

विनता ने लिखा-

'उनकी पत्नी मेरी अच्छी दोस्त थी. हम हमेशा एक दूसरे के घर आते-जाते रहते थे. हमारा दोस्तों का एक ग्रुप था जो थिएटर किया करता था. हम अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे और 90 के दशक में सैटेलाइट टीवी ने हमें मौका देना शुरू किया. मैं उस समय नंबर वन टीवी शो तारा की राइटर और प्रोड्यूसर थी और वो मेरी हीरोइन के पीछे पड़ा था. मेरी हीरोइन उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी.

वो शराब पीता था, जिद्दी था, लेकिन वो उस समय टीवी का एक बड़ा स्टार था और उसके खिलाफ कुछ ज्यादा बोला नहीं जा सकता था. इसलिए उसकी गलतियों पर पर्दा डाला जाता था.

जब अति हो गई तो हमने उसे निकालने का फैसला कर दिया. आखिरी शॉट देने से पहले उसे कहीं से ये बात पता चल गई. वो बहुत शराब पीकर आया और हीरोइन के साथ बहुत बदतमीजी की और उसे गलत तरह से छुआ. हीरोइन ने उसे थप्पड़ मार दिया. हमने उसे सेट से जाने के लिए कहा. और कह दिया कि फिर कभी लौट कर मत आना.

उसके बिना शो चलता रहा और रेटिंग्स बिगड़ती रहीं. चैनल का मैनेजमेंट बदला और हमें नए मैनेजमेंट ने हीरोइन बदलने को कहा. इसके बदले एक फैसला लाया गया कि तारा की बेटी बनाकर एक नई एक्ट्रेस को लाया जाएगा और जनरेशन गैप भी दिखाया जाएगा. इससे पुरानी तारा भी रहेगी. जब चैनल का नया सीईओ आया तो उसने मुझे बुलाया. रेटिंग खराब ही थी और उसने मुझे बहुत बेइज्जत किया और कहा कि मेरे जैसी लड़की को भारत से बाहर चले जाना चाहिए. मेरे सभी शो बंद कर दिए गए और मेरी प्रोडक्शन कंपनी बंद कर दी गई.

अब सबसे बुरा हो रहा था मेरे साथ. मैं सक्सेसफुल थी. मैं आजाद खयालों की महिला थी. मैं शराब पीती थी. मैं सिगरेट पीती थी. एक दिन उस एक्टर ने मुझे पार्टी के लिए बुलाया. हम लोग अक्सर पार्टी किया करते थे इसलिए वो अजीब नहीं था. उसकी पत्नी घर पर नहीं थी. कुछ ड्रिंक्स के बाद मुझे अजीब लगने लगा. मेरी ड्रिंक में किसी ने कुछ मिला दिया था.

मैं रात में 2 बजे उसके घर से बाहर आई और किसी ने मुझे घर छोड़ने को नहीं कहा. ये थोड़ा अजीब था. थोड़ी देर अकेले चलने के बाद उसने मुझे घर छोड़ने को कहा. मुझे बस इतना याद है कि मेरे मुंह में और शराब डाली जा रही थी. मैंने उसपर भरोसा किया और उसने मेरे साथ घर पर ही रेप किया. मैं अगले दिन बिस्तर से नहीं उठ पा रही थी, मुझे बहुत दर्द था.

मैंने कुछ दोस्तों को बताया, लेकिन उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा. मेरी कंपनी बंद हो गई तो मैंने एक सीरीज डायरेक्ट करने और उसकी स्क्रिप्ट लिखने की नौकरी ले ली. फिर भी उस इंसान ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा और कास्टिंग के जरिए कहीं न कहीं से मेरे पास आ गया.

उसने ऐसा माहौल बना दिया कि मुझे बहुत डरा हुआ महसूस होने लगा. जब मैं नई सीरीज में काम कर रही थी तो उसने मुझे घर आने को कहा. मैंने हां की क्योंकि मुझे वो नौकरी चाहिए थी. पर मैं इतना प्रताड़ित हो गई थी कि मैंने वो नौकरी छोड़ दी. मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी. मैं काम नहीं कर पा रही थी. लगभग 20 साल बाद अब मैं सही हूं. मेरे जैसी लड़की जो निडर थी लोगों से बात करने से तक डरने लगी. कई बार मैंने ये बताने की कोशिश की, लेकिन मुझे हर बार काम मिलना बंद हो जाता. 10 साल तक प्रताड़ना झेलने के बाद 2009 में कुछ दोस्तों ने मेरी मदद की.

