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Updated: 15 दिसम्बर, 2015 12:06 PM
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दिल्ली सचिवालय में सीबीआई की छापेमारी के बाद केजरीवाल समर्थक और तथाकथित भक्त आपस में भिड़े नजर आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक विद्वेष की कार्रवाई बताया है तो सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है. लगे हाथ कुछ लोग केजरीवाल से वाई-फाई को लेकर अपडेट भी मांग रहे हैं.

ब्रेकिंग न्यूज, एक मिनट में ही विश्‍लेषण भी

दिल्ली सचिवालय में सीबीआई की छापेमारी की खबर खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए ब्रेक की. ठीक एक मिनट बाद केजरीवाल ने मोदी को टारगेट किया.

अपने अपने दावे

CBI ने छापेमारी को लेकर सफाई दी है. इसका कहना है कि छापेमारी सचिवालय केजरीवाल के दफ्तर पर नहीं, बल्कि एक अधिकारी के दफ्तर पर की गई है.

सीबीआई ने सफाई। कहा- प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर छापेमारी, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मौजूद थे और छापेमारी के लिए सीबीआई निदेशक की मंजूरी मिली थी.

सीबीआई की सफाई को केजरीवाल ने सफेद झूठ बताया. केजरीवाल ने दावा किया कि अफसर नहीं बल्कि उनके खुद के दफ्तर पर छापेमारी हुई है.

इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि अगर अफसर के खिलाफ सीबीआई के पास सबूत थे तो उसने मुझसे क्यों नहीं शेयर किया. मैं स्वयं उसके खिलाफ एक्शन लिया होता. केजरीवाल ने ये भी कहा कि वो पहले मुख्यमंत्री हैं जिसने भ्रष्टाचार को लेकर अपने मंत्री और एक सीनियर अफसर को बर्खास्त कर दिया.

'आप' और भक्त

आप नेता आशुतोष ने इसे सीबीआई का दुस्साहस बताते हुए सवाल किया कि सीबीआई व्यापमं घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या उनके प्रमुख सचिव के दफ्तर को क्यों नहीं सील करती?

संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने दिल्ली सचिवालय पर हुई छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'केंद्र सरकार सीबीआई के काम में दखल नहीं देती, केंद्र और प्रधानमंत्री पर आरोप लगाना गलत है.'

इसके साथ ही केजरीवाल समर्थक और मोदी समर्थकों ने भी ट्वीट और रीट्वीट करना शुरू कर दिया. कोई सपोर्ट कर रहा है तो इसी बहाने कुछ लोग केजरीवाल से वाई फाई पर अपडेट भी मांग रहे हैं

सीबीआई ने कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के यहां भी छापेमारी की थी, वो भी ऐसे मौके पर जब उनकी बेटी की शादी थी. सीबीआई के दुरुपयोग के आरोप पिछली यूपीए सरकार पर भी लगते रहे हैं - और ताजातरीन आरोप मायावती ने भी लगाए थे जब एक घोटाले को लेकर सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी. बिहार चुनाव में मुलायम सिंह के महागठबंधन छोड़ने के पीछे भी बड़ी वजह सीबीआई ही मानी जाती है.

सरकार जो भी सफाई दे, शकूर बस्ती के बाद केजरीवाल को एक और, बल्कि उससे मजबूत मुद्दा तो मिल ही गया है.

केजरीवाल ने एक रीट्वीट कर सवाल भी छोड़ दिया है कि लोग खुद ही पूरे मामले पर फैसला करें.

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