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Updated: 14 अगस्त, 2020 03:33 PM
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देश के टैक्स पेयर्स (Tax Payers) ने भले ही समय से अपना काम किया हो और ईमानदारी से अपना टैक्स भरा हो मगर जो शिकायत हमेशा हुई वो पारदर्शिता की थी. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने इसे समझा और ईमानदार टैक्स पेयर्स को प्रोत्साहन और टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक विशेष प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है. सरकार द्वारा इसे ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट' (Transparent Taxation – Honoring the Honest) नाम दिया गया है. देश के प्रधानमंत्री ने इसे 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत बताया है और कहा है कि सिस्टम सीधे तौर पर देश के विकास को प्रभावित करेगा. इस सिस्टम में फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं जो भारतीय टैक्स सिस्टम को बिल्कुल नए आयाम देंगे और इसे मजबूत करेंगे. क्योंकि ये सिस्टम तकनीक के भरोसे है इसलिए टैक्स की पूरी प्रक्रिया पूर्व की अपेक्षा कहीं ज्यादा आसान हो गयी है.

Transparent Taxation Scheme. Income Tax, Tax Reform, Narendra Modiअपनी नयी स्कीम से मोदी सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दे दी है

इस नए सिस्टम का उदघाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस सिस्टम के जरिये जान-पहचान का पुराना खेल ख़त्म होगा, वहीं टैक्स से जुड़े मसलों की जांच और अपील दोनों ही फेसलेस होगी. साथ ही जो सबसे बड़ी खूबी इस सिस्टम की मानी जा रही है वो ये कि अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देश के विकास और अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका अदा करने वाले टैक्सपेयर को उचित सम्मान भी देना होगा. प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार टैक्सपेयर्स के योगदान से ही देश चलता है और उसे विकास का मौका मिलता है.

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि नए टैक्स सिस्टम में सरकार का दखल कम होगा साथ ही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे ले जाएंगी. टैक्स की दिशा में जो बड़े सुधार देश की सरकार ने किये हैं उनमें टैक्सपेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील और फेसलेस असेसमेंट हैं तो कुछ और जानने से पहले हमारे लिए इन्हें समझना बहुत जरूरी हो जाता है. 

क्या है टैक्सपेयर्स चार्टर?

टैक्स पेयर चार्टर को एक तरह की लिस्ट माना जा सकता है. इसके अंतर्गत टैक्सपेयर्स के अधिकार और कर्तव्य के अलावा टैक्स अधिकारियों के लिए भी कुछ आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए होंगे. इसके माध्यम से टैक्स पेयर्स और और आयकर विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण पक्ष जो इस चार्टर का है वो ये कि इसके माध्यम से टैक्सपेयर्स की परेशानी कम करने और आयकर विभाग के अफसरों की जवाबदेही तय करने की व्यवस्था होगी.

फेसलेस अपील

पीएम मोदी के अनुसार फेसलेस अपील की सुविधा इस साल 25 सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर शुरू होगी. मन जा रहा है कि इस सुविधा से भ्रष्टाचार में कमी आएगी और वो मनमानी जो अभी तक चली आ रही थी उसे आसानी के साथ रोका जा सकेगा. फेसलेस अपील की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि अगर टैक्सपेयर्स की कोई शिकायत है तो उसे इसके लिए रैंडम तरीके से चुने गए अफसर के पास अपील का अधिकार होगा. जांच किस अफसर के पाले में गयी है इसकी जानकारी किसी को नहीं होगी। कुल मिलाकर कर दाता को फायदा ये है कि उसे दफ्तर से दफ्तर चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी.

फेसलेस असेसमेंट

ध्यान रहे कि पूर्व में स्क्रूटनी वाले केस में असेसमेंट प्रक्रिया के दौरान टैक्स पेयर को कई-कई बार टैक्स अधिकारियों का चक्कर लगाना पड़ता था. जिससे करप्शन में इजाफा होता था और बिना लेन देन के काम नहीं होता था. अब जबकि फेसलेस असेसमेंट आ गया है तो ये सभी चीजें बंद हो गयी हैं. फेसलेस असेसमेंट पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक मोड में होगा इसलिए करदाता को इनकम टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी.

