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Updated: 29 जून, 2022 12:46 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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एक्टर आलिया भट्ट (Alia Bhatt) प्रेग्नेंट हैं. इस खबर का आना भर था फैंस फूले नहीं समा रहे हैं. वहीं चाहे वो घर परिवार के लोग हों या फिर इंडस्ट्री के दिग्गज हर कोई अपने खास अंदाज में आलिया और रणबीर को मुबारकबाद दे रहा है. एक ऐसे वक़्त में जब तमाम अलग अलग कारणों के चलते बॉयकॉट बॉलीवुड ट्रेंड कर रहा है ये अपने में सुखद है कि लोग होने वाले बच्चे पर अपना प्यार उड़ेल रहे हैं. दौर चूंकि मॉरल पुलिसिंग और समाज का ठेकेदार बनने का है इसलिए ऐसे भी लोगों की कोई कमी नहीं है जिन्हें आलिया की प्रेग्नेंसी ने मौका दीपिका पादुकोण और कैटरीना कैफ को ट्रोल करने का मौका दे दिया है. आलिया के बच्चे की आड़ में दीपिका और कैटरीना को 'बच्चा न पैदा करने' या ये कहें कि 'प्रेग्नेंट न हो पाने' के कारण ऐसी तमाम बातें सुननी पड़ रही हैं जो हद दर्जे की घिनौनी तो हैं ही साथ ही ये एक समाज के रूप में हमको सवालों के घेरे में रखती हैं. 

Alia Bhatt, Alia Bhatt Pregnancy, Ranbir Kapoor, Alia Bhatt Instagram, Mother, Kid, Parenting, Deepika Padukonआलिया की प्रेग्नेंसी के बाद दीपिका और कैटरीना को ट्रोल करना मजाक हरगिज़ नहीं है

ध्यान रहे कि चाहे वो दीपिका पादुकोण हों या फिर कैटरीना कैफ दोनों के घर से बच्चे की किलकारी की आवाज नहीं आई है. अब चूंकि शादी होने के बावजूद अब तक बच्चा नहीं हुआ है तो सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम लिखने वाले मौजूद हैं जो अपनी अपनी टारगेट ऑडिएंस को खुश करने के लिए मीम से लेकर पोस्ट और ट्वीट तक ऐसा बहुत कुछ शेयर कर रहे हैं जो ये बता रहा है कि यदि दीपिका और कैटरीना ने शादी की है तो बच्चा पैदा करना न केवल उनकी ड्यूटी है बल्कि ये मॉरल रिस्पॉन्सिबिलिटी है.

ऐसे में जब हम ट्विटर से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम का रुख करते हैं और दीपिका / कैटरीना पर लांछन लगाती सोशल मीडिया पोस्ट का अवलोकन करते हैं तो जो सबसे पहला विचार हमारे दिमाग में आता है वो ये कि क्या शादी तभी पूर्ण है जब एक पुरुष पिता और एक महिला मां बन जाए?  इस सवाल पर सर्वप्रथम तो बहुत ज्यादा भावुक होने की जरूरत नहीं है. हमें बहुत ठन्डे दिमाग से रहना होगा फिर इस सवाल के जवाब का अवलोकन करना होगा. 

जब हम इस सवाल या ऐसे तमाम सवालों की जड़ में जाते हैं तो हमें कुछ चीजें साफ़-साफ़ दिखाई देती हैं. मिलता है कि जिस समाज में हम रह रहे हैं वहां शादी होती ही इसलिए है ताकि व्यक्ति अपने वंश को संतानोत्पत्ति के जरिये आगे बढ़ा सके. जिस समाज में विवाह का उद्देश्य अपने साथी की पसंद और न पसंद न होकर बच्चे हों वहां अगर कैटरीना और दीपिका को बच्चे न होने के लिए ट्रोल किया जा रहा है तो शायद हमें हैरत बिलकुल नहीं होनी चाहिए. 

वो तमाम लोग जो दीपिका और कैटरीना के पीछे सिर्फ इसलिए पड़े हैं क्योंकि अब तक वो मां नहीं बनी.उनके लिए हमारे पास कहने को बहुत कुछ है. लेकिन उससे पहले हम ट्रोल्स और समाज से इतना जरूर कहेंगे कि क्या शादी के बाद पति पत्नी का साथ होना, एक दूसरे के दुःख सुख में मददगार साबित होना, संग खुश होना काफी नहीं है?

विषय वाक़ई बहुत सीधा है. वो तमाम लोग जिनका दीपिका और कैटरीना से लेकर आलिया तक किसी से कोई लेना देना नहीं है यदि वो शादी के बाद बच्चों को मुद्दा बना रहे हैं तो हम इतना जरूर कहेंगे कि किन्हीं दो लोगों ने शादी की ये उनका फैसला था, वो बच्चे करें या न करें ये भी उन्हीं का फैसला है इसलिए उनके फैसले में कोई तीसरा अपनी टांग अड़ाए न तो ये सही है और न ही इसका समर्थन किसी भी सूरत में किया जा सकता है. 

ध्यान रहे क्योंकि तर्क कुछ ऐसे हैं कि विवाह का मुख्य उद्देश्य संतानोत्पत्ति ही है और नए दौर में संतानोत्पत्ति में देरी सांसारिक आनंद की प्राप्ति के उद्देश्य की श्रेणी में है. तो ऐसे तर्कों पर अपना पक्ष रखते हुए हम इतना जरूर कहेंगे कि आखिर दो लोग शादी करके बच्चे पैदा करने के अलावा भी बहुत कुछ कर सकते हैं. मसलन साथ रहकर एक खूबसूरत ज़िंदगी बना सकते हैं. साथ रहकर क़ामयाबी की नई दास्तां लिख सकते हैं. 

हमें इस बात को समझना होगा कि शादी का अर्थ केवल बच्चे नहीं हैं. एक महिला और एक कपल को बच्चे होने के आधार पर महत्व देना या किसी तरह से उन्हें जज करना न तो चुटकुले की श्रेणी में आता है और न ही ये मजाकिया है. हां अलबत्ता ये अपमानजनक जरूर है उस महिला के लिए जो मां नहीं बन पा रही. उस पुरुष के लिए जिसकी मर्दानगी सिर्फ इसलिए सवालों के घेरे में है क्योंकि वो बाप नहीं बन पाया. 

बहरहाल, दौर चूंकि सोशल मीडिया का है इसलिए जज यहां सब हैं और जो नहीं भी हैं वो भी दूसरों की देखा देखी फैसला सुनाने को आतुर हैं इसलिए ऐसे लोगों से हम बस इतना कहेंगे कि ख़ुशी महत्वपूर्ण है. दुनिया में वो तो खुश हैं ही जिनके बच्चे हैं और वो जिनके बच्चे नहीं हैं अगर वो खुश हो रहे हैं तो किसी को भी अधिकार नहीं है कि वो आएं और अपनी बातों या अनर्गल आरोपों से किसी की ख़ुशी को छीनें.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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