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Updated: 29 नवम्बर, 2016 06:06 PM
शुभम गुप्ता
शुभम गुप्ता
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8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे जैसे ही प्रधानमंत्री ने 500/1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया तो देश भर से लोगों ने प्रधानमंत्री का समर्थन किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिसके पास काला धन है और वो इसका हिसाब नहीं दे सकते यानी का पैसा कहां से आया उन पर 200 फीसदी जुर्माना लगेगा.

देश के हर कोन में आम आदमी लाइन में लगा हुआ था. बहुत परेशान भी हो रहा था. मगर आंखों में एक उम्मीद थी. मन ही मन खुश हो रहा था कि मैं तो 2 दिन भी लाइन में खड़ा हो जाउंगा मगर वो क्या करेंगे जिनके पास करोड़ो रुपए का काला धन है. उन्हें तो प्रधानमंत्री पकड़ लेंगे, उन्हें तो 200 प्रतिशत जुर्माना देना होगा. उनका पैसा तो गया.

मगर अफसोस आम आदमी का कोई सपना पूरा हो, ऐसा कहीं देखा है आपने? आम आदमी को तो उम्मीद ही नहीं रखनी चाहिये की उसका कोई सपना पूरा हो जाएगा.

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 कालाधन धारकों को दिया जा रहा है एक और मौका

सरकार ने 200% टैक्स को अब 50% कर दिया है. यानी की एक और मौका कालेधन रखने वालों को. सरकार के लोग कह रहे हैं कि लोग कालेधन का इधर-उधर करके सफेद कर रहे थे इसलिये सरकार उन्हें ये एक और मौका दे रही है.

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साफ शब्दों में कहें तो 1 करोड़ रुपये की अघोषित आय में 50 लाख रुपये सरकार के पास चला जाएगा. बाकी 25 लाख रुपये चार साल बाद मिलेंगे, जबकि बाकी 25 फीसदी तुरंत.

वाह ! देखा आपने सरकार ने कितनी जल्दी काला धन पकड़ लिया. अब तक देश का हर आम आदमी बहुत खुश था. मगर अब? ये तो धोखा है साहब, आपने आम आदमी के साथ धोखा किया है.

काले धन वाले ना तो लाइन में लगे, ना परेशान हुए. हां, इतना जरूर सोच रहे थे कि काश भगवान एक और मौका दे दें. भगवान से मांग रहे थे कि भगवान 50-50 कर लो. 50% पैसा सरकार को दे दो बाकि हमारा. और देखिये भगवान भी अमीरों की ही सुनता है आज-कल. कई लोगों ने मंदीरों में भी खूब पैसा चढ़ाया और देखिये नतीजा आपके सामने है.

यानी की अब मान लीजिये किसी के पास 2000 करोड़ का काला धन है तो वो 1000 करोड़ सरकार को देकर बाकी का 1000 करोड़ घर ले जा सकता है.

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छलावा है बीजेपी विधायकों-सांसदों के अकाउंट का खुलासा

इसके अलावा कहा गया कि बीजेपी के विधायकों और सांसदों को 8 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर 2016 तक हुए बैंक ट्रांसेक्शन की जानकारी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को देनी होगी.

लोग या विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहे थे कि मोदी जी ने पहले ही अपनी पार्टी वालों को बता दिया है कि अपना पैसा ठिकाने लगा दो. लेकिन सवाल यही है कि यदि आरोप है कि कुछ लोगों को इस फैसले की जानकारी पहले से ही थी तो इसका मतलब यह है कि उन्होंने अपना पैसा 8 नवंबर के पहले ही ठिकाने लगा लिया होगा. इस तारीख के बाद का हिसाब शेयर करने से मिलेगा भी क्या. इसके अलावा यह जानकारी शेयर की जाएगी सिर्फ अमित शाह के साथ. अब कल को कांग्रेस कह देगी कि कांग्रेस के सांसद और विधायक अपना ब्यौरा राहुल गांधी को दें. या आम आदमी पार्टी वाले केजरीवाल को दें. चलेगा क्या?

लेखक

शुभम गुप्ता शुभम गुप्ता @shubham.gupta.5667

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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