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बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 22 फरवरी, 2017 05:19 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
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ट्विटर पर इतना कुछ हो गया कि अखबारों की खबर हो गया. दो मामले, और दोनों ही लेखकों से जुड़े हुए. इन दोनों लेखकों ने जो किया सो किया, इनके सपोर्टर्स और इनके हेटर्स ने ट्विटर पर आग लगा दी.    

पहला मामला था हमारी अपनी लेखिका शोभा डे का. शोभा डे के बारे में क्या कहें, हैं तो लेखिका मगर आजकल अपने बेकार और अपरिपक्ता दिखाते ट्वीट्स के चलते ज्यादा नाम कमा रही हैं. पर 'बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा' वाली कहावत को बहुत सीरियसली लेती हैं. तभी आए दिन ऐसे ट्वीट्स करती रहती हैं. ट्विटर पर उन्होंने एक ओवरवेट पुलिसवाले की तस्वीर ट्वीट की जो एक लंबे समय से इंटरनेट पर पड़ी हुई है. कैप्शन लिखा- 'मुंबई में आज भारी पुलिस बंदोबस्त है'.

अपनी लेखनी के लिए पहचानी जाने वाली शोभा डे जब इतना बचकाना ट्वीट लिखेंगी तो ट्विटर तो बख्शेगा नहीं, खासकर तब, जब वर्दी पहने पुलिसवाला मध्यप्रदेश पुलिस का हो और शोभा जी उसे मुंबई पुलिस का बताकर मजाक बनाएं.

देखिए लोगों ने उन्हें क्या क्या कहा-

लोगों ने जो किया सो किया, मुंबई पुलिस ने भी शोभा डे की बोलती बंद करने में कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने लिखा 'मिस डे, हमें भी मजाक पसंद है, लेकिन इस बार यह मजाक बिल्कुल अच्छा नहीं है, यह वर्दी और पुलिसवाला हमारा नहीं है. हम आप जैसे जिम्मेदार लोगों से और बेहतर की उम्मीद करते हैं.'

मुंबई पुलिस के इस ट्वीट से लोग बहुत खुश हुए और उन्होंने कुछ इस तरह तारीफ की-

शोभा जी ने इसपर भी जवाब दिया-

खैर, जो जैसा करेगा वो वैसा भरेगा. शोभा जी के साथ यही होना लिखा था. क्योंकि ये सब करना शायद उनकी आदत हो गई है. ओलंपिक खिलाड़ियों को लेकर उनका किया हुआ ट्वीट तो सबके याद ही होगा जिसको लेकर उनकी खूब किरकिरी हुई थी.

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अब बात करते हैं एक दूसरे लेखक की जिनका नाम है तारिक फतह. तारिक पाकिस्तान में पैदा हुए और फिर कनाडा जाकर बस गए, लिहाजा इन्हें कनेडियन लेखक कहा जाता है. वहां ये मुस्लिम कैनेडियन कांग्रेस के फाउंडर भी हैं. लेकिन इतना काफी नहीं.. उनपर अक्सर पाकिस्तान से पैसे लेने, दुश्मनों से मिले होने के आरोप लगते रहे हैं. पर आजकल तारिक फतह दूसरे ही कारणों से सुर्खियां बटोर रहे हैं.

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दिल्ली में उर्दू साहित्य फेस्टिवल 'जश्न ए रेखता' में भाग लेने पहुंचे, जहां उनका जमकर विरोध किया गया. उसपर उन्होंने उर्दू भाषा पर कमेंट करते हुए उसे सांप्रदायिक बताया, जिसपर काफी बबाल हुआ. एक टीवी शो पर उनसे सवाल किया गया कि 'आईएसआई हिंदुस्तान को तोड़ने के लिए आपको कितने पैसै देती है' इसके जवाब में तारिक व्यंग्य भरे अंदाज में अपने फोन पर जोड़ते हुए कहते हैं कि 'एक मिनट मैं देख लूं, मुझे कुछ इजरायली शक्ल के यहूदियों से पैसे मिलते हैं. कुछ हिंदुस्तान से, कुछ पाकिस्तान के अब तक कोई 35 करोड़ 6 सौ, ये कुछ ऐसा ही कोई 35-40 करोड़ है. कुछ जरूरत बन जाए तो बताइएगा. और कल  फिर एक टीवी डिवेट में कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शहजाद पूनावाला के साथ उनकी जमकर तूतू-मैंमैं हुई.

शहजाद पूनावाला ने उनपर दुर्व्यवहार और उनपर हमला करने का आरोप लगाया. इस वीडियो को देखकर ही समझ जाएंगे कि शहजाद का फोन नीचे गिरा, तो यूं ही नहीं गिरा होगा..

देखिए असल में हुआ क्या था-

लोगों ने किस तरह रिएक्ट किया जरा देखिए-

तारिक फतह के चाहने वाले भी कम न थे

तो तारिक फतह हों या फिर शोभा डे, दोनों लेखकों ने अलग-अलग कारणों से लोगों को ट्वीटर पर बिजी रखा. पर हमारा भी यही कहना है कि जिम्मेदार नागरिकों से इससे बेहतर की उम्मीद की जाती है, नहीं तो वो ऐसे ही सोशल मीडियो पर ट्रोल किए जाते हैं.

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पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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