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Updated: 07 अप्रिल, 2015 02:12 PM
असित जौली
असित जौली
  @asit.jolly
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भले ही पूरा भारत अच्छे दिनों के इंतजार में नरेंद्र मोदी पर विश्वास जता रहा हो लेकिन हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के लिए साफतौर पर ये 'अच्छे दिन' नहीं हैं. उनका तबादला इतनी बार किया गया है कि उन्होंने तबादलों का एक नया नेशनल रिकॉर्ड बना दिया है- 22 वर्षों में 46 बार तबादला! आप गणित के अनुसार हिसाब लगा सकते हैं, हर साढ़े पांच माह में एक तबादला!

पिछले अक्टूबर में हरियाणा में भाजपा की नई सरकार बनी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर आरएसएस के पूर्व प्रचारक मनोहर लाल खट्टर को ताज पहनाया था. उसके बाद भ्रष्टाचार के मामलों को उजागार करने वाले इस अफसर को कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी थी लेकिन इसके उलट अभी भी परेशानियों ने खेमका को घेर रखा है.

नवम्बर में स्थिति बेहतर होती दिखी थीं, जब खट्टर ने खेमका को एक मामूली पोर्टफोलियो से निकाला था, जहां उन्हें पिछली भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार ने पोस्टिंग दी थी. कांग्रेस सरकार की 49 वर्षीय इस आईएएस अधिकारी के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की थी, क्योंकि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की खुलेतौर पर "खातिर" करने की हिम्मत दिखाई थी.

खट्टर ने चीजों को शायद ठीक करने के लिए एक ईमानदार कोशिश की थी. खेमका को नई तैनाती देते हुए हरियाणा का परिवहन आयुक्त बनाया गया. दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री और अफसर दोनों के पास व्यापक शक्तियां हैं.

मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने वाले खट्टर को पहले से कोई प्रशासनिक अनुभव और सरकार चलाने का ज्ञान नहीं था. इसलिए वे एक अधिकारी के तौर पर खेमका की क्षमता को नहीं समझ पाए.

मौत की धमकी और साथियों के बहिष्कार का सामना करने के बावजूद वाड्रा-डीएलएफ मामले को उजागर करने वाला यह अफसर जल्द ही काम में जुट गया.

चार्ज लेने के एक सप्ताह के भीतर ही खेमका ने भ्रष्ट ट्रक माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया. क्षमता से ज्यादा भार ढोने वाले ट्रकों को सीज करने के आदेश दिए. मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर रोक लगा दी. अवैध रूप से ज्यादा भार ले जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को दंडित करने का काम किया. जनवरी तक ट्रक मालिक हड़ताल पर चले गए और खट्टर के लिए परेशानी खड़ी हो गई. हरियाणा सरकार ने न सिर्फ खेमका के "नो ओवरलोडिंग और ओवरसीज्ड़ ट्रक" फरमान रद्द करते हुए ट्रक मालिकों को सालभर की मोहलत दी कि नियम से चलने लगें, बल्िक इस समस्या की जड़ को ही खत्म करने का फैसला कर लिया.

अशोक खेमका को पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में तैनात कर दिया गया. इस उम्मीद के साथ कि शायद यहां वे ज्यादा असरदार नहीं होंगे.

इस अफसर ने अपना दर्द 2 अप्रैल को ट्वीट करके जाहिर किया: "गंभीर आरोपों के बावजूद परिवहन विभाग से भ्रष्टाचार मिटाने और सुधार लाने के लिए मेहनत की, कोशिश की. लेकिन यह वक्त दर्दनाक है."

मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि खेमका ईमानदार अफसर हैं और उनका स्थानांतरण नियमित था. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज खेमका के प्रशंसक हैं. उन्होंने कहा कि वे कसम खाते हैं कि खेमका के लिए खड़े हैं और उनका समर्थन करेंगे. कृषि मंत्री ओपी धनकर मानते हैं कि मीडिया के पास जाने वाले अफसर को अनुशासित होने की जरूरत है. र्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि "पुरातत्व भी एक महत्वपूर्ण विभाग है."

कौन जानता है कि लंबे समय से नजरअंदाज हरियाणा की पुरातत्विक खुदाई फिर से शुरू हो और यह पता चले कि बीफ पुराने समय में यहां के देसी आहार का हिस्सा था, जो शायद भाजपा के लिए असहज हो. और शायद अशोक खेमका के लिए अच्छे दिन आ जाएं.

, अशोक खेमका, आईएएस, हरियाणा

लेखक

असित जौली असित जौली @asit.jolly

लेखक इंडिया टुडे मैगजीन में पत्रकार हैं.

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