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Updated: 11 नवम्बर, 2017 04:04 PM
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गुजरात चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सोशल मीडिया पर अटैक और काउंटर अटैक जारी है. ज्यादातर ये तीखे स्लोगन और वीडियो के जरिये हो रहा है. लिहाजा स्लोगन की काट में एक दूसरे के खिलाफ नये स्लोगन गढ़े जा रहे हैं.

जवाबी स्लोगन के साथ ही साथ कांग्रेस की मुहिम में एक और स्लोगन जुड़ गया है. गुजरात में कांग्रेस ने पहले 'कांग्रेस आवे छे, नवसर्जन लावे छे' मुहिम चलायी और अब 'खुश रहे गुजरात' अभियान चला रही है. इसी दरम्यान ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फिर से गुजरात के तीन दिन के दौरे पर हैं.

थैंक्यू गुजरात!

जैसी की खबर आयी थी कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमलों से बचेंगे, इसलिए राहुल गांधी के मौजूदा दौरे में भी ऐसा होने की अपेक्षा है. राहुल गांधी की ओर से ही गुजरात कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री मोदी पर निजी हमले न करने की हिदायद दी गयी थी. राहुल गांधी ने तो गुजरात के पहले दौरे में लगातार मोदी पर विकास के नाम पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था.

rahul gandhiगुजरात में चालू है 'गब्बर' की गाथा

राहुल गांधी के गुजरात दौरे से ठीक पहले सीनियर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने ट्विटर पर गुजरात के लोगों का आभार जताया. अपने ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, "शुक्रिया गुजरात. आपके यहां चुनाव ने वो कर दिखाया जो संसद और कॉमन सेंस से भी नहीं हो पाया.'

असल में चिंदबरम ने मोदी सरकार के इस कदम को ऐसे प्रोजेक्ट करने की कोशिश की है कि गुजरात चुनाव में मुश्किल में पड़ी बीजेपी को कारोबारी तबके को खुश करने के लिए ये कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है. एक और ट्वीट कर चिदंबरम ने कहा, 'कांग्रेस का पक्ष सही साबित हुआ. मेरी बात सही साबित हुयी. जीएसटी कैप को 18 फीसदी किये जाने की बात माननी ही पड़ी.'

ये 'गब्बर' भी नहीं चलेगा

राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा जीएसटी की समीक्षा को अच्छा तो बताया है लेकिन उनकी राय में महज इतने से कुछ नहीं होने वाला. राहुल गांधी का कहना है कि पूरे देश में एक ही टैक्स होना चाहिये.

जीएसटी में सरकार द्वारा किये गये बदलाव को राहुल गांधी भी कांग्रेस के दबाव का नतीजा बता रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा, 'अच्छी बात है, कांग्रेस पार्टी और हिंदुस्तान की जनता ने बीजेपी पर दबाव डाला और 28 प्रतिशत से काफी आइटम्स उन्होंने 18 प्रतिशत में ला दिये... मगर अभी हम खुश नहीं हैं, अभी हम रुकेंगे नहीं...'

राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि वो जीएसटी में पूरी तरह बदलाव चाहते हैं और देश में पांच अलग अलग टैक्स की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लागू होना चाहिये.

rahul gandhi'थैंक्यू गुजरात...'

ताजा सरकारी उपाय को नाकाफी मानते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जोर देकर कहा, 'बीजेपी ने जो टैक्स दिया है वह गब्बर सिंह टैक्स है. हमें ऐसा टैक्स नहीं चाहिए. देश को जीएसटी चाहिए यानी 18 प्रतिशत टैक्स कैप हो. 5 टैक्स न हो, एक ही टैक्स हो. हम चाहते हैं कि सिंपल टैक्स हो.' वैसे मोदी सरकार जीएसटी लागू होने के बाद से ही उसे गुड एंड सिंपल टैक्स कह कर प्रचारित करती रही है.

वैसे इस बार राहुल गांधी के पास बताने को बहुत कुछ है, लेकिन अहमदाबाद पहुंच कर उन्होंने अपना इरादा जाहिर कर दिया कि एजेंडे में सबसे ऊपर तो गब्बर सिंह टैक्स की गाथा ही रहने वाली है.

हार्दिक से डील फाइनल होगी क्या?

कांग्रेस ने एक इंटरनल सर्वे कराया है. इस सर्वे के जरिये कांग्रेस को गुजरात में 120 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है. गुजरात में 182 सीटों के लिए चुनाव होने हैं और बीजेपी ने 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है.

कांग्रेस के इस सर्वे का जो भी आधार हो या ये भी महज प्रचार का एक हिस्सा हो ये तो कांग्रेस ही जाने. ये जरूर है कि राहुल गांधी को लोग सुनने लगे हैं. कांग्रेस की मौजूदगी दर्ज की जाने लगी है, लेकिन इससे ये तो नहीं लगता कि कांग्रेस इतनी सीटें जीतते हुए नजर आये. चुनाव में अभी वक्त है. स्थितियां कभी भी बदल सकती हैं, लेकिन अभी तो ऐसा कतई नहीं लगता.

बीजेपी की नाक में दम करने वाले जिन तीन युवा नेताओं के कांग्रेस को सपोर्ट मिलने की बात थी, उनमें अभी सिर्फ अल्पेश ठाकोर पर ही स्थिति साफ है. हार्दिक पटेल अभी तौल रहे हैं और जिग्नेश मेवाणी ने भी ऐसा कुछ नहीं कहा है कि वो कांग्रेस को किस तरह समर्थन देंगे.

हार्दिक पटेल का मामला तब और पेंचीदा हो गया जब अल्पेश ठाकोर कांग्रेस से जुड़ गये. फिर कांग्रेस ने हार्दिक की मांग पूरी करने के लिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बगैर ओबीसी कोटे को प्रभावित किये नया कानून लाकर पाटीदारों के लिए 20 फीसदी आरक्षण का नुस्खा बताया है.

लेकिन हार्दिक पटेल ने साफ कर दिया है कि उनका मेन एजेंडा बीजेपी को हराना है, आरक्षण नहीं. वैसे कांग्रेस के आरक्षण देने के इरादे को लेकर हार्दिक पटेल काफी आशांवित दिख रहे हैं. हार्दिक का कहना है कि अगर कांग्रेस का ऐसा इरादा नहीं होता तो वे आधी रात को मिल कर इतनी देर बात क्यों करते. वैसे हार्दिक ने संकेत दिया है कि कांग्रेस के साथ एक मीटिंग और होनी है और उसके बाद पाटीदार समुदाय से विचार कर फैसला लिया जाएगा. हार्दिक की बातों को समझने की कोशिश करें तो लगता है वो कांग्रेस के सपोर्ट का मन तो बना चुके हैं, लेकिन कुछ मसले ऐसे जरूर हैं जिन पर डील फाइनल नहीं हो पा रही. फिर क्या समझा जाये - राहुल गांधी इस बार गुजरात में हार्दिक के साथ डील पक्की कर पाएंगे?

वैसे जब तक आधिकारिक तौर पर कोई बात सामने नहीं आती, सस्पेंस कायम रह सकता है. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने पूरे गुजरात में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का दावा किया. कांग्रेस छोड़ चुके वाघेला ने नया फ्रंट बनाया है और सभी कांग्रेस को छोड़ कर सभी बीजेपी विरोधियों का समर्थन होने की बात कर रहे हैं. जब तक कांग्रेस और हार्दिक की डील फाइनल नहीं हो जाती, ये संशय भी बना रहेगा कि मालूम नहीं भीतर ही भीतर वो कौन सी खिचड़ी पका रहे हैं.

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