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Updated: 25 अप्रिल, 2018 01:13 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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आसाराम बापू, गुरु का चोला पहनने वाला एक ढोंगी, जिसके हजारों नहीं, बल्कि लाखों भक्त थे. आसाराम में लोगों की ऐसी अंधी आस्था थी कि जिस रास्ते से वो गुजर जाते थे, लोग वहां की मिट्टी उठाकर अपने माथे से लगा लिया करते थे. लेकिन फिर आया 2013 का वो दिन, जब आसाराम पर नाबालिग से रेप का आरोप लगा. देखते ही देखते खुद को भगवान का अवतार बताने वाले आसाराम सलाखों के पीछे पहुंच गए. एक संत इतनी घिनौनी हरकत भी कर सकता है, इसका अंदाजा भक्तों को कभी नहीं था. अधिकतर भक्तों की आंखें तो आसाराम का सच सामने आने के बाद खुल गईं, लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे भक्त हैं, जिनकी आंखों पर अंधभक्ति का चश्मा चढ़ा हुआ है. जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोप में आसाराम को दोषी करार दिया है, लेकिन बावजूद इसके ये लोग मानने को तैयार नहीं हैं कि आसाराम दोषी हैं. ऐसा नहीं है कि ये भक्त सिर्फ उनके आश्रम में मिलते हैं, बल्कि अंधभक्ति का चश्मा पहने इन भक्तों की सोशल मीडिया पर भी भरमार है.

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आसाराम जैसे ही दोषी साबित हुए, वैसे ही ट्विटर पर ट्रेंड भी करने लगे. ट्विटर के टॉप 3 ट्रेंड आसाराम से जुड़े हुए थे. इनमें #AsaramVerdict, #AsaramCaseVerdict, #AsaramBapu थे. जब इन ट्रेंड को खंगाला गया तो पता चला कि वहां आसाराम को आजाद कराने की एक मुहिम सी चल रही है. हालांकि, जो लोग आसाराम के निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं और उन्हें जेल से आजाद कराने की बात कर रहे हैं, उनके ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड नहीं हैं. यानी ये वो चेहरे हैं जो एक नकाब पहनकर आसाराम का समर्थन कर रहे हैं. कम से कम कोर्ट द्वारा दोषी करार देने के बाद तो इन लोगों को अपनी हरकतों से बाज आ जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. चलिए एक नजर डालते हैं ट्विटर के कुछ ट्वीट पर और देखते हैं कि वो कैसे-कैसे आसाराम के निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं.

2015 में सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा आसाराम के समर्थन पर कही गई बात को लेकर भी बहुत सारे लोग आसाराम को निर्दोष कह रहे हैं. उन्होंने कहा था- 'यह पूरा केस ही फर्जी है, आसाराम को फंसाया गया है.'

एक यूजर ने लिखा है कि मेडिकल रिपोर्ट, सबूत, लड़की के कॉल रिकॉर्ड सभी से साफ होता है कि संत आसाराम निर्दोष हैं. आसाराम को फंसाया गया है.

समर्थक तो यहां तक बात कर रहे हैं कि POCSO एक्ट का दुरुपयोग कर के निर्दोष आसाराम को फंसाया जा रहा है.

ट्विटर पर जिस तरह से कोर्ट का फैसला आने के बाद आसाराम के समर्थन में धड़ाधड़ ट्वीट होने लगे, उनसे एक बात तो साफ हो जाती है कि आसाराम एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक गंदी मानसिकता का नाम है. बहुत से लोग आज भी वहां की मिट्टी उठाकर माथे से लगा लेते हैं, जहां पर आसाराम के पैर पड़ते हैं. एक रेप का आरोपी, जो अब रेप का दोषी साबित हो चुका है, उसके लिए ऐसी अंधी अस्था से ये साफ है कि आसाराम का समर्थन करने वाले लोग भी आसाराम जैसी गंदी मानसिकता रखते हैं. वैसे भी आसाराम का तिहाड़ जाने का बहुत मन था, तिहाड़ तो नहीं, लेकिन जेल में तो वो पहुंच ही गए. सुन लीजिए ये वीडियो, कितना मन था उनका तिहाड़ जेल जाने का.

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