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Updated: 17 मार्च, 2021 08:05 PM
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पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में से सबसे ज्यादा चर्चा में बना हुआ है पश्चिम बंगाल का चुनाव. यह राज्य 35 वर्षों तक वाम दलों का अभेद्य किला रहा, जिसे तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने ढहा दिया. लगातार दो बार की मुख्यमंत्री ममता के सामने इस बार भाजपा कड़ी चुनौती पेश कर रही है. पश्चिम बंगाल में भाजपा बनाम टीएमसी की राजनीतिक आग लगी हुई है और इसे हवा दी है सिलसिलेवार चले आ रहे 'नाटकीय घटनाक्रमों' ने. ममता हों या मोशा (मोदी-शाह की जोड़ी) सभी बंगाल की जनता को साधने की कोशिश में लगे हैं. पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर 8 चरणों में मतदान होना है और नतीजे 2 मई को आ जाएंगे. चुनाव पूर्व कई ओपिनियन पोल्स भी सामने आने लगे हैं. इन ओपिनियन पोल्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी पर अपनी 'ममता' बनाए रखी है. भाजपा को इस चुनावी राज्य में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए देखे जाने की संभावना जताई गई है.

सीटों के नुकसान के बाद भी ममता के पास रहेगा जादुई आंकड़ा

पश्चिम बंगाल में टीएमसी का सबसे बड़ा चेहरा 'दीदी' हैं और लोगों का उन पर भरोसा बरकरार है. एबीपी न्यूज-सी वोटर के हालिया सर्वे के अनुसार, टीएमसी के खाते में 150 से 166 सीटें जाने की संभावना है, जो 2016 के विधानसभा चुनाव में मिली 211 सीटों से काफी कम हैं. लेकिन, यह सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े से ज्यादा है. पश्चिम बंगाल में ममता जीत की हैट्रिक लगाने के लिए तैयार दिख रही हैं. हालांकि, टीएमसी को हुए इस नुकसान का सीधा फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है. भगवा दल ने 2016 के विधानसभा चुनाव में 3 सीटें जीती थीं. लेकिन, इस चुनाव में उसे 98-114 सीटें मिल सकती हैं. एबीपी न्यूज ने पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर बीते तीन हफ्तों में तीन अलग-अलग सर्वे जारी किए हैं. इन सभी सर्वे के अनुसार, राज्य में ममता की वापसी निश्चित मानी जा रही है.

टाइम्स नाउ-सी वोटर के सर्वे में भी टीएमसी को 146 से 162 सीटों मिलने की संभावना है. भाजपा के खाते में 99 से 115 सीटें जा सकती हैं. पश्चिम बंगाल में भाजपा बनाम टीएमसी की जैसी हवा बनाई जा रही है, उन तमाम दावों को इन ओपनियन पोल्स ने फुस्स कर दिया है. हालांकि, यह अंतिम नतीजे नहीं हैं, फिर भी जनता का झुकाव ममता बनर्जी की ओर ही नजर आ रहा है. दोनों ही सर्वे में कांग्रेस-वाम दलों के गठबंधन को भी भारी नुकसान होने की संभावना जताई गई है. एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में गठबंधन को 23 से 31 विधानसभा सीटों पर ही जीत मिलती नजर आ रही है, जो 2016 की 76 सीटों के मुकाबले आधे से भी कम है. टाइम्स नाउ-सी वोटर सर्वे के मुताबिक इस गठबंधन को 29 से 37 सीटें मिलने की संभावना है.

सभी सर्वे इशारा कर रहे हैं कि ममता बनर्जी की वापसी तय है.सभी सर्वे इशारा कर रहे हैं कि ममता बनर्जी की सत्ता में वापसी तय है.

वोट शेयर में भाजपा मारती दिख रही है बाजी

एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे के मुताबिक वोट शेयर के मुकाबले में तृणमूल कांग्रेस को भाजपा से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. एबीपी-सी वोटर सर्वे में टीएमसी को 43 फीसदी मिलने की उम्मीद जताई गई है, जो 2016 के विधानसभा चुनाव से डेढ़ फीसदी कम है. भाजपा को 38.4 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जो एक बड़ी बढ़त दिखाता है. 2016 के चुनाव में भाजपा को केवल 10 फीसदी वोट ही मिले थे. कांग्रेस-वाम दलों के गठबंधन को यहां भी नुकसान ही होता दिख रहा है. सर्वे में गठबंधन को 13 फीसदी वोट मिलने की संभावना है, जो 2016 के चुनाव के 25 फीसदी वोट शेयर से काफी कम है.

