New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 31 दिसम्बर, 2017 03:55 PM
शुभम गुप्ता
शुभम गुप्ता
  @shubham.gupta.5667
  • Total Shares

तो एक बार फिर गुजरात की सियासत में पटेल आंदोलन की सुगबुगाहट दिखने लगी है. मगर इस दफ़ा हार्दिक पटेल नहीं बल्कि गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के समर्थक विधायक पटेल आंदोलन कर सकते हैं. ख़बरों के अनुसार मन मुताबिक पद नहीं मिलने से नितिन पटेल नाराज हैं और यही वजह है कि उन्होंने अभी तक पदभार भी नहीं संभाला है. मगर अब उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का समर्थन करते हुए पाटीदार नेता लालजी पटेल ने एक जनवरी को मेहसाणा ‘बंद’ का आह्वान किया है. कुछ खबरें ये भी हैं कि नितिन पटेल भाजपा की नई सरकार में उन्हें दिए विभागों को लेकर नाराज हैं.

पाटीदार नेता लालजी पटेल ने नितिन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की सूरत में पूरे राज्य के बंद के आह्वान की धमकी दी. सरदार पटेल समूह के संयोजक लालजी पटेल ने आज उप-मुख्यमंत्री व उनके दर्जनों समर्थकों के साथ गांधीनगर के अपने सरकारी आवास पर मुलाकात की.

gujarat, nitin patelनितिन पटेल को पटाने में लगी भाजपा

इस पूरे मसले पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का कहना है की अगर नितिन पटेल अपने 10 विधायकों के साथ आयें तो वो कांग्रेस से बात कर सकते हैं. यानी गुजरात में कांग्रेस की उम्मीदें बनती नज़र आ रहीं है. अगर ऐसा होता है तो ये गुजरात की सियासत में अब तक का सबसे बड़ा सत्ता पलट होगा.

वहीं इस पूरे मसले पर नितिन पटेल ने भी चुप्पी तोड़ी है. नितिन पटेल ने संवाददातों से कहा कि ‘मैंने पार्टी हाई कमान को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है और मुझे उम्मीद है कि वे मेरी भावनाओं पर उचित प्रतिक्रिया देंगे.’ उप मुख्यमंत्री ने कहा- 'यह कुछ विभागों की बात नहीं है, यह आत्मसम्मान की बात है.' राज्य की पिछली सरकार में पटेल के पास वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे लेकिन इस बार उन्हें सड़क एवं भवन और स्वास्थ्य जैसे विभाग आवंटित किये गये हैं.

मतलब अब जब बात आत्मसम्मान पर ही है तो क्या भाजपा पटेल का सम्मान लौटाने के लिए उन्हें फिर से नए विभाग देगी? वहीं ख़बरों के अनुसार नितिन पटेल को महत्वपूर्ण विभाग इसलिए नहीं दिए गए क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री के अनुसार नितिन पटेल ने गुजरात चुनाव में कोई खास मेहनत नहीं की या उनका कोई खास योगदान नज़र नहीं आया. इसी कारण उन्हें मनचाहे विभाग नहीं दिए गए.

अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस मसले को कैसे हल करती है. क्योंकि अगर कांग्रेस पटेल को कहती है कि आप अपने विधायकों को लाइए और हम आपको सीएम बनाएंगे तो वाक़ई में कुछ भी हो सकता है.

अपडेट: ताजा खबर ये है कि अमित शाह ने फोन करके नितिन पटेल को मना लिया है. और उनकी नाराजगी दूर हो गई है. यदि कोई समझौता हुआ है तो उसकी पूरी जानकारी अभी बाहर नहीं आई है. लेकिन पटेल के इस विरोध ने पार्टी के भीतर बाकी असंतुष्ट लोगों को मुखर होने का मौका जरुर दे दिया है.

ये भी पढ़ें-

नितिन पटेल को बीजेपी मना भी ले तो क्या, चुनौती तो ये अमित शाह को ही है

राहुल गांधी के बाद ममता बनर्जी को भी समझ आ गयी हिंदुत्व की चुनावी ताकत

तो क्या भाजपा 2017 को अपनी डायरी में सहेजकर रखेगी ?

लेखक

शुभम गुप्ता शुभम गुप्ता @shubham.gupta.5667

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय