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Updated: 13 जुलाई, 2016 04:59 PM
आईचौक
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खेलकूद के अलावा अगर छोटे बच्चों का कोई फेवरेट टाइमपास है तो वो है यू-ट्यूब. अगर आपको लगता है कि यू-ट्यूब सिर्फ बड़े ही देखते हैं, तो ये जान लीजिए कि आजकल बच्चे अपने फेवरेट राइम्स (कविताओं) को यू-ट्यूब पर देखना पसंद करते हैं. क्योंकि वो दौर चला गया जब राइम्स केवल नर्सरी स्‍कूलों में सुनी और सुनाई जाती थीं. अब राइम्स के एनिमेटेड वर्जन बच्चों को खूब भाते हैं.

इस तरह के तमाम एनिमेटिड वीडियो यू-ट्यूब के कई चैनल्स पर दिखाई देते हैं. इनके व्यूज पर नजर दौड़ाएं तो तो आखें फटी की फटी रह जाती हैं कि इन वीडियोज को बच्चे आखिर कितना देखते हैं! ऐसा ही एक यू-ट्यूब चैनल है चूचू टीवी, जो आजकल बच्चों का फेररेट है. बच्चे चूचू टीवी के एनिमेटेड राइम्स के इतने दीवाने हैं कि उन्होंने चूचू टीवी को भारत का तीसरा सबसे बड़ा यू-ट्यूब चैनल बना दिया है.

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भारत का तीसरा सबसे बड़ा यू-ट्यूब चैनल है चूचू टीवी. जरा व्यूज पर नजर डालें

नर्सरी राइम के लिए कुत्ता, बिल्ली, चूहा, गाय आदि शब्दों को जोड़-जाड़कर काफिया मिलाया और फिर वीडियो को यू-ट्यूब पर अगस्त 2014 में पहली बार लान्च किया, तब से अब तक इस वीडियो को करीब 1.375 करोड़ बार देखा जा चुका है. ये काफिया मिलाने और कविता गढ़ने का कामाल किसी कवि ने नहीं बल्कि एक चार्टर्ड एकाउंटेंट ने किया. जी हां,45 साल के कृष्‍णन फिल्में बनाना चाहते थे, लेकिन परिवार के कहने पर सीए की पढ़ाई की. लेकिन उनका मन बच्चों के लिए राइम्स लिखाने में लगता है. वो बच्चों की पसंदीदा चीजों पर कविताएं लिखते हैं, उन्हें गाते भी हैं और फिर उन्हें चू-चू टीवी पर अपलोड करते हैं. 

बच्चों ने बनाया चू-चू टीवी को स्टार

इस चैनल के करीब 50 लाख सब्सक्राइबर हैं, जो कि यू-ट्यूब के बाकी लोकप्रिय चैनल जैसे एआईबी, वायरल फीवर वीडियोज, कॉमेडी नाइट्स ऑन कलर टीवी और स्टारप्लस से कहीं ज्यादा हैं. इस चैनल के ऊपर केवल टी-सीरीज और सेट इंडिया है जिनके सब्सक्राइबर क्रमशः 1 करोड़ 10 लाख और 60 लाख हैं. इन चैनल्स के अपलोडेड वीडियोज के अंतर को देखकर आश्चर्य होगा कि नंबर वन चैनल टी-सीरीज ने कुल 9,500 वीडियो अपलोड किए हैं, सेट इंडिया ने करीब 13,500 वीडियो, और चूचू टीवी कुल 115 वीडियो अपलोड कर तीसरे नंबर पर बैठा विराजमान है.

इन 115 वीडियोज के कुल व्यूज को जोड़ें तो करीब 519 करोड़ व्यूज होते हैं, जो टी-सीरीज के 9,500 वीडियोज के 931 करोड़ व्यूज के लगभग आधे हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चू चू टीवी केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, लंदन, आयरलैंड, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया समेत कई देशों में देखा जाता है. चू-चू टीवी पर हर रोज औसतन 7000 नए सब्सक्राइबर जुड़ जाते हैं. और इतने सब के बाद इस चैनल की कमाई भी जान लें. चैनल की एक महीने की कमाई करीब 61,200 से 979,200 डॉलर यानी 41 लाख से 6 करोड़ 57 लाख रुपए के बीच है.

क्यों खास है चू-चू टीवी

चूचू टीवी के कंटेंट पार्टनरशिप मैनेजर अमन दयाल का कहना है कि रंग, संगीत और बीट्स हमेशा काम करते हैं. बच्चों को शुरुआती दिनों में संगीत के माध्यम से ही सिखाया जाता है, जैसे हम सभी ने ए बी सी गाकर ही सीखी थी, उसी तरह कैरेक्टर और लिरिक्स भी अपनी अपनी भूमिका अदा करते हैं. यू-ट्यूब पर छोटे बच्चों का कंटेंट टॉप कंटेंट कैटेगरी में आता है और ये तेजी से बढ़ रहा है.

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 रंग, संगीत और बीट्स से बच्चे जल्दी सीखते हैं

किसने बनाया चूचू टीवी

बचपन के 6 दोस्तों ने मिलकर चू-चू टीवी शुरू किया. ये हैं चंदर, बी.सुरेश, के अजीत, टी.एस.सुब्बीरमणियन, कृषनन और पार्थसारथी जानकीरमन(फिलहाल चैनल का हिस्सा नहीं). कृषनन और चंदर सीए हैं जो अपना काम छोड़ छाड़कर सिर्फ इस चैनल को और बढ़ाने के लिए लगे हुए हैं. पैसा कमाने की नीयत से नहीं बल्कि एक छोटी बच्ची को हंसाने के लिए एक पिता ने इस चैनल का पहला वीडियो बनाया. 38 साल के चंदर ने अपनी बेटी हर्षिता, (जिसे घर में चूचू बुलाते हैं) के नाम पर ही इस चैनल का नाम रख दिया. 2014 में दो साल की चूचू के लिए चंदर ने 'चब्बी चीक्स डिंपल चिन' वीडियो बनाया जिसे चूचू ही नहीं औरों ने भी बहुत पसंद किया, कुछ ही हफ्तों में इसे 3 लाख बार देखा गया. फिर उन्होंने दूसरा वीडियो 'ट्विंकल ट्विंकल' डाला और एक ही महीने में चैनल को 5000 लोगों ने सब्सक्राइब किया. और इसके बाद चंदर ने सब काम छोड़कर सिर्फ अपने चैनल को संभालना शुरू कर दिया. और चैनल की पॉपुलरिटी आप देख ही रहे हैं.

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चूचू टीवी के सीईओ हैं चंदर

क्या सिर्फ बच्चों के कारण है यह कामयाबी?

ऐसा नहीं है कि बच्चे सिर्फ चूचू टीवी ही पसंद करते हैं, बल्कि यू-ट्यूब पर कई विदेशी चैनल अपने किड्स कंटेंट के साथ काफी अच्छा काम कर रहे हैं. और बच्चे उन्हें पसंद भी करते हैं. लेकिन भारत के चैनलों सिर्फ चू चू टीवी ही तीसरे बड़े यू-ट्यूब चैनल के रूप में उभरा है और इसकी खास वजह है मॉडर्न पेरेंटिंग. भारत में भी आजकल न्यूक्लियर परिवार बढने लगे हैं. गैजेट्स अब दादा-दादी की जगह लेने लगे हैं. माता-पिता व्यस्त होते हैं तो बच्चों को मोबाइल और टैबलेट्स पकड़ा देते हैं. व्यस्त रहना ही नहीं, भारतीय घरों में आमतौर पर एक ही टीवी होता है, उसे बड़े देखते हैं तो बच्चे बोर होते हैं, ऐसे में फिर ये मोबाइल और टैबलेट्स बच्चों को दे दिए जाते हैं. और ऐसा रोज होता है. भारत के बच्चे इसीलिए और भी ऑनलाइन रहते हैं. गैजेट्स पर बच्चे अपने मनपसंद वीडियो रोज देखते हैं, बार-बार रिपीट करते हैं और इसीलिए व्यूज बढ़ते जाते हैं. और जब व्यूज बढ़ते हैं तो चू चू टीवी जैसे तमाम चैनल ग्रो करते हैं.

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