टाइम्स नाउ-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक सत्तारुढ़ दल को 42.2 फीसदी वोट और भाजपा को 37.5 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. इस सर्वे में भी तृणमूल कांग्रेस को वोट शेयर में 2 फीसदी का नुकसान होता दिख रहा है. टाइम्स नाउ-सी वोटर सर्वे में भी भाजपा का वोट शेयर बढ़ा है. सर्वे के मुताबिक कांग्रेस-वाम दलों का गठबंधन इन दोनों ही पार्टियों के आगे कहीं भी टिकता नजर नहीं आ रहा है. गठबंधन को 14.8 फीसदी वोट ही मिलने की संभावना है.

ममता बनर्जी सीएम रेस में अव्वल

पिछले हफ्ते आए एबीपी-सीएनएक्स के सर्वे में भी टीएमसी को 154 से 164 सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी. भाजपा को इस सर्वे के अनुसार 102 से 112 सीटें मिलती दिख रही थीं. कांग्रेस-वाम दल गठबंधन को 23 से 30 सीटें मिलती नजर आ रही थीं. एबीपी-सीएनएक्स के इस सर्वे में तृणमूल कांग्रेस का वोट शेयर 41.53 फीसदी और भाजपा का 34.22 फीसदी था. कांग्रेस-वाम दलों के गठबंधन को 19.66 फीसदी वोट शेयर ही मिलता दिख रहा था.

अब तक जितने भी ओपिनियन पोल सामने आए हैं, इनसे एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने की दौड़ में ममता बनर्जी ही अव्वल हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में 3 सीटें जीतने वाली भाजपा को फायदा होना भी तय माना जा रहा है. कांग्रेस-वाम दलों के गठबंधन के पास इस विधानसभा चुनाव में करने के लिए कुछ खास नहीं है. गठबंधन इन दोनों ही पार्टियों के बीच की लड़ाई में कहीं भी नजर नहीं आ रहा है.

'ममता सरकार' और 'मोदी सरकार' के कामकाज से खुश हैं लोग

एबीपी-सी वोटर सर्वे के मुताबिक, मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी के कामकाज को 54 फीसदी लोगों ने अच्छा बताया है. ममता के कामकाज को 20 फीसदी लोगों ने औसत और 26 फीसदी ने खराब भी बताया है. वहीं, प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के कामकाज को 46 फीसदी लोगों ने अच्छा और 16 फीसदी ने औसत बताया है. 38 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के कामकाज को खराब बताया है. एबीपी-सी वोटर सर्वे के अनुसार, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री के तौर पर 52 फीसदी लोगों की पहली पसंद ममता बनर्जी हैं. भाजपा के दिलीप घोष 27 फीसदी लोगों की पसंद हैं. भाजपा के ही नेता मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी को मुख्यमंत्री के तौर पर क्रमश: 7 फीसदी और 2 फीसदी लोगों की पसंद हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को 3 फीसदी लोग सीएम के तौर पर देखना चाहते हैं.

ये मुद्दे निभाएंगे चुनाव में बड़ी भूमिका

एबीपी-सी वोटर सर्वे के मुताबिक चुनाव के अहम मुद्दों के मामले में 29 फीसदी लोग मानते हैं कि ममता बनर्जी की द्वारे सरकार योजना की बड़ी भूमिका होगी. टीएमसी के बागियों से चुनाव की रूपरेखा तय होगी, ऐसा मानने वाले 19 फीसदी लोग हैं. एआईएमआईएम द्वारा वोटों के ध्रुवीकरण को मुद्दा मानने वाले लोगों की संख्या 15 फीसदी है. भाजपा में दागी छवि (घोटाले के आरोपियों का जाना) के नेताओं का जाना 8 फीसदी लोगों के लिए बड़ा मुद्दा है. भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार को 6 फीसदी लोगों ने चुनाव की दिशा तय करने वाला मुद्दा बताया है. राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद के मुद्दे पर 5 फीसदी लोगों ने ही भरोसा दिखाया है. वहीं, इन मुद्दों से इतर अन्य मुद्दे चुनाव की दिशा तय करेंगे, ऐसा मानने वाले लोगों की संख्या 18 फीसदी है.

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