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Updated: 26 फरवरी, 2018 09:44 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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तमिलनाडु का शुमार भारत के उन चुनिंदा राज्यों में है, जो अपने राजनेताओं के लिए बेहद संवेदनशील है. तमिलनाडु के सन्दर्भ में कहा जाता है कि यहां नेता चाहे कोई भी रहा हो वो अपने समर्थक जुटाता नहीं कमाता है. समर्थक जुटाना आसान है उन्हें कमाना और अपने पाले में बनाए रहना एक मुश्किल कृत्य है. वैसे तो तमिलनाडु की सियासत में एमजीआर से लेकर करूणानिधि तक कई नेता आए हैं मगर जो मुकाम जयललिता ने हासिल किया उसने कई मिथक तोड़े.

यदि इस बात को समझना हो तो याद करिए 5 दिसम्बर 2016 का वो दिन, जब उनकी मौत की खबर आई थी. जयललिता की मौत की ख़बरों से न सिर्फ टीवी और वेबसाइटें भरी पड़ी थीं बल्कि जिस अस्पताल में वो भर्ती थीं वहां भी लोगों का हुजूम लगा हुआ था. जयललिता की मौत की आधिकारिक घोषणा सुन लोग बेहाल थे और तमिलनाडु, कर्नाटक समेत पूरे दक्षिण भारत में लोगों ने भावना आहत होने के चलते जगह-जगह उग्र प्रदर्शन किये थे.

जयललिता, तमिलनाडु, मूर्ति, ट्विटर जयललिता की मूर्ति ने तमिलनाडु में एक नई बहस को जन्म दे दिया है

बहरहाल, एक बार फिर तमिलनाडु की जनता जयललिता को लेकर बेहद नाराज है. इस बार लोगों की नाराजगी का कारण है जयललिता की अजीबो गरीब प्रतिमा. जी हां सही सुन रहे हैं आप. बीते दिनों दिवंगत सीएम जयललिता की जयंती पर तमिलनाडु में एआईएडीएमके के मुख्यालयों पर अन्नाद्रमुक पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. ज्ञात हो कि इस मौके पर अन्नाद्रमुक पार्टी कार्यकर्ताओं ने जयललिता की मूर्ति पर हार चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

दिवंगत सीएम की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने और श्रद्धांजलि अर्पित करने तक सब ठीक था मगर जैसे ही प्रतिमा की फोटो सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर आई बवाल शुरू हो गया. प्रतिमा पर अपना पक्ष रखते हुए यहां तक कह दिया कि प्रतिमा में दिखाई जा रही औरत कोई भी हो सकती है मगर उनकी नेता जयललिता नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रतिमा को देखने पर साफ पता चल रहा है कि इस प्रतिमा में और जयललिता में दूर-दूर तक कोई समानता नहीं है.

आइये रुख करें ट्विटर का और नजर डालें उन ट्वीट्स पर जिनको देखकर इस बात का अंदाजा साफ लग जाएगा कि तमिलनाडु के लोगों और जयललिता के समर्थकों को मूर्तिकार की ये अदा नागवार गुजरी है जिसके चलते उनकी भावना आहत हुई है.

खैर इन ट्वीट्स के जरिए मिल रही प्रतिक्रियाओं से एक बात तो साफ है कि तमिलनाडु की जनता को एआईएडीएमके द्वारा की गयी ये हरकत बिल्कुल भी पसंद नहीं आई है. ट्वीट्स देखकर  इस बात का भी अंदाजा अपने आप ही लगाया जा सकता है कि जिस पार्टी को अपने सबसे लोकप्रिय नेता की ही याद नहीं है वो अब भला तमिलनाडु जैसा विशाल राज्य कैसे संभल पाएगी.

तमिलनाडु के सन्दर्भ में एआईएडीएमके का भविष्य क्या होगा इसका फैसला वक़्त करेगा. मगर जो चीजें वर्तमान परिपेक्ष में सामने आ रही हैं. उन्होंने देखकर यही महसूस हो रहा है कि एआईएडीएमके के लिए अब वो वक़्त आ गया है जब वो अपनी गलतियों से सीखें. कहीं ऐसा न हो कि भविष्य में इन्हीं सब गलतियों के चलते उसका राजनीतिक भविष्य गर्त के अंधेरों में चला जाए.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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