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Updated: 16 सितम्बर, 2016 07:20 PM
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ढाका में बारिश के कारण बकरीद पर सड़कों पर खून की नदी बहने वाले तस्‍वीरें वायरल होने के दो दिन बाद अचानक सोशल मीडिया पर कुछ और फोटो ट्रेंड कर रही हैं. बेहद बुरे ढंग से फोटोशॉप की गईं इन तस्‍वीरों के जरिए ये बताने की कोशिश की जा रही है कि मुस्लिमों की छवि बिगाड़ने के लिए ढाका की तस्‍वीरें वायरल की गईं, जबकि ऐसा हुआ ही नहीं था.

हकीकत में ताजा तस्‍वीरें झूठी हैं, और बकरीद पर आई तस्‍वीरें सच्‍ची हैं. बांग्‍लादेश के कई अखबारों ने उन तस्‍वीरों को प्रकाशित करते हुए लिखा था कि शहर के म्‍यूनिसिपल कॉर्पोरेशन की लापरवाही से यह भयावह स्थिति बनी. जब‍ एक ओर शहर के लोग बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी दे रहे थे. तो दूसरी ओर जानवरों का खून बारिश में मिलकर सड़कों पर जमा होता रहा.

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 ढाका की सड़कों पर सच में बही 'खून की नदी' लाल ही थी, बाद में कुछ लोगों ने उसे फोटोशॉप पर लाल, पीली, बैंगनी बनाया.

साथ ही फोटोशॉप पर हाथ आजमाने वालों ने दीवारों पर टंगे बैनर्स का रंग भी बदल दिया. हूबहू उसी रंग में जैसा पानी नजर आ रहा है. हालांकि, इन तस्‍वीरों को झुठलाने वाले उस मौके पर आए वीडियो को नजरअंदाज कर गए, जिनमें साफतौर पर दिखाई दे रहा है कि सड़कों पर जमा पानी खून की वजह से लाल हो गया है. और उसमें लोग आ-जा रहे हैं.

यह तस्‍वीरें ढाका से यूएन के अधिकारी एडवर्ड रीस ने भी ट्वीट की थीं. जिन्‍हें बाद में हजारों लोगों ने रीट्वीट किया था.

शहर में प्रशासन ने सौ स्‍थानों पर कुर्बानी की व्‍यवस्‍था की थी, लेकिन इसकी सूचना सही ढंग से लोगों तक नहीं पहुंची. और बारिश के बावजूद लोगों ने अपने बरामदों में जानवरों की कुर्बानी की. और मंजर पूरी दुनिया में फैल गया.

यह भी पढ़ें- बारिश हुई और ढाका में खून की नदी बह निकली

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