अभी कहां कहां है ये सिस्टम

मौजूदा समय में ये सिस्टम दुनिया के तीन देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में लागू है. इन देशों में टैक्स चोरी जैसे मामलों में भी करदाता को सरकार या आयकर विभाग द्वारा बार बार नोटिस देकर परेशान नहीं किया जाता है. बता दें कि इस सिस्टम के अंतर्गत आयकर विभाग को टैक्सपेयर के स्वाभिमान की ​संवेदनशीलता का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.

ये तो बात हो गयी इस सिस्टम की अब हमारे लिए इसके फायदे और नुक्सान को समझना जरूरी है. ध्यान रहे कि जो बातें Transparent taxation scheme के तहत पीएम मोदी ने कहीं हैं यदि उनका अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि इससे देश और करदाता का फायदा है. साथ ही इसके जरिये हमारा दूषित सिस्टम भी पारदर्शी बनेगा.

इससे अव्यवस्थाओं में लगेगी रोक

प्रधानमंत्री ने नए टैक्सेशन सिस्टम को वक़्त की ज़रूरत बताते हुए कहा है कि पहले 10 लाख का मामला भी कोर्ट में चला जाता था, लेकिन अब हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले मामले की सीमा क्रमश: 1-2 करोड़ की गई है. अब फोकस आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट पर है.

टैक्स के मामले अब होंगे पैन इंडिया, कम्प्यूटर का रोल निर्णायक

नए सिस्टम की विशेषताओं पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले जिस शहर में टैक्स के मामले आते थे वहीं का अधिकारी मामले देखता था मगर अब ऐसा नहीं होगा. अब टेक्नोलॉजी की वजह से देश के किसी भी हिस्से का अधिकारी किसी केस की जांच कर सकता है. अगर मुंबई में कोई केस सामने आता है, तो उसकी जांच का मामला मुंबई को छोड़कर किसी भी शहर की टीम के पास जा सकता है. उस आदेश का रिव्यू किसी दूसरे शहर की टीम करेगी, टीम में कौन होगा इसका नतीजा भी कंप्यूटर से किया जाएगा.

उद्देश्य है आयकर दाताओं की सुविधाओं पर फोकस करना

यदि सरकार के पिछले 6 सालों के कार्यकाल का गहनता से अवलोकन किया जाए तो जो सबसे अच्छी बात निकल कर हमारे सामने आती है वो ये कि सरकार ने करदाताओं की मुश्किलों को जेहन में रखा और लगातार ऐसे प्रयास किये जिससे उनकी समस्याएं कम हों. अब जबकि ये सुविधा आई है तो पूर्व की अपेक्षा वर्तमान में करदाताओं का जीवन कहीं ज्यादा सुगम होगा और उनको उन छोटी बड़ी समस्याओं से राहत मिलेगी जिनका सामना अब तक वो कर रहे थे.

खोली पिछली सरकारों की कलई

पिछली यानी यूपीए सरकार की कमियां बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, एक वो समय था जब हमारे यहां रिफॉर्म्स को लेकर तरह तरह की बातें होती थीं और खाना पूर्ति करते हुए कुछ फैसले मजबूरी के तहत ले लिए जाते थे. दबाव में लिए गए इन फैसलों को रिफॉर्म्स कहा जाता था. इसके कारण कभी इच्छित परिणाम नहीं मिले. वर्तमान सरकार में ये सोच और अप्रोच पूरी तरह से बदल गयी है. अब रिफार्म निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है

बहरहाल, नई स्कीम एक कर दाता के लिए कितनी फायदेमंद होती है? इसे लागू किये जाने के बाद टैक्स चोरी के मामलों में कमी आती है? पूरा प्रोसेस देश के विकास को कैसे और कितना प्रभावित करेगा लभी इसपर किसी तरह की कोई बात करना जल्दबाजी है लेकिन जो मौजूदा वक्त है वो इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यों कि वो करदाता जो किसी न किसी मौके पर सिस्टम के द्वारा ठगा गया है उसे अपनी सरकार और प्रधानमंत्री की तरफ से बहुत बड़ी राहत मिली है.

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