मैंने ये सब 19 सालों तक झेला पर मैं उन लोगों से अपील करती हूं जिनके साथ ऐसा कुछ हो रहा है वो सामने आएं और इसके बारे में बताएं.'

पूरी पोस्ट यहां पढ़ी जा सकती है - 

इस पोस्ट को 12 घंटे में ही 2000 से ज्यादा शेयर मिल चुके थे. विनता नंदा ने एक्टर का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने 'संस्कारी' शब्द का इस्तेमाल किया और संस्कारी बॉलीवुड में एक ही है.

इसपर आलोक नाथ का कहना है-

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आलोक नाथ ने कहा कि, 'कुछ तो लोग कहेंगे. मैं न ही इसे स्वीकार कर रहा हूं न ही इसे मना कर रहा हूं. ये (रेप) हुआ होगा, लेकिन मैंने नहीं किया. किसी और ने किया होगा. मैं इसके बारे में और नहीं बोलना चाह रहा क्योंकि ये बात बढ़ेगी.'

आगे इस बारे में आलोक नाथ ने कहा कि, 'हम हमेशा महिलाओं की बात ही सुनते हैं क्योंकि उन्हें कमजोर समझा जाता है. मुझे लोगों से क्या करना, लोग तो कुछ भी कहेंगे और मेरी इमेज खराब होगी.'

विनता से अपनी दोस्ती के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, 'एक समय वो इतनी अच्छी दोस्त हुआ करती थी आज वो एक बड़ी हस्थि है. एक तरह से मैंने उसे वहां तक पहुंचाया जहां वो है. इस मामले में कुछ भी कहना गलत है क्योंकि आज के दौर में जो महिलाएं कहेंगी वही सही होगा.'

आलोक नाथ के साथ ये पहली बार नहीं है कि उन्हें किसी विवाद से जोड़ा गया है जैसे 2015 में कविता कृष्णण को लेकर ट्वीट के मामले में उन्हें लोगों का विरोध झेलना पड़ा था.

आलोक नाथ, बाबूजी, metoo, सोशल मीडिया, विनता नंदा2015 में आलोक नाथ द्वारा की गई ट्वीट

यहां तक कि बाबूजी ने खुद ये माना था कि जवानी में वो बेहद वाइल्ड हुआ करते थे. शराब पीते थे और कई क्रेजी गर्लफ्रेंड्स के साथ रहा करते थे. आलोक नाथ के इस बयान के बाद उन्हें सेक्सिस्ट माना जा सकता है लेकिन रेप करने का इल्जाम लगने के बाद उनकी छवि कुछ अलग ही नजर आ रही है. जिस तरह से बॉलीवुड और मीडिया से जुड़ी महिलाओं ने एक के बाद एक अपने साथ हुई घटनाओं के बारे में जानकारी देना शुरू किया है उससे लगता है कि जैसे यहां कोई भी ऐसा नहीं बचा जिसपर भरोसा हो.

बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों ने आलोक नाथ पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. वो लोग विनता के सपोर्ट में आए हैं. इनमें स्वरा भास्कर, सुशांत सिंह, मल्लिका दुआ, श्रुति सेठ आदि शामिल हैं.

ये बिलकुल वैसा ही है जैसे हमारे देश को संस्कारी माना जाता है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार और जुर्म होने वाले देशों की सूची में हमारा देश शामिल है. और यहां तक की कई जगह तो महिलाओं के खिलाफ अपराधों की लिस्ट में नंबर वन है. ऐसे में किसे संस्कारी कहा जाए? घर के भीतर संस्कारी कहलाने वाले पुरुषों से महिलाएं सुरक्षित नहीं, घर के बाहर संस्कारी कहलाने वाले पुरुष भी महिलाओं के साथ अभद्रता करते हैं तो फिर गलती किसे दी जाए? देश को, हालात को, बॉलीवुड को या फिर संस्कारी शब्द को जिसके मायने जरूरत के हिसाब से बदल दिए जाते हैं. अब कम से कम एक बात तो सिद्ध हो गई कि आलोक नाथ वाले मामले में संस्कारी शब्द बेमानी है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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