New

होम -> सोशल मीडिया

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 07 जनवरी, 2017 06:29 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
  • Total Shares

अब तक आपने फेसबुक पर बहुत से अजीब नाम वाले ग्रुप देखे होंगे, पर इस ग्रुप का नाम न केवल हैरान करने वाला है बल्कि अमेरिका के खुले समाज का एक दकियानूसी चेहरा भी दिखाता है. "No Hymen, No Diamond" नाम का ये फेसबुक पेज बड़े गर्व के साथ कहता है कि वो महिलाएं जो वर्जिन नहीं होती, वो शादी करने लायक ही नहीं हैं.  

pic2_092615081323.png
                                                        नो हाइमन, नो डायमंंड

वर्जिनिटी को लेकर कितनी भी बहस कर ली जाये, वो कम ही है. पर इस फेसबुक पेज को देखकर लगता है कि भारत ही नहीं अमेरिका में भी कुछ पुरुषों के मन में वर्जिनिटी को लेकर मानसिकता में ज़्यादा फर्क नहीं है. "No Hymen, No Diamond" में डायमंड का मतलब शादी की अंगूठी से है, और हाइमन वो झिल्ली जिसके आधार पर ही महिला का वर्जिन होना या नहीं होना निर्धारित किया जाता है. इस पेज के सदस्य ये मानते हैं कि महिलाएं जिन्होंने शादी से पहले सेक्स किया है वो 'गंदी' और 'अपवित्र' हैं.

pic1_092615071949.png
                                                               तस्वीरों के माध्यम से दे रहे हैं संदेश

कहा जाता है कि इस पेज को एक ऑनलाइन महिला विरोधी आंदोलन Men's Rights Activists(MRA) चलाता है. इस पेज पर शेयर की गई पोस्ट्स में महिलाओं के प्रति गुस्से को साफ तौर पर देखा जा सकता है. इनका एकमात्र लक्ष्य दुनिया को ये समझाना है कि- हमें उन लड़कियों से शादी नहीं करनी चाहिए जो वर्जिन नहीं हैं, मतलब पुरुषों को हमेशा उन ही लड़कियों से शादी करनी चाहिए जिनकी हाइमन बरकरार है. और इस संदेश को इस पेज पर लम्बी चौड़ी पोस्ट और तस्वीरों द्वारा दिया गया है जो नैतिक तौर पर निहायती भद्दे हैं. इतना ही नहीं इस ग्रुप पर Zazzle स्टोर का लिंक भी दिया गया है जहां "No Hymen, No Diamond" के स्टीकर्स खरीदे जा सकते हैं.

pic3_092615072203.png
                                                                 संदेशों में महिलाओं के प्रति द्वेष साफ दिखता है

तुच्छ मानसिकता दिखाता ये पेज अकेला नहीं है, ऐसे कई पेज और समूह हैं जहां महिलाओं का इसी तरह अपमान किया जाता है. देखिए ऐसे पेजों को लाइक करने वालों की कमी भी नहीं है, इस पेज को अब तक 1265 लोग लाइक कर चुके हैं, कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कल हमारे देश का पुरुषवादी समाज भी इनका साथ निभाता नज़र आए. पर वो लोग जो ये सोचते हैं कि महिलाओं के चरित्र का आंकलन वर्जिनिटी के आधर पर किया जाना ठीक है, तो उनके लिए भी पहले ह्यूमन एनाटॉमी का पाठ पढ़ना ज़रूरी है.

हाइमन कोई सील नहीं है. पर लोग महिला को किसी प्रोडक्ट की तरह मानते हैं और हाइमन को एक सील, जिसका लगा होना उस प्रोडक्ट के फ्रेश होने की गारंटी होता है. हाइमन झिल्ली किसी महिला में पतली तो किसी में मोटी होती है और किसी भी वजह से टूट सकती है, हाइमन सिर्फ सेक्स के दौरान टूटे ये ज़रूरी नहीं है. ये साइकिल चलाने से, घुड़सवारी, किसी भी तरह खिंचाव, डांस करने, या खेल के दौरान भी टूट सकती है.पर जो लोग इसे सील समझते हैं, और इसी के आधार पर महिला को अपने लायक मानते हैं ऐसे लोगों के साथ की गई शादी का क्या भविष्य होगा वो सोचने वाली बात है. बहरहाल, ये बहस है और हमेशा जारी रहेगी.

#वर्जिनिटी, #हाइमन, #महिलाएं, वर्जिनिटी, हाइमन, महिलाएं

लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय